इस्‍पात मंत्रालय
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इस्पात उद्योग में ऊर्जा और संसाधन दक्षता को बढ़ावा देते हुए कार्बन उत्सर्जन में कमी और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग के माध्यम से इस्पात उद्योग में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है

Posted On: 06 DEC 2023 4:44PM by PIB Delhi

अल्पावधि (वित्त वर्ष 2030) में देश में इस्पात क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के लिए, ऊर्जा और संसाधन दक्षता को बढ़ावा देकर इस्पात उद्योग में कार्बन उत्सर्जन में कमी और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। मध्यम अवधि (2030-2047) के लिए, हरित हाइड्रोजन आधारित इस्पात बनाने और कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण मुख्य क्षेत्र हैं। लंबी अवधि (2047-2070) के लिए, विघटनकारी वैकल्पिक तकनीकी नवाचार नेट-जीरो में अवस्थांतर को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।

इसके अलावा, इस्पात उद्योग में डीकार्बोनाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम निम्नानुसार हैं:

  1. इस्पात क्षेत्र का डीकार्बोनाइजेशन करने के विभिन्न स्तरों पर विचार-विमर्श करने और सिफारिश करने के लिए उद्योग, शिक्षाविदों, थिंक टैंकों, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निकायों, विभिन्न मंत्रालयों और अन्य हितधारकों की भागीदारी के साथ 13 कार्यबल गठित किए गए।
  2. इस्पात स्क्रैप रीसाइक्लिंग नीति, 2019 इस्पात निर्माण में कोयले की खपत को कम करने के लिए घरेलू रूप से उत्पन्न स्क्रैप की उपलब्धता बढ़ाती है।
  3. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की है। इस मिशन में इस्पात क्षेत्र को भी हितधारक बनाया गया है।
  4. मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का पंजीकरण एवं कार्य) नियम सितंबर 2021 में इस्पात क्षेत्र में स्क्रैप की उपलब्धता बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
  5. जनवरी 2010 में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय सौर मिशन सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है और इस्पात उद्योग के उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करता है।
  6. राष्ट्रीय उन्नत ऊर्जा दक्षता मिशन के अंतर्गत निष्पादन, उपलब्धि और व्यापार (पीएटी) योजना इस्पात उद्योग के ऊर्जा खपत को कम करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  7. इस्पात क्षेत्र ने आधुनिकीकरण और विस्तार परियोजनाओं में विश्व स्तर पर उपलब्ध सर्वोत्तम प्रौद्योगिकियों (बीएटी) को अपनाया है।
  8. जापान की नई ऊर्जा और औद्योगिक प्रौद्योगिकी विकास संगठन (एनईडीओ) ऊर्जा दक्षता सुधार वाले मॉडल परियोजनाओं को इस्पात संयंत्रों में लागू किया गया है।

यह जानकारी इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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