गृह मंत्रालय

आईसीजेएस का चरण-II

Posted On: 05 DEC 2023 3:18PM by PIB Delhi

देश में स्थापित आपराधिक न्याय आपूर्ति के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणालियों में मुख्य रूप से क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स यानी सीसीटीएनएस (पुलिस के लिए), ई-फॉरेंसिक्स (फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के लिए), ई-प्रोसिक्यूशन (जन अभियोजकों के लिए), ई-कोर्ट्स (अदालतों के लिए) और ई-प्रिजन्स (जेलों के लिए) शामिल हैं। ये सूचना प्रौद्योगिकी प्रणालियां सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यरत स्टैंड-अलोन प्रणालियां हैं। आईसीजेएस परियोजना का चरण-II निर्बाध डेटा विनिमय के लिए इन स्टैंड-अलोन आईटी प्रणालियों को आपस में जोड़ेगा और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए नई तकनीकें भी प्रदान करेगा। आईसीजेएस चरण-II के उद्देश्य इस प्रकार हैं:-

    1. पुलिस, जेल, फोरेंसिक, अभियोजन और न्यायालयों के विभिन्न डेटा सेटों के बीच सहज एकीकरण की सुविधा प्रदान करना।
    2. डेटा प्रविष्टि में त्रुटियों को कम करके डेटा गुणवत्ता बढ़ाना।
    3. समयबद्ध तरीके से जांच की गुणवत्ता बढ़ाना और परिणामस्वरूप सुनवाई में तेजी लाना। यह कार्य विभिन्न घटकों के बीच आसान पहुंच के माध्यम से होगा।
    4. जांच में उपलब्ध डेटा एनालिटिक्स और आधुनिक उपकरणों का प्रभावी उपयोग सक्षम करना।
    5. निर्णय लेने में कागजी रिकॉर्ड पर निर्भरता कम करना।
    6. "स्मार्ट पुलिसिंग" की ओर बदलाव को सक्षम बनाना।

आईसीजेएस चरण-II के घटक इस प्रकार हैं:-

  1. हार्डवेयर (एप्लिकेशन सर्वर और क्लाइंट-एंड सिस्टम)
  2. आईसीजेएस के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट
  3. आईसीजेएस विकास और प्रबंधन
  4. नेटवर्क कनेक्टिविटी
  5. आईटी अवसंरचना (समर्पित और सुरक्षित क्लाउड-आधारित)
  6. संचालन एवं रखरखाव
  7. जागरूकता एवं क्षमता निर्माण

गृह राज्य मंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह कहा।

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