उप राष्ट्रपति सचिवालय
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति ने सदन में राज्यसभा के पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी
प्रो. स्वामीनाथन के योगदान से भारत को सूखाग्रस्त, खाद्य आयातक देश से ऊपर उठकर खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर देश घोषित करने में सहायता की-उपराष्ट्रपति
डॉ. एम.एस. गिल के निधन से राष्ट्र ने एक सक्षम प्रशासक और एक शानदार सांसद को खो दिया - उपराष्ट्रपति
Posted On:
04 DEC 2023 4:21PM by PIB Delhi
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति श्री जगदीप धनखड़ ने आज सदन में राज्यसभा के पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त किया। राज्यसभा के 262वें सत्र (शीतकालीन सत्र) की शुरुआत में सभापति ने प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन, डॉ. एम.एस. गिल, श्री ललितभाई मेहता, श्रीमती बसंती सरमा और श्री डी.बी. चंद्रे गौड़ा को श्रद्धांजलि दी।
1960 के दशक में भारत में कृषि पुनर्जागरण की मजबूत नींव रखने के लिए 'हरित क्रांति के जनक' प्रोफेसर स्वामीनाथन की प्रशंसा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कृषि और ग्रामीण विकास में लैंगिक विचारों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में उनके योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "उनके योगदान से भारत को सूखाग्रस्त, खाद्य आयातक देश से उठकर खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर घोषित होने में मदद मिली।"
डॉ. एम.एस. गिल को एक "उत्कृष्ट प्रशासक" बताते हुए उपराष्ट्रपति ने याद किया कि मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में डॉ. गिल के कार्यकाल के दौरान ही भारतीय चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का सफलतापूर्वक आगमन हुआ। उन्होंने कहा, "डॉ. एम.एस. गिल के निधन से राष्ट्र ने एक सक्षम प्रशासक, एक विपुल लेखक और एक शानदार सांसद को खो दिया "
श्री ललितभाई मेहता को श्रद्धांजलि देते हुए उपराष्ट्रपति ने एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता और कुशल सांसद के रूप में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में श्री मेहता के योगदान पर प्रकाश डाला।
श्रीमती बसंती सरमा को याद करते हुए, उपराष्ट्रपति ने महिलाओं के उत्थान और बच्चों के अधिकारों के लिए उनकी अटूट वकालत को मान्यता देते हुए, भारत में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए एक योद्धा के रूप में उनकी प्रशंसा की।
उपराष्ट्रपति ने श्री डी.बी. चंद्रे गौड़ा की विरासत की भी सराहना की और उन्हें एक कुशल प्रशासक और प्रतिष्ठित सांसद बताया।
राज्यसभा में उपराष्ट्रपति के वक्तव्य का पूरा पाठ इस प्रकार है-
माननीय सदस्यों, मैं श्री ललितभाई मेहता, श्रीमती बसंती सरमा, प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन, डॉ. एम.एस. गिल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त कर रहा हूं। डॉ. एम.एस. गिल और श्री डी. बी. चंद्रे गौड़ा, इस सदन के पूर्व सदस्य।
श्री ललितभाई मेहता, का 8 जुलाई, 2023 को निधन हो गया। उन्होंने 1999 से 2005 तक गुजरात राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए इस प्रतिष्ठित सदन के सदस्य के रूप में कार्य किया। 30 जुलाई, 1937 को गुजरात के वांकानेर में जन्मे श्री मेहता ने विभिन्न पदों पर रहते हुए समाज को अपनी अमूल्य सेवा प्रदान की जिनमें कला और वाणिज्य कॉलेज, वांकानेर के प्रिंसिपल के रूप में; वांकानेर नगर पालिका के अध्यक्ष और राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में उनका कार्य शामिल है। वह समाज के वंचित वर्गों के विकास के लिए भी गहराई से प्रतिबद्ध थे। श्री ललितभाई मेहता के निधन से देश ने एक प्रख्यात शिक्षाविद्, एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता और एक सक्षम सांसद खो दिया है।
उत्तर पूर्व से महिला सशक्तिकरण की अग्रणी आवाज श्रीमती बसंती सरमा का 8 सितंबर, 2023 को निधन हो गया। उन्होंने लगातार दो बार 1991 से 2002 तक असम राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए इस प्रतिष्ठित सदन के सदस्य के रूप में कार्य किया। 1 मार्च, 1944 को असम के तिनसुकिया जिले में जन्मी श्रीमती बसंती सरमा ने महिलाओं को शिक्षित करने में गहरी रुचि ली और बाल श्रम उन्मूलन के लिए अथक प्रयास किया। इस पवित्र कक्ष में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के विकास के लिए एक योद्धा के रूप में कार्य किया। श्रीमती बसंती सरमा के निधन से, हमने महिला उत्थान की एक कट्टर प्रवक्ता, बच्चों के अधिकारों की चैंपियन और एक आदर्श सांसद को खो दिया है।
देश में 'हरित क्रांति के जनक' प्रो. एम. एस. स्वामीनाथन का 28 सितंबर, 2023 को निधन हो गया। उन्होंने अप्रैल, 2007 से अप्रैल 2013 तक इस सदन के मनोनित सदस्य के रूप में कार्य किया। 7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में जन्मे प्रोफेसर स्वामीनाथन, शिक्षा से पादप आनुवंशिकीविद् थे, ने 1960 के दशक में भारत में कृषि पुनर्जागरण की मजबूत नींव रखी। उन्होंने टिकाऊ कृषि, कृषि और ग्रामीण विकास में लैंगिक विचारों को मुख्यधारा में लाने पर अपने सकारात्मक रुख के लिए वैश्विक प्रशंसा अर्जित की। एक कुशल प्रशासक के रूप में प्रो. स्वामीनाथन ने देश और विदेश में कई विकासात्मक संगठनों का नेतृत्व किया।
उनके अनुपम योगदान ने भारत को सूखे से पीड़ित खाद्य आयातक देश से उभरकर 1971 में खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर घोषित करने में मदद की। उनके मौलिक योगदान को पुरस्कारों के माध्यम से समुचित मान्यता दी गई; 1987 में प्रथम विश्व खाद्य पुरस्कार, 1966 में पद्म श्री, 1971 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, 1972 में पद्म भूषण और 1989 में पद्म विभूषण।
प्रो. एम.एस. स्वामीनाथन के निधन से, देश ने एक सच्चा दूरदर्शी, एक अग्रणी कृषि वैज्ञानिक और एक सक्षम सांसद खो दिया है।
पंजाब की नौकरशाही और राजनीति के एक प्रतिष्ठित व्यक्तिव डॉ. एम.एस. गिल का 15 अक्टूबर, 2023 को निधन हो गया। उन्होंने लगातार दो बार 2004 से 2016 तक पंजाब राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए इस सदन के सदस्य के रूप में कार्य किया।.
14 जून, 1936 को पंजाब राज्य में जन्मे डॉ. गिल 1958 में प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए और केंद्र और पंजाब राज्य सरकार के तहत विभिन्न पदों पर कार्य किया। एक उत्कृष्ट प्रशासक डॉ. गिल ने 1996 से 2001 तक मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में भी कार्य किया और उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें सफलतापूर्वक पेश की गईं। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में युवा मामलों और खेल मंत्रालय और, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन के मंत्री के रूप में भी कार्य किया। डॉ. गिल को वर्ष 2000 में दिए गए प्रतिष्ठित पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए।
डॉ. एम.एस. गिल के निधन से देश ने एक सक्षम प्रशासक, एक विपुल लेखक और एक शानदार सांसद खो दिया है।
श्री डी. बी. चंद्रे गौड़ा का 7 नवंबर, 2023 को निधन हो गया। उन्होंने अप्रैल, 1986 से दिसंबर, 1989 तक कर्नाटक राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए इस प्रतिष्ठित सदन के सदस्य के रूप में कार्य किया।
26 अगस्त, 1936 को कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में जन्मे श्री चंद्रे गौड़ा का चार दशकों से अधिक का शानदार राजनीतिक करियर था। पेशे से वकील श्री चंद्रे गौड़ा का राजनीतिक करियर शानदार रहा, जिसमें 1971-1984 तक तीन बार लोकसभा के सदस्य के रूप में, तीन बार विधान सभा के सदस्य के रूप में और कर्नाटक विधान परिषद का सदस्य रहना शामिल है। वह 1979 से 1980 तक कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे।
श्री डी. बी. चंद्रे गौड़ा के निधन से देश ने एक सक्षम प्रशासक और एक प्रतिष्ठित सांसद खो दिया है।
माननीय सदस्य, हम श्री ललितभाई मेहता , श्रीमती बसंती सरमा, प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन, डॉ. एम.एस. गिल ) और श्री डी. बी. चंद्रे गौड़ा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं।
मैं सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने स्थान पर खड़े हों और दिवंगत लोगों के सम्मान स्वरूप में मौन रखें।
(मौन पालन के बाद)
महासचिव शोक संतप्त परिवारों के माननीय सदस्यों को हमारे गहरे दुख और गहरी सहानुभूति की भावना से अवगत कराएंगे।
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एमजी/एआर/पीएस/एजे
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