कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास

Posted On: 04 DEC 2023 5:54PM by PIB Delhi

सभी युवा भारतीय अर्थव्यवस्था के विस्तार के साथ आने वाले बड़ी संख्या में अवसरों के लिए तैयार हों यह सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के तहत, स्किल इण्डिया मिशन का लक्ष्य कौशल, पुन: कौशल और उन्नयन करना है ताकि  भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बदल जाए। सिम का उद्देश्य भारत के सभी युवाओं को उद्योग कौशल तक पहुंच प्रदान करके भविष्य के लिए तैयार करना है।

सिम के तहत, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) विभिन्न योजनाओं के तहत कौशल विकास केंद्रों/संस्थानों के एक व्यापक नेटवर्क के माध्यम से उत्तर प्रदेश सहित देश भर में युवाओं को प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) आदि के तहत  औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से कौशल, पुन: कौशल और उन्नयन प्रशिक्षण प्रदान करता है। इन योजनाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई): पीएमकेवीवाई योजना ग्रामीण क्षेत्रों सहित देश भर के युवाओं को अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण और पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) के माध्यम से अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग प्रदान करने के लिए है।

जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना: जेएसएस का मुख्य लक्ष्य गैर-साक्षरों, नव-साक्षरों और 15-45 आयु वर्ग के 12वीं कक्षा तक प्राथमिक स्तर की शिक्षा और स्कूल छोड़ने वाले व्यक्तियों, "दिव्यांगजन" और अन्य योग्य मामलों  में उचित आयु में छूट के साथ, को व्यावसायिक कौशल प्रदान करना है। ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी कम आय वाले क्षेत्रों में महिलाओं, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता दी जाती है।

राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस): यह योजना शिक्षुता अधिनियम, 1961 के तहत शिक्षुता कार्यक्रम चलाने वाले औद्योगिक प्रतिष्ठानों को वित्तीय सहायता प्रदान करके शिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने और प्रशिक्षुओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए है। प्रशिक्षण में बुनियादी प्रशिक्षण और नौकरी में प्रशिक्षण/उद्योग में कार्यस्थल पर व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है।

शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस): यह योजना देश भर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए है। आईटीआई उद्योग में कुशल कार्यबल के साथ-साथ युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में आर्थिक क्षेत्रों को कवर करते हुए व्यावसायिक/कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला प्रदान करते हैं।

एमएसडीई की कौशल विकास योजनाओं के तहत उत्तर प्रदेश में पिछले तीन वर्षों के दौरान पीएमकेवीवाई, जेएसएस, एनएपीएस और सीटीएस (आईटीआई) के तहत प्रशिक्षित युवाओं का विवरण इस प्रकार हैं:

 

योजना का नाम

 कुल प्रशिक्षित व्यक्ति

(2020-21 to 2022-23)

पीएमकेवीवाई

3,33,869

जेएसएस

2,64,725

एनएपीएस

1,14,940

सीटीएस

8,74,747

 

पीएमकेवीवाई के तहत, एसटीटी प्रमाणित उम्मीदवारों को प्लेसमेंट के अवसर प्रदान किए गए हैं और चूंकि रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) में पहले से मौजूद कौशल के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शामिल है, इसलिए यह प्लेसमेंट से जुड़ा नहीं है। पीएमकेवीवाई के एसटीटी घटक के तहत, उत्तर प्रदेश राज्य में पिछले तीन वर्षों के दौरान 1,07,727 प्रमाणित उम्मीदवारों में से 51,925 उम्मीदवारों को नौकरी मिलने की सूचना मिली है।

यह जानकारी कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

 

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