कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
अरुणाचल प्रदेश के सिविल सेवकों के लिए चौथा क्षमता निर्माण कार्यक्रम एनसीजीजी, नई दिल्ली में सफलतापूर्वक पूरा हुआ
अब तक अरुणाचल प्रदेश के 113 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है
Posted On:
01 DEC 2023 6:45PM by PIB Delhi
अरुणाचल प्रदेश के सिविल सेवकों के लिए 2-सप्ताह का क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सीबीपी) 1 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) नई दिल्ली में सफलतापूर्वक पूरा हुआ। यह कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री माननीय डॉ. जितेंद्र सिंह के मार्गदर्शन और निर्देशों के अनुसार उत्तर-पूर्व और सीमावर्ती राज्य में शासन और सार्वजनिक सेवा के निष्पादन को और बेहतर बनाने के लिए है। । अगले पांच वर्षों में अरुणाचल प्रदेश के 500 अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए 2022 में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के हिस्से के रूप में, एनसीजीजी ने पहले ही चौथे क्षमता निर्माण कार्यक्रम के 30 प्रतिभागियों सहित 113 अधिकारियों को प्रशिक्षण दे दिया है।
दो सप्ताह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम को एनसीजीजी टीम द्वारा वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया था और इसमें नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देने वाली विशाल जानकारी, ज्ञान, नए विचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान शामिल था। प्रत्येक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए सत्र राज्य की आवश्यकता के आधार पर और अरुणाचल प्रदेश सरकार के परामर्श से एनसीजीजी संकाय द्वारा निर्धारित किए गए थे। यह क्षमता निर्माण कार्यक्रम सिविल सेवकों को उनके संबंधित कार्यस्थलों में नीतियों और कार्यान्वयन के बीच अंतराल को भरने के लिए समर्पित प्रयास करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
समापन सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के महानिदेशक श्री वी. श्रीनिवास ने की। उन्होंने भाग लेने वाले अधिकारियों से कार्यक्रम के दौरान मिले अनुभव का पूरा उपयोग करने और अवसर का लाभ उठाने का अनुरोध किया और उनसे इस ज्ञान को साझा करने और समूहों में काम करने का आग्रह किया जो अच्छे विचारों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है और जिसका उपयोग नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया जा सकता है। उन्होंने सरकारी कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में अरुणाचल प्रदेश के प्रयासों की सराहना की और कार्यक्रम से सीख को प्रदर्शित करने वाली प्रभावशाली प्रस्तुतियाँ देने के लिए अधिकारियों की सराहना की, जिन्हें आवश्यक जानकारी को कवर करने के लिए और बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कार्यक्रमों का समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए तहसील और जिला स्तर पर लगातार निरीक्षण करने की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि सभी कार्यों की समयबद्ध तरीके से निगरानी की जा सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि समग्र विचार अपने आधिकारिक कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने में अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने का है और उनसे नागरिकों को सरकार के करीब लाने के साथ-साथ सेवाओं के वितरण में गंभीरता से काम करने का अनुरोध किया ताकि बेहतर प्रशासन प्राप्त किया जा सके।
अपने स्वागत भाषण और इस कार्यक्रम का पुनरावलोकन करते हुए कार्यक्रम के पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ. बी.एस. बिष्ट ने कहा कि चौथे क्षमता निर्माण के इस कार्यक्रम में, एनसीजीजी ने देश में की गई विभिन्न पहलों जैसे कि इक्विटी और सरकारी हस्तक्षेप, सार्वजनिक नीति और कार्यान्वयन, फिनटेक और समावेशन, सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार, सुशासन के बदलते प्रतिमान , शासन में नैतिक परिप्रेक्ष्य, आपदा प्रबंधन: भारतीय और वैश्विक प्रथाएं, भारत @2047 का दृष्टिकोण: सिविल सेवाओं पर ध्यान, कार्यकारी न्यायपालिका इंटरफ़ेस, डिजिटल प्रशासन: पासपोर्ट सेवा और मदद के मामले का अध्ययन, प्रौद्योगिकी सक्षम शासन, नेतृत्व समन्वय और प्रभावी संचार कौशल , बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी, 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृष्टिकोण, आकांक्षी जिले, व्यवहार परिवर्तन प्रबंधन, डिजिटल भारत, जल संरक्षण: एक गांव जादू पैदा करता है, आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा-एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस), संतृप्ति गांवों में बुनियादी सेवाएं/पूर्वोत्तर क्षेत्र में सेवा योजनाएं, विकास और संरक्षण, आजीविका को बढ़ावा देना: हिमालयी राज्य का मामला, पर्यटन: विकास की संभावनाएं, ग्रामीण आवास, जलस्रोत (वाटरशेड )प्रबंधन के संदर्भ में ग्रामीण विकास का पुनरावलोकन, जलवायु परिवर्तन और इसका प्रभाव जैव-विविधता: नीतियां और वैश्विक प्रथाएं, सार्वजनिक प्रशासन में नवाचार, राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य का अवलोकन, परियोजना योजना, निष्पादन और निगरानी-जेजेएम, केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों को साझा किया ।
प्रतिभागियों को विभिन्न प्रकार की विकासात्मक परियोजनाओं और संस्थानों का अवलोकन करने के उद्देश्य किए जाने वाले दौरों से भी अवगत कराया गया। ये यात्राएं प्रमुख पहलों और संगठनों के बारे में अमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करती हैं, जिनमें भारत की संसद, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान (एम्स), पर्यावरण भवन, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) , नई दिल्ली नगर पालिका (एनडीएमसी), प्रधानमंत्री संग्रहालय और अन्य शामिल हैं, लेकिन यह मात्र इन्हीं तक सीमित नहीं हैं।
चौथे क्षमता निर्माण कार्यक्रम का समग्र पर्यवेक्षण और समन्वय अरुणाचल प्रदेश के पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. बी.एस.बिष्ट, सह-पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. संजीव शर्मा और एनसीजीजी की क्षमता निर्माण टीम के साथ प्रशिक्षण सहायक, श्री ब्रिजेश बिष्ट के साथ किया जा रहा है।
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