पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

जनवरी-नवंबर, 2023 की अवधि के दौरान दिल्ली में दैनिक औसत वायु गुणवत्ता, पिछले 6 वर्षों (कोविड प्रभावित 2020 को छोड़कर) की समान अवधि की तुलना में बेहतर दर्ज की गई

Posted On: 30 NOV 2023 5:59PM by PIB Delhi

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर वर्षा/वर्षा की गति, हवा की दिशा और उसकी गति से काफी प्रभावित होता है, जो प्रदूषकों/कार्बन उत्सर्जन में फैलाव के लिए प्रमुख कारक हैं। अच्छी वायु गुणवत्ता के लिए प्रदूषकों का प्रभावी प्रसार काफी जरूरी है। इसके साथ ही, क्षेत्र के सभी प्राथमिक स्रोतों से प्रदूषकों के उत्सर्जन की मात्रा को भी नियंत्रित करना भी आवश्यक है।

नवंबर, 2023 के दौरान दिल्ली के ऊपर और दिल्ली के बाहर हवा की औसत गति भी लंबी अवधि के लिए अपेक्षाकृत धीमी यानी औसतन केवल लगभग 4 किलोमीटर प्रति घंटे थी और संबंधित महीने के दौरान कई मौकों पर "स्थिर" स्थिति भी देखी गई। प्रदूषकों के प्रभावी प्रसार के लिए कम से कम 10 किलोमीटर प्रति घंटे और उससे अधिक औसतन हवा की गति जरूरी है।

हालांकि, नवंबर के दौरान दिल्ली की ओर आने वाली कम गति वाली उत्तर-पश्चिमी हवाएं देखी गईं, जिससे ऐसे क्षेत्रों से प्रदूषकों के प्रवाह में बढ़ोतरी हुई।

लगातार बारिश के कारण पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में धान की बुआई बाधित होने से इसमें देरी हुई, जिसके कारण ऐसे क्षेत्रों में फसल कटाई में भी देरी हुई। वहीं, नवंबर, 2023 के दौरान तापमान में अपेक्षाकृत कमी के कारण निरंतर "इन्वर्शन" हुआ, जिससे प्रदूषकों को फैलने की लिए जरूरी ऊंचाई में कमी हुई। प्रदूषण की मात्रा कम होने के लिए प्रदूषकों का ऊर्ध्वाधर फैलाव महत्वपूर्ण है।

नवंबर, 2023 में पंजाब और हरियाणा में पराली में आग लगाने की घटना पिछले 3 वर्षों की तुलना में बहुत कम होने के बावजूद उपरोक्त अत्यधिक प्रतिकूल जलवायु और मौसम संबंधी परिस्थितियों ने दिल्ली-एनसीआर में पीएम 2.5 की बढ़ोतरी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। पंजाब और हरियाणा में धान की कटाई का अधिक काम इस साल दीपावली पर्व के आस-पास किया गया, जिससे दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति और अधिक गंभीर हो गई।

ऊपर सूचीबद्ध सभी कारकों के कारण साल 2022 के 320 के मुकाबले क्षेत्र में एक्यूआई का दैनिक स्तर औसतन लगभग 372 हो गया। इस तरह की ही मौसम संबंधी और जलवायु परिस्थितियां नवंबर, 2021 में भी बनी हुई थी, जिसमें एक्यूआई का दैनिक स्तर औसतन 377 दर्ज किया गया था।

उपरोक्त परिस्थिति के बावजूद जनवरी-नवंबर, 2023 के बीच यानी 11 महीने की अवधि के दौरान दिल्ली में दैनिक औसत वायु गुणवत्ता, पिछले 6 वर्षों (कोविड प्रभावित 2020 को छोड़कर) के दौरान समान अवधि की तुलना में सबसे बेहतर दर्ज की गई।

साल 2023 में जनवरी- नवंबर की अवधि के दौरान दिल्ली की दैनिक औसत एक्यूआई 190 दर्ज की गई। इससे पहले साल 2022 में दैनिक औसत एक्यूआई 199, 2021 में 196, 2020 में 172, 2019 में 203 और 2018 में 213 दर्ज की गई थी।

2023 की इस अवधि के दौरान पिछले 6 वर्षों में दैनिक औसत पीएम 2.5 और पीएम 10 की सांद्रता में भी कमी देखी गई है।

साल 2023 में जनवरी-नवंबर की अवधि के दौरान दैनिक औसत पीएम2.5 सांद्रता लगभग 88 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। वहीं, साल 2018 से 2022 (कोविड प्रभावित 2020 को छोड़कर) की इसी अवधि के दौरान यह 90-105 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के बीच थी।

इसी तरह 2023 की इस अवधि के दौरान दिल्ली में दैनिक औसत पीएम10 सांद्रता लगभग 192 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई, जो कि 2018 से 2022 (कोविड प्रभावित 2020 को छोड़कर) की समान अवधि के दौरान 200-230 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के स्तर से काफी कम है।

अत्यधिक प्रतिकूल मौसम और जलवायु संबंधित परिस्थितियों को देखते हुए ग्रेप चरण-III के तहत उपायों को 02.11.2023 से सक्रिय रूप से लागू किया गया, जिससे निवारक उपायों की गति तेज की जा सके व वायु गुणवत्ता में और अधिक गिरावट को रोकने के लिए कुछ प्रतिबंधात्मक उपाय अपनाए जा सकें। एक्यूआई स्तर 450 के आस-पास बढ़ने की आशंका को देखते हुए 05.11.2023 को ग्रेप चरण-IV को भी लागू करने की जरूरत थी।

आयोग ने ग्रेप चरण-III और IV के तहत सभी परिकल्पित कार्रवाइयों को लागू किया और और उसकी गहन निगरानी की।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषकों के प्रसार के लिए अनुकूल परिस्थितियों और ग्रेप के विभिन्न चरणों के तहत निवारक/प्रतिबंधात्मक कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप एक्यूआई में सुधार को देखते हुए 18.11.2023 को ग्रेप के चरण-IV को रद्द कर दिया गया। इसके अलावा औसत वायु गुणवत्ता में और अधिक सुधार होने के साथ 28.11.2023 को ग्रेप के चरण-III को भी वापस ले लिया गया।

आयोग एक बार फिर हितधारकों से वायु प्रदूषण को कम करने से संबंधित सभी, विशेष रूप से वर्तमान में लागू जीआरएपी स्टेज- II की अनुसूची के तहत निर्धारित निर्देशों/दिशानिर्देशों   को प्रभावी ढंग से लागू करने का अनुरोध किया। इसके अलावा नागरिकों से भी बेहतर वायु गुणवत्ता के लिए इस संयुक्त प्रयास में नागरिक चार्टर का अनुपालन करने का अनुरोध किया।

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