विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, नवाचार और समाधान को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्र (पायलट) का मार्ग प्रशस्त किया है
Posted On:
29 NOV 2023 4:44PM by PIB Delhi
भारत में शीघ्र ही भू-स्थानिक नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने तथा देश में भू-स्थानिक डोमेन की उभरती प्रौद्योगिकी समाधान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र होगा।
इस उत्कृष्टता केंद्र (पायलट) की स्थापना के लिए विगत 28 नवंबर, 2023 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के राष्ट्रीय भू-स्थानिक कार्यक्रम, भारतीय सर्वेक्षण विभाग (सर्वे ऑफ़ इंडिया) के राष्ट्रीय भू-सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ जिओ-इन्फार्मेटिक्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी -एनआईजीएसटी), और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) तिरूपति के नविष्कर आई -हब फाउंडेशन के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
एक पायलट के रूप में भूस्थानिक नवाचार एवं अनुसंधान (जियोस्पेचियल इनोवेशन एंड रिसर्च) के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस-सीओई) का लक्ष्य देश में भूस्थानिक क्षेत्र (जियोस्पेचियल डोमेन) की उभरती प्रौद्योगिकी समाधान आवश्यकताओं को पूरा करना है। यह केंद्र नवीन भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी-आधारित ऐसे स्टार्ट-अप्स, उद्योगों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को समर्थन और प्रोत्साहन देगा, जिनका अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों में अनुप्रयोग और प्रभाव है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति के कुछ पहलुओं को लागू करने की दिशा में यह सम्भवतः पहला कदम है। “भू-स्थानिक दिशानिर्देशों को उदार बनाने और इसके लिए नीति लाने के बाद, हम भारतीय सर्वेक्षण विभाग में सुधार लाने की प्रक्रिया में हैं। एक भू-स्थानिक डेटा एक्सचेंज स्थापित करने की योजना है। उन्होंने आगे कहा कि भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी विकसित करने के साथ-साथ अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करने वाले स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए ऊष्मायक (इनक्यूबेटर) भी स्थापित किए जाएंगे।”
प्रोफेसर करंदीकर ने बताया कि भू-स्थानिक डेटा विज्ञान एक उभरता हुआ अंतःविषय (इन्टर-डिसीप्लीनरी) क्षेत्र है जिसमें भू-स्थानिक इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि समर्पित ऊष्मायक (इनक्यूबेटर) स्थापित करने और समर्पित सीओई के माध्यम से क्षमता निर्माण करने के बाद भू-स्थानिक डेटा नीति की सिफारिशों को लागू किया जा सकेगा।
प्रोफेसर करंदीकर ने कहा कि ‘‘डेटा विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) मॉडल का उपयोग करते हुए वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) की यह पूरी अवधारणा अगले 10 वर्षों में बदल सकती है और फिर उस भू-स्थानिक प्लेटफॉर्म के आसपास केंद्रित हो सकती है जिसके माध्यम से भविष्य की खोजों के लिए हम रैखिक प्रारूप (लीनियर फैशन) में हम एआई और मशीन लर्निंग के परस्पर संयोजन से प्रासंगिक (कांटेक्सुअल) और स्थान-आधारित (लोकेशन बेस्ड) दोनों ही प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।’’
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) तिरूपति के निदेशक डॉ. के.एन. सत्यनारायण ने राष्ट्रीय अंतर्विषयक साइबर भौतिक प्रणाली मिशन (नेशनल मिशन ऑन इन्टर-डिसीप्लीनरी साइबर फिजिकल सिस्टम्स-एनएम-आईसीपीएस) के अंतर्गत विकसित प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र (टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब-टीआईएच) के बारे में जानकारी दी और कहा कि प्रौद्योगिकी विकास, क्षमता निर्माण, स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाना और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ ही इन नए क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना टीआईएच की चार प्रमुख गतिविधियां हैंI
भारत के महासर्वेक्षक (सर्वेयर जनरल ऑफ़ इंडिया) श्री हितेश कुमार एस. मकवाना ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन सभी हितधारकों के परामर्श से तैयार किया गया था। उन्होंने कहा कि "हम चुनौतियों को लेकर सावधान हैं और तदनुसार हमें इन सभी चुनौतियों के लिए एक कार्य योजना की आवश्यकता है, जिसके लिए सभी हितधारकों से पूर्ण सहयोग की आवश्यकता होगी।"
डीएसटी में संयुक्त सचिव (भूस्थानिक) श्री सुनील कुमार के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारतीय सर्वेक्षण विभाग (सर्वे ऑफ़ इंडिया–एसओआई) और आईआईटी तिरुपति के अधिकारी भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
डीएसटी वर्तमान प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्रों के साथ-साथ विशेषज्ञों/संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा जिससे कि नवाचार में सहक्रियात्मक परिणाम उत्पन्न करने के लिए एक-दूसरे की क्षमताओं के साथ-साथ सहयोग की शक्ति का लाभ उठाया जा सके। इससे यह सुनिश्चित होगा कि एक ऐसा गतिशील कार्यात्मक मॉडल है जिसमें उन प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जो बाजार की मांगों से प्रेरित हैं।
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(Release ID: 1980909)
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