सूचना और प्रसारण मंत्रालय
कला में निवेश करना और एनिमेशन में प्रतिभाओं को बढ़ावा देना बहुत महत्वपूर्ण है; एनीमेशन बच्चों को स्टोरीटेलिंग का एक सुंदर प्रारूप है: फिल्म निर्माता शुजित सरकार
भारतीय फिल्म उद्योग को एनिमेशन को मुख्यधारा के सिनेमा में शामिल करने की जरूरत है: प्रसाद अजगांवकर, प्रबंध निदेशक, आईरियलिटीज
54वें आईएफएफआई में एनिमेशन फिल्मों पर एक विशेष खंड तैयार किया गया
Posted On:
24 NOV 2023 9:22PM by PIB Delhi
भारत के अग्रणी फिल्म निर्देशक और निर्माता शुजित सरकार ने कहा, “भारतीय फिल्म उद्योग में मौजूद प्रतिभाओं और नवाचार को एनिमेशन फिल्म निर्माण को बढ़ावा देकर प्रेरित किया जा सकता है।” वह आज गोवा में 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में आईरियलिटीज के संस्थापक-प्रबंध निदेशक प्रसाद अजगांवकर के साथ ‘भारतीय फिल्मों में एनमेशन का बढ़ता उपयोग’ शीर्षक वाली एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित किया।
एनिमेशन के सार और इसकी बारीकियों पर जोर देते हुए, शुजित सरकार ने कहा कि भारतीय निर्देशकों और निर्माताओं को एनिमेशन के माध्यम से वृतांत और स्टोरीटेलिंग यानी कहानी कहने की खोज में खुद को शामिल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “एनिमेटेड फिल्मों और स्टोरीटेलिंग को बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य है। डिजनी और पिक्सर जैसे अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय स्टूडियो भारत से स्रोतों का उपयोग कर रहे हैं। हमें घरेलू एनीमेशन उद्योग में फलने-फूलने के लिए भारत में इन प्रतिभाओं की आवश्यकता है। अधिक एनिमेटेड फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए सिनेमाघरों को भी मौके दिए जाने चाहिए। यदि हमारे पास अच्छी पटकथा है तो फिल्म बनाने के लिए किसी भी प्रारूप का उपयोग किया जा सकता है।”
रचनात्मक निर्माता के तौर पर अपनी पहली एनिमेटेड डॉक्यू-फीचर ‘द लाइट: ए जर्नी विदइन’ में ब्रह्म कुमारी संगठन के संस्थापक दादा लेखराज कृपलानी पर एक वास्तविक जीवन की कहानी को चुनने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए, शुजित सरकार ने कहा कि यह मानसिक स्वास्थ्य का विषय है, जिसका ब्रह्माकुमारी द्वारा समाधान किया जाना आज की दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “मैं नए अवसरों की तलाश के लिए इस परियोजना में एक रचनात्मक सलाहकार के रूप में जुड़ा था।”
आईरियलिटीज के संस्थापक-प्रबंध निदेशक प्रसाद अजगांवकर ने कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग में एनिमेशन के माध्यम से दृश्य कहानी कहने की कमी है। एनिमेशन फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक कदम आगे बढ़ने का प्रयास समय की जरूरत है। भारतीय एनिमेटेड फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के बीच मिल रही पहचान पर प्रकाश डालते हुए अजगांवकर ने कहा, “गुरु गोविंद सिंह की पत्नी माता साहिब कौर पर बनी पहली पंजाबी एनिमेटेड फिल्म सुप्रीम मदरहुड का ब्रिटिश संसद में प्रीमियर हुआ।” उन्होंने देश में दर्शकों की कम संख्या के कारण छोटे प्रोडक्शन हाउस द्वारा एनिमेटेड फिल्में बनाने में होने वाली बजट की कमी की समस्या पर भी बात की।
इस अवसर पर बोलते हुए, गॉडलीवुड स्टूडियो के कार्यकारी निदेशक, हरिलाल भानुशाली ने भी कहा कि एनिमेशन एक स्वतंत्र चरित्र का निर्माण करता है जो कहानी के माध्यम से अपने दर्शकों के साथ गहराई से जुड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि दादा लेखराज कृपलानी के जीवन संघर्ष, महिलाओं के अधिकारों के लिए उनकी लड़ाई और ध्यान के महत्व को फिल्म ‘द लाइट: ए जर्नी विदइन’ में एनीमेशन के माध्यम से प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है।
इस साल 54वें आईएफएफआई में 12 एनिमेटेड फिल्में दिखाई जा रही हैं। महोत्सव में स्वदेशी एनिमेटेड फिल्मों के साथ-साथ दुनिया भर से बेहतरीन रचनात्मक एनिमेटेड फिल्मों के प्रदर्शन से भारत में एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) क्षेत्र के विकास को गति और प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
* * *
एमजी/एआर/एमपी/एजे
(Release ID: 1979652)
Visitor Counter : 196