सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) - सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
Posted On:
23 NOV 2023 7:27PM by PIB Delhi
मादक द्रव्यों का सेवन विकार एक ऐसा मुद्दा है जो देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। किसी भी पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है बल्कि उनके परिवारों और पूरे समाज को भी प्रभावित करती है। विभिन्न मनो-सक्रिय पदार्थों के नियमित सेवन से व्यक्ति की निर्भरता बढ़ती है। कुछ पदार्थ यौगिकों से न्यूरो-मनोरोग संबंधी विकार, हृदय संबंधी रोग, साथ ही दुर्घटनाएं, आत्महत्याएं और हिंसा हो सकती है। इसलिए, मादक द्रव्यों के सेवन और निर्भरता को एक मनो-सामाजिक-चिकित्सीय समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए।
राष्ट्रीय औषधि निर्भरता उपचार केंद्र (एनडीडीटीसी), एम्स, नई दिल्ली के माध्यम से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा भारत में मादक द्रव्यों के उपयोग की सीमा और पैटर्न पर पहले व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, शराब भारतीयों द्वारा उपयोग किया जाने वाला सबसे आम मनो-सक्रिय पदार्थ है। इसके बाद कैनबिस और ओपियोइड्स हैं।

नशीली दवाओं की मांग के खतरे को रोकने के लिए, भारत सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) लागू कर रहा है, जो एक व्यापक योजना है जिसके तहत राज्य सरकारों/ केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता निवारक शिक्षा और जागरूकता सृजन, क्षमता निर्माण, कौशल विकास, पेशेवर प्रशिक्षण और पूर्व-नशे के आदी लोगों की आजीविका सहायता, नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए कार्यक्रम और संचालन और रखरखाव के लिए गैर सरकारी संगठन/वीओ नशेड़ियों के लिए एकीकृत पुनर्वास केंद्र (एलआरसीए), किशोरों के बीच नशीली दवाओं के प्रारंभिक उपयोग की रोकथाम के लिए समुदाय आधारित सहकर्मी नेतृत्व हस्तक्षेप (सीपीएलआई), पहचाने गए जिलों में आउटरीच और ड्रॉप इन सेंटर (ओडीआईसी) और जिला नशा मुक्ति केंद्र (डीडीएसी) और (एटीएफ) सरकारी अस्पतालों में नशा उपचार सुविधाओं के लिए प्रदान की जाती है।
इसके अलावा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, स्कूलों पर विशेष ध्यान देने के साथ युवाओं के बीच मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने, और समुदाय तक पहुंचने और अभियान में सामुदायिक भागीदारी और स्वामित्व हासिल करने के उद्देश्य से वर्तमान में देश के सभी जिलों में महत्वाकांक्षी नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) शुरू किया है।

एनएमबीए के तहत एक विशेष पहल एनएमबीए के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों को चलाने और उनके बैनर तले एनएमबीए के संदेश को फैलाने के लिए धार्मिक/आध्यात्मिक संस्थानों का संगठन है। इस दिशा में एक कदम उठाते हुए, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने युवाओं, महिलाओं, छात्रों आदि के बीच एनएमबीए का संदेश फैलाने के लिए इस्कॉन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। समारोह 23 नवंबर 2023 को डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, 15 जनपथ, नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। समारोह में डॉ. वीरेंद्र कुमार, एचएमएसजेई; विभाग के वरिष्ठ अधिकारी; श्री सुंदर गोपाल दास, अध्यक्ष, आईआईवाईसी; और इस्कॉन के अन्य सदस्यों और भक्तों की उपस्थिति रही।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री (एचएमएसजेई) ने देश में नशा मुक्त भारत अभियान के माध्यम से किए गए प्रयासों के बारे में बात की, जिससे इस अभियान को एक जन आंदोलन बनाने में मदद मिली। मंत्री जी ने सभा को अगस्त 2022 में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ ली गई राष्ट्रीय प्रतिज्ञा, रक्षा मंत्री की उपस्थिति में एनसीसी इंटरेक्शन आदि जैसे विशेष कार्यक्रमों के बारे में बताया। नशीली दवाओं के उपयोग के खिलाफ अभियान में हितधारकों को शामिल करने के लिए इसी तरह की गतिविधियां नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं। इस अभियान में आध्यात्मिक संगठनों की भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए, मंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि इस्कॉन के साथ यह सहयोग व्यक्तियों के जीवन को रोशन करने और उन्हें नशे की राह पर जाने से रोकने और मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से मजबूत समाज बनाने में मदद करेगा।

इस्कॉन इंडिया यूथ काउंसिल के अध्यक्ष श्री सुंदर गोपाल दास ने नशीली दवाओं के खिलाफ इतना बड़ा अभियान शुरू करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को बधाई दी। इस क्षेत्र में काम करने के अपने अनुभवों के माध्यम से, उन्होंने एक अनुकूल पारिवारिक और सामाजिक वातावरण के महत्व पर जोर दिया जो मादक द्रव्यों के उपयोग को रोकने के साथ-साथ उस पर काबू पाने में भी मदद करेगा। उन्होंने तंबाकू, शराब और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण राष्ट्र को होने वाले आर्थिक नुकसान पर जोर दिया और नशा मुक्त भारत अभियान में भागीदारी और नशा मुक्त भारत में योगदान देने पर जोर दिया।

इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को विश्वास है कि एनएमबीए के कार्यान्वयन से भारत को नशीले पदार्थों के प्रति संवेदनशील बनाने की दिशा में बढ़ावा मिलेगा।
*******
एमजी/एमएस/केके
(Release ID: 1979295)
Visitor Counter : 1014