शिक्षा मंत्रालय
शिक्षा मंत्रालय ने स्वच्छता के अपने विशेष अभियान 3.0 में पूरे भारत और विदेशों से विद्यार्थियों को शामिल किया
इस दौरान बच्चों को पुनर्चक्रण, पुन: उपयोग और कम उपयोग करने जैसी गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण अनुकूल कार्य प्रणालियों के बारे में जागरूक किया गया
शास्त्री भवन में शिशुओं के लिए शिशुगृह को बच्चों हेतु अनुकूल स्वच्छ वातावरण के साथ 'हमारी बालवाटिका' में परिवर्तित किया गया
Posted On:
08 NOV 2023 6:55PM by PIB Delhi
माननीय केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज शास्त्री भवन में "हमारी बालवाटिका" का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य देश के युवा विद्यार्थियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए शिशुसदन की सुविधाओं में बदलाव लाना है। "हमारी बालवाटिका" कार्यालय के कर्मचारियों तथा उनके बच्चों का कल्याण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई है, जो कामकाज और जीवन के संतुलन के प्रति सरकार की वचनबद्धता के प्रमाण के रूप में सुविधाएं प्रदान करती है।
शिशुसदन में आधुनिक सुविधाएं और रंग-बिरंगा खेल क्षेत्र उपलब्ध कराया गया है, जो छोटे बच्चों के लिए पोषण व सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करता है। इसे आदर्श रूप में जादूई पिटारा के तौर पर तैयार किया गया है, जो बाल आयु के लिए उपयुक्त शिक्षण सामग्री से सुसज्जित है, इससे बच्चों को उचित देखभाल और प्रोत्साहन के साथ ही आनंदमय तरीके से सीखने के माहौल तक पहुंच प्राप्त होती है।
(माननीय केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान "हमारी बालवाटिका" का उद्घाटन करते हुए)
केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने विशेष अभियान 3.0 के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के विषयों को दर्शाने वाली कलाकृतियों से सुसज्जित शिक्षा मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्षेत्रों एवं गलियारों का भी दौरा किया। ये कला से जुड़ी हुई रचनात्मक सामग्रियां विभिन्न कार्यक्रमों तथा गतिविधियों को प्रदर्शित करते हैं, जिनमें पीएम श्री, पीएम पोषण, जादूई पिटारा, पीएम-ईविद्या, बहुविषयक उच्च शिक्षा, मनोदर्पण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्कृष्टता केंद्र और इसके अलावा भी बहुत कुछ शामिल हैं।
(राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के विषय को रेखांकित करती कलाकृतियां)
शिक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्वच्छता के लिए एक जन आंदोलन अर्थात विशेष अभियान 3.0 की शानदार सफलता की घोषणा करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है। इस सहयोगात्मक प्रयास को 16.70 लाख से अधिक स्कूली विद्यार्थियों तथा 62,500 से अधिक उत्साही शिक्षकों ने खुले मन के साथ अपनाया है।
विशेष अभियान 3.0 के दौरान निम्नलिखित सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को स्वीकार किया गया:
- जनभागीदारी की भावना उत्पन्न करते हुए समुदायिक सहयोग के साथ स्कूली बच्चों द्वारा श्रमदान में भाग लिया गया। इसके अलावा, 218 वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों, 156 पहाड़ी इलाकों, रेगिस्तान, 122 सीमावर्ती क्षेत्रों और विदेशों में स्थित लगभग 18 स्कूलों के साथ ही देश के विभिन्न विद्यालयों में श्रमदान किया गया।
(चेन्नई में अन्ना नगर स्थित चिन्मय विद्यालय के विद्यार्थियों ने मरीना बीच की सफाई की)
- विद्यांजलि पहल के माध्यम से मंत्रिमंडल सचिवालय से एनवीएस में 100 मॉनिटर, 100 सीपीयू, 88 कीबोर्ड और 117 माउस का हस्तांतरण किया गया।
- इस अभियान की अवधि के दौरान 30,08,689 रुपये मूल्य के 66,268 किलोग्राम से अधिक कबाड़ में डाले गए फर्नीचर और अन्य कचरे का निपटान किया गया।
- 3 आर फार्मूले के अनुसार पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियों यानी कि विद्यार्थियों को पुनर्चक्रण, पुन: उपयोग और कम उपयोग करने जैसे उपायों के माध्यम से बेकार सामग्री से कला एवं शिल्प बनाना तथा बचाई गई वस्तुओं से कार्यात्मक कृतियां तैयार करना भी सिखाया गया।
- जेएनवी और केंद्रीय विद्यालयों में 1,201 रसोई उद्यानों का विकास किया गया, जिन्हें 'पोषण वाटिका' के नाम से जाना जाता है।
- शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा 66 केन्द्रीय विद्यालयों में स्विचबोर्ड व दीवारों की सफाई एवं कलात्मक सौन्दर्यीकरण हुआ।
- खाद के लिए 19,093 गड्ढों का निर्माण, जिसके परिणामस्वरूप 40,505 किलोग्राम खाद को तैयार किया गया।
- विद्यालयों में 1,086 नये इको क्लब की शुरुआत की गई।
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एमजी/एआर/एनके/एसएस
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