विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर में 6 और 7 नवंबर, 2023 को आयोजित डीएसआईआर-सीआरटीडीएच कॉन्क्लेव-2023 का समापन


कार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय  के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग द्वारा सहायता प्रदान की गई

Posted On: 08 NOV 2023 5:20PM by PIB Delhi

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) 2014-15 में शुरू किए गए अपने कार्यक्रम ‘कॉमन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट हब (सीआरटीडीएच)’ के माध्यम से एमएसएमई समूहों को बेहद जरूरी सहायक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने का प्रयास करता है जो एमएसएमई के लिए आवश्यक नवाचार को प्रोत्साहित और सुविधाजनक बनाता है।  यह कार्यक्रम सम्पूर्ण भारत की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई के महत्व को पहचानता है और यही कारण है कि अनुसंधान एवं विकास विभाग वैज्ञानिक प्रगति, तकनीकी नवाचार और सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता है।

सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित अनुसंधान संस्थानों में स्थापित सीआरटीडीएच ने न केवल उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, बल्कि उनके हितधारकों से सफलता की कहानियां भी निकली हैं जो प्रेरणादायक है‌। ये प्रयास “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं और “वोकल फॉर लोकल” की गति को भी मजबूत कर रहे हैं।  इन बेहतरीन और निरंतर जारी उपलब्धियों को व्यापक दर्शकों के साथ साझा किया जाना चाहिए, इनमें वे लोग भी शामिल हों जो वर्तमान में सीआरटीडीएच नेटवर्क से नहीं जुड़े हैं। इसे देखते हुए, डीएसआईआर ने 6 और 7 नवंबर, 2023 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर में दो दिवसीय डीएसआईआर-सीआरटीडीएच कॉन्क्लेव 2023 का आयोजन किया गया जिसमें सभी समर्थित सीआरटीडीएच ने भाग लिया था और अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया।

डीएसआईआर-सीआरटीडीएच कॉन्क्लेव 2023 का उद्घाटन 6 नवंबर, 2023 को  आईआईटी गांधीनगर के आर एंड डी के डीन प्रोफेसर अमित प्रशांत के स्वागत भाषण के साथ हुआ, जहां प्रोफेसर प्रशांत ने भारत में एमएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. सुजाता चकलानोबिस, वैज्ञानिक जी और प्रमुख-सीआरटीडीएच, डीएसआईआर ने अपने उद्घाटन भाषण में नवाचार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और कहा कि नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का स्तंभ होने के नाते एमएसएमई भारत को वैश्विक अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण केंद्र बनाने में चमत्कार कर सकते हैं।  उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि एमएसएमई की चुनौतियों का समाधान करके आर्थिक विकास को बढ़ाया जा सकता है, रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं और विश्व मंच पर भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित  किया जा सकता है।

डीएसआईआर-सीआरटीडीएच कॉन्क्लेव 2023 में दो रिपोर्टों का अनावरण किया गया।  डीएसआईआर द्वारा तैयार की गई पहली रिपोर्ट ‘सीआरटीडीएच के दस साल – एमएसएमई को सशक्त बनाना और परिवर्तन को प्रोत्साहित करना’ सीआरटीडीएच और उसके हितधारकों की गतिविधियों और उल्लेखनीय उपलब्धियों को प्रदर्शित करती है। दूसरी रिपोर्ट अर्थात् ‘चिंतन शिविर रिपोर्ट – एमएसएमई को सशक्त बनाने वाले सीआरटीडीएच’ डीएसआईआर द्वारा आयोजित पांच चिंतन शिविरों के लिए एमएसएमई की व्यापक चर्चा, संवाद और प्रमुख चुनौतियों को संकलित करने का एक. प्रयास है।

उद्घाटन सत्र सम्मानित अतिथि, डीएसआईआर के सचिव और, सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन कलैसेल्वी के लाइव वीडियो संबोधन के साथ आगे बढ़ा।  उन्होंने शैक्षणिक संस्थान के सहयोग से एमएसएमई को अधिक ‘आत्मनिर्भर’ बनाने में सीआरटीडीएच कार्यक्रम के महत्व के बारे में बात की।

उद्घाटन सत्र डीएसआईआर-सीआरटीडीएच प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ संपन्न हुआ। प्रदर्शनी में व्यक्तिगत सीआरटीडीएच के पोस्टर, ऑडियो विजुअल और सीआरटीडीएच में इनक्यूबेट किए गए इसके संबद्ध एमएसएमई/स्टार्ट-अप के साथ विभिन्न सीआरटीडीएच द्वारा विकसित उत्पादों/प्रोटोटाइप को प्रदर्शित किया गया।  प्रदर्शनी के दौरान इन सीआरटीडीएच की अन्य गतिविधियों और उपलब्धियों को भी प्रदर्शित किया गया।  प्रदर्शनी ने अन्य सीआरटीडीएच के साथ नेटवर्किंग का अवसर दिया और उन्हें अन्य सीआरटीडीएच की विभिन्न उपलब्धियों के बारे में भी बताया।  प्रदर्शनी ने विभिन्न एमएसएमई/स्टार्ट-अप को सीआरटीडीएच में समर्थित/इन्क्यूबेट किए गए अन्य एमएसएमई/स्टार्ट-अप के साथ बातचीत करने का अवसर भी दिया।

दो दिवसीय कार्यक्रमों के दौरान पांच तकनीकी सत्रों में डॉ. जैमिन वासा (अध्यक्ष, गुजरात केमिकल एसोसिएशन और अध्यक्ष मेसर्स वासा फार्माकेम प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद), डॉ. एच.जी. कोशिया (आयुक्त, खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन गुजरात सरकार) , डॉ. विरंची शाह (राष्ट्रीय अध्यक्ष, आईडीएमए और निदेशक, मेसर्स सागा लेबोरेटरीज, अहमदाबाद), श्री गौतम दास (संस्थापक और सीईओ, मेसर्स ऊर्जन क्लीनटेक और पूर्व निदेशक, सिटीबैंक इंडिया), श्री आनंदभाई पटेल (निदेशक, गुजरात अपोलो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेहसाणा) और श्री हिरण्मय महंत (सीईओ, आई-हब अहमदाबाद) ने मुख्य भाषण दिया। तकनीकी सत्रों में संबंधित सीआरटीडीएच और एमएसएमई लाभार्थियों के समन्वयकों द्वारा प्रस्तुति भी दी गई।

कॉन्क्लेव में विभिन्न एमएसएमई, उद्योग संघों, स्टार्टअप्स, छात्रों और शोधकर्ताओं ने अच्छी तरह से भाग लिया और इसमें एक साथ काम करने के लिए संवादों का उपयोगी आदान-प्रदान और सार्थक नेटवर्किंग देखी गई।  कॉन्क्लेव में डीएसआईआर से डॉ रणजीत बैरवा और डॉ सुमन मजूमदार की भागीदारी थी, जिन्होंने समन्वयकों और संभावित एमएसएमई और स्टार्टअप के बीच विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान की।

कॉन्क्लेव का समापन डॉ. सुजाता चकलानोबिस के स्मरणीय संदेश और डॉ. विपिन सी. शुक्ला के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।  इस सम्मेलन ने सीएसआईआर-आईएमएमटी, भुवनेश्वर में होने वाले अगले वर्ष के सम्मेलन के लिए भी मार्ग प्रशस्त किया।

 

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