कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 1 से 30 नवंबर, 2023 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 2.0 शुरू किया
राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 2.0 भारत के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 100 शहरों में 500 स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है
डीएलसी अभियान 2.0 के लॉन्च के पहले सप्ताह में ही 16 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र देश भर में बनाए गए
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को फेस ऑथेंटिकेशन से जमा करने की प्रक्रिया पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाणपत्र जमा करना आसान और निर्बाध बना देगा
Posted On:
06 NOV 2023 4:58PM by PIB Delhi
केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों के 'जीवन जीने में आसानी' के लिए, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रहा है। 2014 में, बायोमेट्रिक का उपयोग करके डीएलसी जमा करना शुरू किया गया था। इसके बाद, विभाग ने आधार डेटाबेस पर आधारित फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम विकसित करने के लिए एमईआईटीवाई और यूआईडीएआई के साथ काम किया, जिससे किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन से एलसी जमा करना संभव हो सके। इस सुविधा के द्वारा, फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के जरिए किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित की जाती है और डीएलसी जेनरेट किया जाता है। नवंबर 2021 में लॉन्च की गई इस महत्वपूर्ण तकनीक ने पेंशनभोगियों की बायो-मीट्रिक उपकरणों पर निर्भरता को कम कर दिया और स्मार्टफोन-आधारित तकनीक का लाभ उठाकर इस प्रक्रिया को जनता के लिए अधिक सुलभ और किफायती बना दिया।
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए डीएलसी/फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग के लिए केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगियों के साथ-साथ पेंशन वितरण प्राधिकरणों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, डीओपीपीडब्ल्यू ने नवंबर 2022 के महीने में 37 शहरों में एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के 35 लाख से अधिक डीएलसी जारी होने के साथ यह अभियान एक बड़ी सफलता थी। 17 पेंशन वितरण बैंकों, मंत्रालयों/विभागों, पेंशनभोगियों के कल्याण संघों, यूआईडीएआई, एमईआईटीवाई, आदि के सहयोग से, 50 लाख पेंशनभोगियों को लक्षित करते हुए, अब देश भर के 100 शहरों में 500 स्थानों पर 1 से 30 नवंबर, 2023 तक एक राष्ट्रव्यापी अभियान 2.0 चलाया जा रहा है।
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग कार्यालयों और सभी बैंक शाखाओं/एटीएम में रणनीतिक रूप से लगाए गए बैनर/पोस्टर के माध्यम से डीएलसी-फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में सभी पेंशनभोगियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। सभी बैंकों ने अपनी शाखाओं में समर्पित कर्मचारियों की एक टीम बनाई है, जिन्होंने अपने एंड्रॉइड फोन में इच्छानुसार ऐप डाउनलोड किए हैं, जो पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए इस तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं। यदि पेंशनभोगी वृद्धावस्था/बीमारी/कमजोरी के कारण बैंक तक पहुंचने मे असमर्थ हैं, तो बैंक अधिकारी इस उद्देश्य के लिए उनके घरों/अस्पतालों का दौरा भी कर रहे हैं।
पेंशनभोगी कल्याण संघ अभियान को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं। उनके प्रतिनिधि पेंशनभोगियों को नजदीकी शिविर में जाकर अपनी डीएलसी जमा कराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अधिकारी भी पेंशनभोगियों को उनके जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए विभिन्न डिजिटल तरीकों के उपयोग में सहायता करने और इस क्षेत्र में हो रही प्रगति की बारीकी से निगरानी करने के लिए देश भर में प्रमुख स्थानों का दौरा कर रहे हैं।
सभी स्थानों पर सभी हितधारकों, विशेषकर बीमार/अत्यंत वृद्ध पेंशनभोगियों के बीच काफी उत्साह देखा गया है। परिणामस्वरूप, इस वित्त वर्ष में अभियान के लॉन्च के पहले सप्ताह के अंत तक 16 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तैयार किए गए हैं, जिनमें से 90 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 9,500 पेंशनभोगी और 80-90 वर्ष की आयु के बीच के 1,09,000 पेंशन भोगी हैं वे अपने घर/स्थान/कार्यालयों/शाखाओं से अपनी डीएलसी जमा कर सकते हैं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश राज्य इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, जहां एक महीने तक चलने वाले अभियान के पहले सप्ताह में ही लगभग 4 लाख डीएलसी जारी किए गए हैं।
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग इस अभियान को पूरे देश में सफल बनाने के लिए अपने सभी प्रयास जारी रखेगा।
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