कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने महात्मा गांधी नेशनल फेलोशिप प्रोग्राम के दीक्षांत समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया
दीक्षांत समारोह का आयोजन 9 आईआईएम में 581 महात्मा गांधी फेलो के लिए किया गया
Posted On:
31 OCT 2023 8:30PM by PIB Delhi
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और 9 प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) की साझा पहल महात्मा गांधी नेशनल फेलोशिप प्रोग्राम के दीक्षांत समारोह को वर्चुअल तरीके से संबोधित किया। यह दिन उन साथियों के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ जिन्होंने इस कठिन एवं परिवर्तनकारी प्रोग्राम को पूरा किया है।
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए घोषणा की कि 581 फेलो को डिस्ट्रक्ट इमरसन सहित आईआईएम में उनके दो साल के अधिगम के आधार पर क्रेडिट दिया जाएगा। सार्वजनिक नीति एवं प्रबंधन में उनके प्रमाण पत्र आधिकारिक तौर पर उनके अकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में दर्ज किए जाएंगे। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत परिकल्पित नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन की दिशा में उठाया गया एक प्रमुख कदम है।
मंत्री ने 'राष्ट्रीय एकता दिवस' पर दीक्षांत समारोह आयोजित करने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और सभी 9 आईआईएम की हार्दिक सराहना की। उन्होंने इस दो वर्षीय फेलोशिप प्रोग्राम को पूरा करने पर आईआईएम के सार्वजनिक नीति एवं प्रबंधन के सभी फेलो को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नेशनल फेलो आधुनिक समय के विश्वकर्मा हैं जिनमें 21वीं सदी को आकार देने की क्षमता है। मंत्री ने कहा कि उन्हें काफी उम्मीद और भरोसा है कि ये युवा मित्र विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपना योगदान देने के लिए कौशल को मिशन तौर पर अपनाएंगे।
साल 2047 तक विकसित भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि हम अपने कार्यबल का विस्तार करें। साथ ही नए कौशल के साथ कुशल बनाते हुए उनका उन्नयन करें। हमारा उद्देश्य भारत को कुशल श्रम बल के एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एमजीएनएफ प्रोग्राम से निकलने वाली युवा प्रतिभाएं स्किल इंडिया डिजिटल पोर्टल का एम्बैस्डर बनेंगी।
यह अब तक का ऐसा पहला उदाहरण है जहां 9 आईआईएम (अहमदाबाद, बेंगलूरु, लखनऊ, जम्मू, कोझीकोड, नागपुर, रांची, उदयपुर और विशाखापत्तनम) ने भारत सरकार के ऐसे प्रोग्राम को साथ मिलकर चलाने में सहयोग दिया है जो केंद्र सरकार के इनपुट के साथ राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के बीच साझा शिक्षा एवं भागीदारी सुनिश्चित करता है।
इस प्रोग्राम के अनूठे डिजाइन ने फेलो को अर्थशास्त्र, प्रबंधन, सार्वजनिक नीति, अनुसंधान, वित्त जैसे विषयगत क्षेत्रों में सही शैक्षणिक अंतर्दृष्टि प्रदान की है। साथ ही इससे प्राप्त अधिगम को उनके डिस्ट्रिक्ट इमरर्सन के दौरान जिला स्तर पर कुछ अनोखे प्रोग्राम के लिए रणनीति बनाने और उसके कार्यान्वयन के लिए इस्तेमाल किया गया है। फेलो को भारत सरकार द्वारा पहले और दूसरे वर्ष के दौरान मासिक वजीफा भी दिया जाता है। यह प्रोग्राम शिक्षा एवं कौशल विकास की ताकत में तालमेल बिठाने का भी प्रमाण है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत परिकल्पित शिक्षा की विभिन्न व्यावसायिक/ धाराओं के बीच एकीकरण भी है।
सभी पात्र फेलो के लिए संबंधित जगहों पर भी भौतिक तौर पर दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। एनसीवीईटी के चेयरपर्सन डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री के संजय मूर्ति, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार श्री नीलांबुज शरण, एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. टी जी सीताराम, संबंधित आईआईएम के निदेशक एवं कार्यक्रम निदेशक भी फेलो के साथ इस वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुए।
अक्टूबर 2021 में लॉन्च किया गया महात्मा गांधी नेशनल फेलोशिप प्रोग्राम के दूसरे चरण में अकादमिक भागीदार के तौर पर नौ आईआईएम के सहयोग से भारत के 33 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के जिलों में 657 फेलो को तैनात किया गया। विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अधिग्रहण एवं ज्ञान जागरूकता (संकल्प) कार्यक्रम के तहत परिकल्पित महात्मा गांधी नेशनल फेलोशिप का उद्देश्य युवा, प्रतिबद्ध एवं डायनेमिक व्यक्तियों के ऐसे समूह की पहचान करना और प्रशिक्षित करना है जो जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे। इससे कौशल प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी और एक जीवंत स्थानीय जिला अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। इसकी अनोखी डिजाइन ने फेलो को आईआईएम में अकादमिक शिक्षा हासिल करने और वहां के शिक्षकों के मार्गदर्शन में चुनौतियों को समझने और क्षेत्र में उन पर अमल करने में मदद मिलेगी। इससे रोजगार बढ़ाने, वृद्धि एवं विकास को गति देने के लिए उत्पादन बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर मौजूद बाधाओं से निपटने में भी मदद मिलेगी।
फेलो ने अपनी फेलोशिप के दौरान ने उन जिलों में नई परियोजनाएं लागू करने में काफी प्रगति की जहां वे तैनात थे। साथ ही उन्होंने रोजगार मेलों और जी20 वर्किंग ग्रुप की बैठक जैसे राष्ट्रीय/ अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भी योगदान दिया। उनकी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान 'स्टोरीज ऑफ चेंज' यानी बदलाव की कहानी नामक एक रिपोर्ट भी जारी की गई।
इसके अलावा, फेलो ने उन लोगों के लिए प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किए गए कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनकी औपचारिक शिक्षा तक सीमित पहुंच हो सकती है। यह आउटरीच कार्यक्रम का दायरा हाशिए पर मौजूद समुदायों, ग्रामीण इलाकों और वंचित लोगों तक विस्तृत है, जिन्हें प्रौद्योगिकी को अपनाने में आमतौर पर बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
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