संस्‍कृति मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

प्रधानमंत्री ने मेरी माटी मेरा देश अभियान की अमृत कलश यात्रा के समापन कार्यक्रम में भाग लिया


देश के हर हिस्से से एकत्रित मिट्टी से तैयार अमृत वाटिका और अमृत महोत्सव स्मारक की आधारशिला रखी

'मेरा युवा भारत' - माय भारत प्लेटफॉर्म की शुरुआत

शीर्ष प्रदर्शन करने वाले तीन राज्यों व केन्‍द्र शासित प्रदेशों- 1. जम्मू और कश्मीर, 2. गुजरात और 3. हरियाणा एवं राजस्थान- को आजादी का अमृत महोत्सव पुरस्कार प्रदान किया

शीर्ष प्रदर्शन करने वाले तीन मंत्रालयों को- 1. विदेश मंत्रालय, 2. रक्षा मंत्रालय; और संयुक्त रूप से तीसरे स्थान के लिए रेल मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय- आज़ादी का अमृत महोत्सव पुरस्कार प्रदान किया

"माय भारत 21वीं सदी में राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा"

"मेरी माटी मेरा देश अभियान इस बात का जीवंत उदाहरण है कि भारत के युवा संगठित होकर कैसे हर लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं"

" बड़ी-बड़ी महान सभ्यताएं समाप्त हो गईं लेकिन भारत की मिट्टी में वो चेतना है जिसने इस राष्ट्र को अनादिकाल से आज तक बचा कर रखा है"

"ये वो माटी है जो देश के कोने-कोने से, आत्‍मीयता और आध्‍यात्‍म, हर प्रकार से हमारी आत्‍मा को जोड़ती है"

"अमृत वाटिका आने वाली पीढ़ी को 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की जानकारी देगी"

"अमृत महोत्सव ने एक प्रकार से इतिहास के छूटे हुए पन्नों को भावी पीढ़ियों के लिए जोड़ दिया है"

"आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान देश ने राजपथ से कर्तव्य पथ तक की यात्रा पूरी की"

"’माय भारत’ भारत की युवा शक्ति का उद्घोष है"

Posted On: 31 OCT 2023 8:33PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर मेरी माटी मेरा देश अभियान की अमृत कलश यात्रा के समापन पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम के साथ आजादी का अमृत महोत्सव समारोह का भी समापन हो गया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने अमृत वाटिका और अमृत महोत्सव स्मारक की आधारशिला रखी और देश के युवाओं के लिए 'मेरा युवा भारत'-माय भारत प्लेटफॉर्म की शुरुआत की।

श्री मोदी ने शीर्ष प्रदर्शन करने वाले तीन राज्यों व केन्‍द्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ मंत्रालयों एवं विभागों को आजादी का अमृत महोत्सव पुरस्कार भी प्रदान किए। शीर्ष प्रदर्शन करने वाले तीन राज्य या केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर, गुजरात तथा संयुक्‍त रूप से हरियाणा और राजस्‍थान तीसरे स्थान के लिए हैं, जबकि शीर्ष प्रदर्शन करने वाले तीन मंत्रालय विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और तीसरे स्‍थान पर संयुक्‍त रूप से रेल मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय हैं।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्तव्य पथ सरदार साहब की जयंती के अवसर पर महायज्ञ का गवाह बना है। महात्मा गांधी की दांडी यात्रा से प्रेरित आजादी का अमृत महोत्सव की 12 मार्च 2021 को शुरुआत को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने 31 अक्टूबर 2023 को सरदार पटेल की जयंती पर आजादी का अमृत महोत्सव का समापन किया। दांडी मार्च यात्रा की तुलना करते हुए जिसमें हर भारतीय की भागीदारी देखी गई, प्रधानमंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव में लोगों की भागीदारी का एक नया रिकॉर्ड बनाने की ओर ध्यान आकर्षित किया। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, "दांडी मार्च ने आजादी की लौ को फिर से प्रज्वलित किया, जबकि अमृत काल भारत की 75 साल पुरानी विकास यात्रा का संकल्प बन रहा है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव का 2 साल लंबा उत्सव 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान के साथ संपन्न हो रहा है। उन्होंने स्मारक की आधारशिला रखने का भी उल्लेख किया जो भावी  पीढ़ियों को आज के ऐतिहासिक संगठन की याद दिलाएगा। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पुरस्कार प्राप्त करने वाले राज्यों, केन्‍द्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों को भी बधाई दी।

उन्होंने बताया कि ऐसे में जब हम हम एक भव्य उत्सव को अलविदा कह रहे हैं, हम माय भारत के साथ एक नए संकल्प की शुरुआत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''21वीं सदी में माय भारत संगठन राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा।''

प्रधानमंत्री ने भारतीय युवाओं की सामूहिक शक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा, "मेरी माटी मेरा देश अभियान इस बात का जीवंत उदाहरण है कि भारत के युवा संगठित होकर कैसे हर लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।" प्रधानमंत्री मोदी ने देश के कोने-कोने से असंख्यक युवाओं की भागीदारी पर प्रकाश डाला और कहा कि पूरे देश से 8500 अमृत कलश कर्तव्य पथ पर पहुंचे और करोड़ों भारतीयों ने पंच प्रण प्रतिज्ञा ली है और अभियान की वेबसाइट पर सेल्फी अपलोड की है।

यह बताते हुए कि आजादी का अमृत महोत्सव के समापन के लिए मिट्टी को एक तत्व के रूप में क्यों इस्तेमाल किया गया, प्रधानमंत्री ने एक कवि के शब्दों को उद्धृत किया और कहा कि यह उस भूमि की मिट्टी है जहां सभ्यताएं फली-फूली हैं, मानव ने प्रगति की और यह उस युग की छाप रखती है। श्री मोदी ने कहा, “भारत की मिट्टी में चेतना है। इसमें एक जीवन रूप है जिसने सभ्यता के पतन को रोका है”, कैसे अनेक सभ्यताएं नष्ट हो गईं, जबकि भारत अभी भी मजबूत खड़ा है। उन्होंने कहा, "भारत की मिट्टी देश के कोने-कोने से, आत्‍मीयता और आध्‍यात्‍म, हर प्रकार से हमारी आत्‍मा को जोड़ती है"। उन्होंने भारत की वीरता की कई गाथाओं पर प्रकाश डाला और शहीद भगत सिंह के योगदान की चर्चा की। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि कैसे हर नागरिक मातृभूमि की मिट्टी से गहराई से जुड़ा हुआ है, प्रधानमंत्री ने कहा, "जीवन क्‍या है अगर वह भारत की मिट्टी का ऋण नहीं चुका रहा है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि दिल्ली पहुंचे हजारों अमृत कलशों की मिट्टी सभी को कर्तव्य की भावना की याद दिलाएगी और प्रत्येक को विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने सभी से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर से आए पौधों को लेकर स्थापित की जाने वाली अमृत वाटिका भावी पीढ़ी को 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की जानकारी देगी। प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को नए संसद भवन में जन, जननी, जन्मभूमि कला के बारे में बताया जिसे देश के सभी राज्यों की 75 महिला कलाकारों ने बनाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि करीब 1000 दिनों तक चले आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) का सबसे सकारात्मक प्रभाव भारत की युवा पीढ़ी पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी ने गुलामी नहीं देखी है और वह स्‍वयं आजाद भारत में पैदा हुए पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि एकेएएम ने लोगों को याद दिलाया है कि विदेशी शासन के दौरान एक भी क्षण ऐसा नहीं था जब आजादी के लिए कोई आंदोलन नहीं हुआ हो और कोई भी वर्ग या क्षेत्र इन आंदोलनों से अछूता रहा हो।

प्रधानमंत्री ने कहा, ''अमृत महोत्सव ने एक प्रकार से इतिहास के छूटे हुए पन्नों को भावी पीढ़ियों के लिए जोड़ा है।'' उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने अमृत महोत्सव को जन आंदोलन बनाया। उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा की सफलता हर भारतीय की सफलता है। लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में अपने परिवारों और गांवों के योगदान के बारे में पता चला। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का जिलावार डेटाबेस तैयार किया गया है।

प्रधानमंत्री ने एकेएएम के दौरान भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में भारत के उदय, चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग, जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन, एशियाई खेलों और एशियाई पैरा खेलों में 100 से अधिक पदक जीतने के ऐतिहासिक रिकॉर्ड, नए संसद भवन का उद्घाटन, नारी शक्ति वंदन अधिनियम का पारित होना, निर्यात, कृषि उपज में नए रिकॉर्ड, वंदे भारत ट्रेन नेटवर्क का विस्तार, अमृत भारत स्टेशन अभियान की शुरुआत, देश की पहली क्षेत्रीय रैपिड ट्रेन नमो भारत, 65,000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण, मेड इन इंडिया 5जी की शुरुआत एवं विस्तार, और कनेक्टिविटी में सुधार के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान की शुरुआत का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “आज़ादी का अमृत महोत्सव के दौरान, देश ने राजपथ से कर्तव्य पथ तक की यात्रा पूरी की। हमने गुलामी के कई प्रतीकों को भी हटा दिया।” उन्होंने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष बोस की प्रतिमा, नौसेना के नए प्रतीक चिन्ह, अंडमान और निकोबार के द्वीपों के प्रेरक नाम, जनजातीय गौरव दिवस की घोषणा, साहिबजादे की स्मृति में वीर बाल दिवस और हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस मनाने के निर्णय का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने संस्कृत के एक श्लोक की व्याख्या करते हुए कहा, "किसी चीज का अंत हमेशा कुछ नए की शुरुआत का प्रतीक होता है।" उन्होंने अमृत महोत्सव के समापन के साथ माय भारत के शुभारंभ का उल्लेख किया और कहा, “माय भारत भारत की युवा शक्ति का उद्घोष है।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह देश के प्रत्येक युवा को एक मंच पर लाने और राष्ट्र निर्माण की दिशा में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने का एक बड़ा माध्यम बनेगा। उन्होंने माय भारत वेबसाइट की शुरुआत के बारे में बताया और कहा कि युवाओं के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों को इस प्लेटफॉर्म पर शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से आग्रह किया कि वे ज्यादा से ज्यादा इससे जुड़ें, भारत को नई ऊर्जा से भरें और देश को आगे बढ़ाएं।

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी प्रत्येक नागरिक के सामान्य संकल्पों की पूर्ति है और एकता के साथ इसकी रक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के 100 साल पूरे होने पर देश इस खास दिन को याद रखेगा। प्रधानमंत्री ने प्रयासों को तेज करने का आग्रह करते हुए कहा, ''हमने जो संकल्प लिया, भावी पीढ़ी से जो वादे किये, उन्हें पूरा करना होगा।'' उन्होंने अंत में कहा, “विकसित देश बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रत्येक भारतीय का योगदान महत्वपूर्ण है। आइए, हम अमृत महोत्सव के माध्यम से विकसित भारत के अमृत काल की एक नई यात्रा शुरू करें”।

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा केन्‍द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर और केन्‍द्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

मेरी माटी मेरा देश

मेरी माटी मेरा देश अभियान उन वीरों और वीरांगनाओं को एक श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। जन भागीदारी की भावना के साथ, इस अभियान में देश भर के पंचायत/गांव, प्रखंड, शहरी स्थानीय निकाय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कई गतिविधियां और समारोह शामिल थे। इन गतिविधियों में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर व्यक्तियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करने के लिए शिलाफलकम (स्मारक) का निर्माण; शिलाफलकम में लोगों द्वारा 'पंच प्रण' प्रतिज्ञा लेना; स्वदेशी प्रजातियों के पौधे लगाना और 'अमृत वाटिका' (वसुधा वंदन) विकसित करना तथा स्वतंत्रता सेनानियों और शहीद स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों (वीरों का वंदन) के सम्मान के लिए अभिनन्दन समारोह शामिल थे।

इस अभियान को भारी सफलता मिली; 36 राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में 2.3 लाख से अधिक शिलाफलकमों का निर्माण हुआ; लगभग 4 करोड़ पंच प्रण प्रतिज्ञा सेल्फी अपलोड की गईं; देशभर में 2 लाख से अधिक 'वीरों का वंदन' कार्यक्रमों का आयोजन हुआ; 2.36 करोड़ से अधिक स्वदेशी पौधे लगाए गए और देशभर में वसुधा वंदन थीम के तहत 2.63 लाख अमृत वाटिकाएं बनाई गईं।

'मेरी माटी मेरा देश' अभियान में अमृत कलश यात्रा भी शामिल है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के 6 लाख से अधिक गांवों और शहरी क्षेत्रों के वार्डों से मिट्टी और चावल का संग्रह किया गया है। गांवों की मिट्टी को प्रखंड स्तर पर मिश्रित किया जाता है और फिर इसे राज्य की राजधानी तक पहुंचाया गया है। राज्य स्तर से हजारों अमृत कलश यात्रियों के साथ मिट्टी राष्ट्रीय राजधानी भेजी गई।

कल, अमृत कलश यात्रा में सभी राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों ने अपने संबंधित ब्लॉकों और शहरी स्थानीय निकायों का प्रतिनिधित्व करते हुए 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना के तहत अपने कलश से मिट्टी को एक विशाल अमृत कलश में डाला। अमृत वाटिका और अमृत महोत्सव स्मारक, जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री ने रखी थी, देश के हर हिस्से से एकत्र की गई मिट्टी से बनाया जाएगा।

मेरी माटी मेरा देश अभियान की परिकल्पना 'आजादी का अमृत महोत्सव' के समापन कार्यक्रम के रूप में की गई थी। भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने का उत्सव मनाने के क्रम में आजादी का अमृत महोत्सव 12 मार्च 2021 को शुरू हुआ। इसके बाद से, पूरे देश में उत्साहपूर्ण जन-भागीदारी के साथ दो लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।

माय भारत

देश के युवाओं को एक ही स्थान पर संपूर्ण-सरकार प्लेटफार्म के रूप में सेवा प्रदान करने के लिए मेरा युवा भारत (माय भारत) को स्वायत्त निकाय के रूप में स्थापित किया जा रहा है। देश के प्रत्येक युवा को समान अवसर प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, माय भारत, सरकार के सभी आयामों के सन्दर्भ में एक सक्षम व्यवस्था प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएगा, ताकि वे अपनी आकांक्षाओं को साकार कर सकें और 'विकसित भारत' के निर्माण में योगदान दे सकें। माय भारत का उद्देश्य युवाओं को सामुदायिक परिवर्तन के अग्रदूत और राष्ट्र निर्माता बनने के लिए प्रेरित करना तथा उन्हें सरकार और नागरिकों के बीच 'युवा सेतु' के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाना है। इस अर्थ में, 'माय भारत' देश में 'युवा के नेतृत्व में विकास' को बढ़ावा देगा।

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एमजी/एआर/एसके


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