विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड-विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (टीडीबी-डीएसटी) भारत की वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने में मेसर्स लेखा वायरलेस सॉल्यूशंस, बेंगलुरु का समर्थन करता है

Posted On: 26 OCT 2023 6:52PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ठीक ही कहा है कि "भारत की प्रगति प्रौद्योगिकी और नवाचार को अपनाने की हमारी क्षमता पर निर्भर करती है।" ये शब्द वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत सरकार की गतिशील पहलों की प्रतिध्वनियां हैं। इन प्रयासों में एक ऐसा बहुआयामी दृष्टिकोण शामिल है,  जिसमें उभरती वायरलेस प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना, वायरलेस संचार उपकरणों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करना एवं रक्षा, स्वास्थ्य सेवा एवं दूरसंचार सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अत्याधुनिक वायरलेस समाधान अपनाने की सुविधा शामिल है। यह मजबूत प्रतिबद्धता प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और वायरलेस संचार के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, देश की समृद्धि और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने के प्रति भारत के समर्पण का उदाहरण देती है।

 

 

इस परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड-टीडीबी) ने मेसर्स लेखा वायरलेस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरु को उनकी अभिनव परियोजना "अंतरिक्ष, रक्षा और विमानन अनुप्रयोगों के लिए रणनीतिक रूप से समुन्नत एसडीआर" हेतु अपने समर्थन की घोषणा की है। यह समझौता भारत में विशेष रूप से वायरलेस संचार के क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का द्योतक है। टीडीबी ने कुल 17.92 करोड़ रुपये में से 4.17 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है।

यह महत्वाकांक्षी पहल वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को सुद्रढ़  करने की अत्यधिक संभावनाएं रखती है। इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य "एंटेयर्स" ब्रांड नाम के अंतर्गत अत्याधुनिक उत्पादों की एक श्रृंखला को बाजार में लाना है। इन उत्पादों में निम्नांकित शामिल हैं :

 

हस्तगत (हैंडहेल्ड) एसडीआर : विशेष रूप से गैर 3जी पीपी अनुप्रयोगों के अंतर्गत सामरिक अनुप्रयोगों के लिए एल, एस और सी बैंड में संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक बहुमुखी हस्तगत (हैंडहेल्ड) एसडीआर है। इस इकाई में बेसबैंड प्रोसेसिंग, पावर एम्पलीफायर और एक एकीकृत एंटीना जैसे आवश्यक घटक शामिल हैं। इस इकाई के महत्वपूर्ण मापदंडों में भार, फॉर्म-फैक्टर, संचार रेंज और बैटरी प्रबंधन शामिल हैं। पर्यावरणीय तनाव जांच (ईएसएस) और विद्युत् चुम्बकीय हस्तक्षेप/विद्युत् चुम्बकीय संगतता (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेन्स/इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉम्पैटिबिलिटी– ईएमआई/ ईएमसी) दोनों के लिए प्रमाणन अनिवार्य है।

. मल्टी-चैनल एसडीआर: हैंडहेल्ड संस्करण के समान लेकिन विस्तारित संचार रेंज की सुविधा के लिए 50 डब्ल्यू आरएफ क्षमता के साथ मैनपैक रूप में डिज़ाइन किया गया है।

.  सैटकॉम एसडीआर: सैटकॉम अनुप्रयोगों के लिए तैयार और एस एंड सी बैंड के भीतर परिचालन।

घ. हाई पावर ऐड-ऑन: यह इकाई विभिन्न ऐड-ऑन पावर मॉड्यूल प्रदान करती है, जिससे निविदाओं के प्रस्ताव हेतु अनुरोध (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल –आरएफपी) की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपयुक्त मॉड्यूल का चयन करने में लचीलापन मिलता है।

प्रस्तावित टैक्टिकल एसडीआर एक ऐसी एकीकृत रेडियो प्रणाली का प्रतिनिधित्व करता है जो वाहन पर लगाए जाने वाले, किसी खम्बे पर स्थापित किए जाने वाले और हैंडहेल्ड रेडियो सहित कई उपयोगी कारकों को समायोजित करता है। यह लाइसेंस प्राप्त और बिना लाइसेंस वाले दोनों बैंडों के भीतर काम करने के साथ ही आवृति में परिवर्तन के लिए भी उपयुक्त  है और पारम्परिक एवं उन्नत डिजिटल तरंग प्रारूपों (वेवफॉर्म्स) दोनों के साथ संगत है। स्वदेशी प्रौद्योगिकी-आधारित यह रेडियो प्रणाली भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक ऐसे आयात विकल्प के रूप में कार्य करती है, जो उपयोग के तरीकों की एक विस्तृत श्रृंखला के अंतर्गत उपयोग करने के लिए आठ अलग-अलग फॉर्म कारकों को प्रस्तावित करती है।

यह परियोजना कठोर परीक्षण और प्रमाणन पर ज़ोर देती है। इन सभी परीक्षणों में राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (नेशनल ऐक्रिडिटेशन बोर्ड फोट टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज-  एनएबीएल) से अनुमोदित एजेंसियों द्वारा अंतिम- उपयोगकर्ता की भागीदारी और प्रमाणीकरण शामिल है। अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सभी उत्पाद पर्यावारणीय तनाव जांच (एनवार्नमेंटल स्ट्रेस स्क्रीनिंग- ईएसएस)  और विद्युत् चुम्बकीय हस्तक्षेप /विद्युत् चुम्बकीय संगतता (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेन्स /इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कॉम्पैटिबिलिटी – ईएमआई/ईएमसी) परीक्षण से गुजरते हैं।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में  प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) के सचिव, श्री राजेश कुमार पाठक ने कहा कि "टीडीबी इस महत्वाकांक्षी परियोजना का समर्थन करने में प्रसन्न है। यह सहयोग नवाचार और प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों को बढ़ावा देने के टीडीबी के दृष्टिकोण को पूरी तरह से प्रदर्शित करता है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि यह परियोजना  भारत की तकनीकी शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ हमारी राष्ट्रीय रक्षा क्षमताओं को भी मजबूत करेगीI प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी)  उत्सुकता से उस सकारात्मक प्रभाव की आशा करता है जो यह परियोजना भारत और उसके बाहर वायरलेस संचार परिदृश्य पर लेकर आएगी।''

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