इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

भारत-अमेरिका के संयुक्त घोषणा-पत्र के चार महीने बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस संदर्भ में तेजी से आगे बढ़ते हुए क्वांटम, एआई और सेमीकंडक्टर पर आईबीएम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं


आईबीएम एनआईइएलआईटी और एमईआईटीवाई के साथ फ्यूचरस्किल्स प्रोग्राम का समर्थन करेगा, और क्वांटम एवं एआई में फ्यूचरडिज़ाइन स्टार्टअप के साथ साझेदारी करेगा

"सेमीकंडक्टर्स, एआई और क्वांटम हमारे शैक्षणिक, स्टार्टअप और नवाचार संबंधी इकोसिस्टम के लिए शानदार अवसर प्रदान करते हैं": राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर

Posted On: 18 OCT 2023 8:05PM by PIB Delhi

आईबीएम ने भारत में एआई, सेमीकंडक्टर और क्वांटम प्रौद्योगिकी में नवाचार को आगे बढ़ाने और इसमें तेजी लाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के संबद्ध तीन संस्थाओं के साथ तीन समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। आईबीएम समूह का उद्देश्य एआई के लिए भारत की व्यापक राष्ट्रीय रणनीति में तेजी लाना, सेमीकंडक्टर में आत्मनिर्भर होने के प्रयासों को मजबूत करना और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को आगे बढ़ाना है।

ये समझौता ज्ञापन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भारत की क्षमता निर्माण करने, बढ़ाने और एआई, सेमीकंडक्टर और क्वांटम उद्योगों में उसके विकास मिशन को बढ़ाने के लिए आईबीएम की विशेषज्ञता तक पहुंचने में मदद करेंगे। इन गतिविधियों का उद्देश्य निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित करना है:

 ● आईबीएम और इंडियाएआई - डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन भारत के लिए एक विश्वस्तरीय राष्ट्रीय एआई इनोवेशन प्लेटफॉर्म (एआईआईपी) स्थापित करने के लिए सहयोग करने का इरादा रखता है जो एआई कौशल, इकोसिस्टम विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, तथा इस तकनीक में भारत के वैज्ञानिक, वाणिज्यिक और मानव-पूंजी विकास का समर्थन करने के लिए एडवांस्ड फाउंडेशन मॉडल और उपयोगी एआई क्षमताओं को एकीकृत करेगा। एआईआईपी एआई प्रौद्योगिकियों और राष्ट्रीय महत्व के मामलों के उपयोग के लिए उनके अनुप्रयोगों में इनक्यूबेशन और क्षमता विकसित करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। एआईआईपी के पास आईबीएम के वाटसॉनक्स प्लेटफॉर्म की उपयोगी क्षमताओं तक पहुंच होगी, जिसमें आवश्यकतानुसार अन्य डोमेन के लिए मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए भाषा, कोड और भू-स्थानिक विज्ञान में मॉडल का उपयोग करने की क्षमता शामिल है।

आईबीएम सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर के लिए इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) का नॉलेज पार्टनर होगा। आईबीएम बौद्धिक संपदा, उपकरण, पहल और कौशल विकास पर आईएसएम के साथ अपने अनुभव को साझा करेगा, जिसका उद्देश्य आधुनिक बुनियादी ढांचे का उपयोग करके सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों जैसे तर्क, उन्नत पैकेजिंग और विविधतापूर्ण एकीकरण एवं उन्नत चिप डिजाइन प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देना है।

आईबीएम और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) क्वांटम कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी, राष्ट्रीय हित के क्षेत्रों में अनुप्रयोगों और एक कुशल क्वांटम कार्यबल में क्षमता का निर्माण करके भारत के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन की प्रगति में सहयोग करने के लिए मिलकर काम करने के अवसरों की भी तलाश करेंगे। ये गतिविधियां कार्यबल सक्षमता; उद्योगों और स्टार्टअप का विकास; आर एंड डी; और क्वांटम सर्विस व अवसंरचना पर ध्यान केंद्रित करेंगी।

इस सहयोग के बारे में केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सेमीकंडक्टर्स, एआई और क्वांटम, ये तीन प्रौद्योगिकियां आने वाले वर्षों में भविष्य को बदल देंगी। ये प्रौद्योगिकियां हमारे शैक्षणिक संस्थानों, स्टार्टअप और नवाचार संबंधी इकोसिस्टम के लिए शानदार अवसर प्रदान करती हैं। इन व्यापक अवसरों में भारत में एक वैश्विक मानक प्रतिभा पूल बनाना भी शामिल है, जो क्वांटम कंप्यूटिंग, एआई और सेमीकंडक्टर में अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम होगा। आईबीएम को बधाई, और मंत्रालय के साथ आपकी साझेदारी के लिए धन्यवाद। मुझे खुशी है कि इतने कम समय में मंत्रालय, आईबीएम और भारत सरकार मिलकर काम करने के लिए एकजुट हुए हैं और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं जो निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।

यह सहयोग भारत की नवाचार क्षमताओं को बढ़ाने में उसके लिए विश्वसनीय भागीदार बनने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। आईबीएम इंडिया और दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक श्री संदीप पटेल ने कहा कि प्रौद्योगिकी के इन तीन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण, मानव-पूंजी और ज्ञान सृजन में सरकार के प्रयासों में सहयोग करना भारत के डिजिटल परिवर्तन और आर्थिक विकास का अभिन्न हिस्सा होगा।

इन योजनाओं के तहत आईबीएम कौशल विकास, इकोसिस्टम को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर, एआई और क्वांटम में अनुसंधान एवं विकास प्रयासों में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इंडियाएआई, आईएसएम और सी-डैक के साथ काम करेगा, इन क्षेत्रों में भारत के नवाचार को आगे बढ़ाने और तेजी लाने की परिकल्पना की गई है।

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