नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की छठी सभा का आयोजन 30 अक्टूबर से 02 नवंबर, 2023 तक नई दिल्ली में किया जाएगा
आईएसए की छठी सभा में भाग लेने के लिए 168 देश पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं, केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह इसकी अध्यक्षता करेंगे
केंद्रीय विद्युत और एनआरई मंत्री ने ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सौर ऊर्जा की भूमिका पर बल दिया; कहा कि सौर उर्जा की तैनाती छोटे आकारों में और विशिष्ट स्थानों में की जा सकती है
“सबसे महत्वपूर्ण योगदान के रूप में आईएसए उन देशों में निवेश लाना चाहता है जिन्हें ऊर्जा तक पहुंच की आवश्यकता है”
“भारत का विश्वास है कि आईएसए का लक्ष्य सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, चिरस्थायी और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करेगा”
“इस वर्ष सौर ऊर्जा में 380 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश होने की उम्मीद है”
Posted On:
18 OCT 2023 6:57PM by PIB Delhi
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की छठी सभा का आयोजन 30 अक्टूबर से 02 नवंबर, 2023 तक नई दिल्ली में किया जाएगा। इस सभा की अध्यक्षता आईएसए सभा के अध्यक्ष और केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, भारत सरकार श्री आर. के. सिंह करेंगें। इस बैठक में आईएसए के 116 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों के मंत्री, मिशन और प्रतिनिधि सहित संभावित देशों, साझेदार संगठनों, निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। आईएसए को भारत और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से पेरिस में सीओपी21 के बाद शुरु किया गया था।
आईएसए की छठी सभा में आईएसए पहलों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जो ऊर्जा पहुंच, ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा अवस्थांतर को प्रभावित करता हैं, इन विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:
- सौर मिनी-ग्रिडों के माध्यम से ऊर्जा पहुंच का सार्वभौमिकरण
- सौर की त्वरित तैनाती के लिए वित्त जुटाना
- सौर के लिए आपूर्ति श्रृंखला और विनिर्माण में विविधता लाना
ऊर्जा परिवर्तन में, सौर उर्जा सबसे आगे: विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री
आईएसए के अध्यक्ष के रूप में केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने आगामी छठी सभा में भाग लेने वाले देशों के दूतावास अधिकारियों के साथ बातचीत की। आज नई दिल्ली में पूर्वावलोकन संवाददाता सम्मेलन में श्री आर के सिंह ने कहा कि सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को ऊर्जा परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। मंत्री ने कहा कि "हमारे अनुभव के अनुसार, नवीकरणीय उर्जा स्रोतों के बीच, सौर उर्जा सबसे आगे है; यह बहुत ज्यादा भरोसेमंद और विश्वसनीय है और वर्ष में ज्यादा महीनों के लिए उपलब्ध है।"
मंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा में क्षमता है कि इसका उपयोग छोटे आकारों में भी किया जा सकता है, जो इसे ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सबसे उपयुक्त बनाता है। उन्होंने कहा कि “जब हमने ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए अपने अभियान की शुरुआत की, तो सौर उर्जा ने एक प्रमुख भूमिका निभाई। इसमें सौर ऊर्जा का उपयोग होता है जिसके माध्यम से हमने पहाड़ियों और रेगिस्तान में कई घरों को रोशन किया। इसमें मिनी-ग्रिडों के माध्यम से विशिष्ट गांवों में तैनात होने की क्षमता है। सार्वभौमिक पहुंच के लिए, सौर उर्जा एक समाधान है। यही आएसए को महत्वपूर्ण बनाता है।”
"आईएसए की प्राथमिक भूमिका उन देशों और लोगों को ऊर्जा उपलब्ध कराना है जिनकी ऊर्जा तक पहुंच नहीं हैं"
श्री सिंह ने कहा कि आईएसए की विशेषता दक्षिण के लिए ऊर्जा परिवर्तन में भी निहित है। उन्होंने कहा, “चुनौती उन 75 करोड़ लोगों को ऊर्जा उपलब्ध कराने की है जिन्हें ऊर्जा तक पहुंच नहीं है। विश्व की अंतरात्मा को जागरुक करने की आवश्यकता है। आईएसए के अस्तित्व में आने के 5-6 वर्षों में भी, हम उन देशों को आगे आते नहीं देखते हैं जो इन 75 करोड़ लोगों की मदद करने में सक्षम हैं। आईएसए में हमारा अभियान इन 75 करोड़ लोगों की मदद के लिए एक साथ लाना है। इस तरह हम अपनी भूमिका को परिभाषित करते हैं - ऊर्जा पहुंच से वंचित देशों की मदद करना, ऊर्जा तक उन्हें पहुंच प्रदान करना।”
"ऊर्जा पहुंच ऊर्जा परिवर्तन के केंद्र में है"
मंत्री ने सरकार के विश्वास को साझा करते हुए कहा कि किसी भी ऊर्जा परिवर्तन के लिए ऊर्जा पहुंच बहुत महत्वपूर्ण है। "हम ऊर्जा पहुंच के बिना ऊर्जा परिवर्तन नहीं कर सकते हैं और पहुंच शुद्ध होनी चाहिए और यह ग्रह की कीमत पर नहीं होनी चाहिए। आईएसए वास्तव में यही कर रहा है। हम देशों को सलाह देते हैं कि इसे कैसे करना है, सौर उर्जा का उपयोग करके विद्युतीकरण कैसे करें, हम उन्हें नियामक संरचनाओं और भौतिक संरचनाओं की स्थापना में मदद करते हैं, जैसे कि उत्पादन को ट्रांसमिशन और वितरण से कैसे जोड़ा जाता है। हम अपनी लागत पर उन्हें विशेषज्ञ उपलब्ध कराते हैं। मंत्री ने बल देकर कहा कि आईएसए का सबसे महत्वपूर्ण योगदान यह सुनिश्चित करना है कि निवेश दक्षिण देशों में पहुंचे।
एक संगठन के रूप वैश्विक स्तर पर में आईएसए की प्रभावशीलता पर बल देते हुए, श्री आरके सिंह ने कहा कि आईएसए के 124 हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिनमें से 94 ने पुष्टि की है और यह अपने जैसे अन्य ऊर्जा संगठनों की तुलना में बहुत बड़ा है। “आईएसए अंतरराष्ट्रीय और अंतरमहाद्वीपीय है और इसका विस्तार हो रहा है। हमारा मानना है कि ऊर्जा परिवर्तन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।”
केंद्रीय विद्युत और एनआरई मंत्री ने यह भी कहा कि छठी आईएसए सभा में भाग लेने के लिए 96 देशों ने पहले ही पंजीकरण करा लिया है, जिनमें 20 मंत्री भी शामिल हैं। श्री सिंह ने कहा कि “इसमें बहुपक्षीय विकास बैंक और अन्य हितधारक जैसे अन्य संगठन भी भाग लेंगे। हम भारत मंडपम में सभा आयोजित करने का प्रस्ताव करते हैं, जिसने हाल ही में जी-20 की मेजबानी की है।”
"नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता में वृद्धि करने में सौर ऊर्जा प्रमुख भूमिका निभा रहा है"
मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में इस बात पर लगभग पूर्ण सहमति है कि ऊर्जा का परिवर्तन होना चाहिए और उत्सर्जन को जल्द से जल्द कम करना चाहिए। “उत्सर्जन में कमी की गति उतनी तेज नहीं है जितनी पहले हुआ करती थी। समय गुजरता जा रहा है। वैश्विक तापमान पहले ही 1.01 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। जहां तक उर्जा परिवर्तन का संबंध है, सौर उर्जा इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा में वृद्धि करने में सौर ऊर्जा की क्षमता किसी भी अन्य स्रोतों की तुलना में ज्यादा है।”
मंत्री ने कहा कि ऊर्जा परिवर्तन में हाइड्रो की भी आवश्यक भूमिका है। “ग्रिड को संतुलित करने में हाइड्रो की महत्वपूर्ण भूमिका है। कई देशों में 50% से ज्यादा ऊर्जा हाइड्रो से प्राप्त होती है और यह अच्छी तरह से काम कर रही है। कुल मिलाकर, हाइड्रो समय की कसौटी पर खरा उतरा है, हमारे पास पनबिजली परियोजनाएं हैं जो 60 और 70 के दशक से काम कर रही हैं।”
“भारत का विश्वास है कि आईएसए का लक्ष्य सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, चिरस्थायी और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करेगा”: सचिव, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा
श्री भूपिंदर सिंह भल्ला, सचिव, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर करने और इसकी पुष्टि करने वाले देशों की संख्या वर्ष 2018 के 47 के मुकाबले दोगुनी होकर 94 हो गई है। सचिव ने कहा कि अन्य 22 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं और समझौते की पुष्टि करने की प्रक्रिया में हैं। श्री भल्ला ने कहा कि आईएसए का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिवर्तन, राष्ट्रीय स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा और स्थानीय स्तर पर ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, “भारत का विश्वास है कि ये लक्ष्य सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, चिरस्थायी और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करेंगे। आईएसए अपने सदस्य देशों में इन परिवर्तनों को लाने के लिए पूर्ण रूप से अनुकूल है। आईएसए के कार्यक्रम सौर अनुप्रयोगों और प्रौद्योगिकियों के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करते हैं। आईएसए सौर क्षमता का प्रदर्शन करने वाली परियोजनाओं को 50,000 अमेरिकी डॉलर तक के अनुदान वाली वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है। आईएसए स्टार-सी पहल के माध्यम से प्रशिक्षित मानव संसाधनों की उपलब्धता को भी सुविधाजनक बनाता है। वर्चुअल ग्रीन हाइड्रोजन इनोवेशन सेंटर को आईएसए द्वारा संचालित किया गया था, जिसे भारत की जी-20 अध्यक्षता में जुलाई, 2023 में ऊर्जा परिवर्तन मंत्रिस्तरीय बैठक में लॉन्च किया गया। हम आगे बढ़ रहे हैं और भारत आईएसए के विस्तार और मजबूती के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है।”
हम देशों में राष्ट्रीय कार्यक्रमों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाले अनेक स्टार-सी केंद्र बनाने के लिए आशान्वित हैं: महानिदेशक, आईएसए
मीडिया को संबोधित करते हुए, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के महानिदेशक, डॉ. अजय माथुर ने कहा कि आईएसए पूरी दुनिया की परियोजनाओं में 9.5 गीगावॉट सौर ऊर्जा के विकास का समर्थन कर रहा है। उन्होंने कहा, “इन परियोजनाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण संस्थागत विकास को समर्थन प्रदान करना है। इसमें बोली लगाने के लिए संस्थागत अवसंरचना की स्थापना, विनियमों का निर्माण, परियोजनाओं का प्रदर्शन और परियोजनाओं को चलाने की क्षमता शामिल है। विभिन्न प्रकार के क्षमता निर्माण कार्यक्रम चल रहे हैं। हम देशों में राष्ट्रीय कार्यक्रमों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाले अनेक स्टार-सी केंद्र बनाने के लिए आशान्वित हैं। अगले वर्ष सभा में, हम विभिन्न देशों द्वारा परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान करने की उम्मीद करते हैं।”
"इस वर्ष सौर ऊर्जा में 380 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की उम्मीद है"
आईएसए के महानिदेशक ने सौर ऊर्जा में निवेश के बारे में कहा कि सौर ऊर्जा में पिछले वर्ष 310 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश हुआ था और इस वर्ष इसके 380 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। “यह विद्युत उत्पादन क्षेत्र में जीवाश्म ईंधन में उच्चतम निवेश की तुलना में अनुकूल है। इसलिए, ये संख्याएं बड़ी हैं।”
"विकासशील देशों में, छोटे सौर में ज्यादा निवेश करने की आवश्यकता है"
महानिदेशक ने कहा कि समस्या यह है कि अधिकांश निवेश ओईसीडी देशों और चीन में हो रहा है। उन्होंने कहा, “इसलिए हमें इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि बाकी दुनिया में सौर ऊर्जा को कैसे अपनाया जा सकता है। दूसरा, अधिकांश निवेश बड़े सौर उर्जा में किया जा रहा है; हमें इस बात पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि छोटे सौर उर्जा तक कैसे पहुंच सकते हैं जैसे जमीन से उपर सौर छतें और सौर मिनी-ग्रिड आदि। तीसरा, केवल एक या दो देशों में ही विनिर्माण का केन्द्रीकरण है; हमें यह देखने की आवश्यकता है कि हम इसे भौगोलिक रूप से ज्यादा विविध कैसे बना सकते हैं।”
"आईएसए की योजना सीओपी28 में सौर स्टॉकटेक को वैश्विक स्टॉकटेक का पूरक करना है"
महानिदेशक ने कहा कि आईएसए सौर स्टॉकटेक की योजना बना रहा है जो सीओपी28 के दौरान वैश्विक स्टॉकटेक का पूरक होगा। "हम नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को तीन गुना करने और सौर स्टॉकटेक करने में सीओपी प्रेसीडेंसी का समर्थन करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जो सीओपी28 में वैश्विक स्टॉकटेक का पूरक होगा। ग्रीन हाइड्रोजन इनोवेशन सेंटर की वेबसाइट (https://isa-ghic.org/) पहले से ही चल रही है। अफ्रीका में अफ्रीकी ग्रीन हाइड्रोजन एसोसिएशन की बैठक में एक प्रशिक्षण पहले ही किया जा चुका है। हम सोलर फॉर शी जैसे नए कार्यक्रमों की भी प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो महिलाओं द्वारा नवीकरणीय उर्जा देखेगा, हमारा लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं सौर उर्जा क्षेत्र में उद्यमी बनें। हम ग्लोबल सोलर फैसिलिटी और सोलरएक्स स्टार्टअप चैलेंज के बारे में सभा को अपडेट करेंगे।
संवाददाता सम्मेलन देखने के लिए यहां क्लिक करें।
आईएसए सचिवालय ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार, एशियाई विकास बैंक और अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा सोसायटी के सहयोग से 01 नवंबर, 2023 को स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए नई प्रौद्योगिकियों पर एक उच्च स्तरीय सम्मेलन का आयोजन करने भी योजना बनाई है। यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन और सौर ऊर्जा तैनाती से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित होगा।
आईएसए तीन प्रमुख रिपोर्ट भी जारी करेगा जो सौर प्रौद्योगिकी, सौर बाजार और सौर निवेश पर अपडेट प्रदान करेगा।
विश्व सौर प्रौद्योगिकी रिपोर्ट 2023 सौर फोटोवोल्टिक (सौर पीवी) पर केंद्रित है, जो क्रिस्टलीय सिलिकॉन प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डालता है। सौर पीवी में असाधारण वृद्धि हुई है और यह 2050 तक कुल नवीकरणीय ऊर्जा की 56.4% हिस्सेदारी पर कब्जा कर सकता है। क्रिस्टलीय सिलिकॉन प्रौद्योगिकी का 98% हिस्सेदारी के साथ बाजार पर मजबूत पकड़ है; विशेष रूप से, मोनोक्रिस्टलाइन और उभरती प्रौद्योगिकियां जैसे ऑर्गेनिक पीवी और पेरोवस्काइट पीवी, जो भविष्य के लिए आशाजनक हैं।
विश्व सौर बाजार रिपोर्ट 2023 सौर बाजार के विकास का एक व्यापक विश्लेषण प्रदान करती है, अपने यूरोपीय मूलस्थान से लेकर अपने वर्तमान नेतृत्व एशिया-प्रशांत क्षेत्र तक, एक उल्लेखनीय 37% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर, 2022 में महत्वपूर्ण बाजार विस्तार और सौर उर्जा अपनाने में क्षेत्रीय गतिशीलता में बदलाव आदि।
विश्व सौर निवेश रिपोर्ट 2023 वैश्विक सौर निवेश में 2022 में वृद्धि पर प्रकाश डालती है, 300 बिलियन डॉलर से ज्यादा (2021 की तुलना में 36% ज्यादा)। एशिया प्रशांत, यूरोप और उत्तरी अमेरिका ने चीन, जर्मनी और अमेरिका के साथ शीर्ष निवेश स्थलों के रूप में नेतृत्व किया। एक मजबूत सौर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए, रिपोर्ट का मानना है कि हमें ग्रिड अवसंरचना और भंडारण में निवेश करना चाहिए, आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लानी चाहिए और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए उभरते बाजारों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
आईएसए सभा
आईएसए सभा, आईएसए के लिए निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व होता है। यह निकाय आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते के कार्यान्वयन और इसके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए समन्वित कार्रवाई से संबंधित निर्णय लेता है। आईएसए की सीट पर मंत्री स्तर पर प्रत्येक वर्ष सभा की बैठक होती है। यह सौर ऊर्जा की तैनाती, निष्पादन, विश्वसनीयता, लागत और वित्त के संदर्भ में कार्यक्रमों और अन्य गतिविधियों के समग्र प्रभाव का आकलन करता है।
109 देश आईएसए फ्रेमवर्क समझौते के हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिनमें से 90 देशों ने आईएसए के पूर्ण सदस्य बनने हेतु सत्यापन के लिए के आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। भारत के पास आईएसए सभा के अध्यक्ष का पद है, जिसमें फ्रांसीसी गणराज्य की सरकार सह-अध्यक्ष है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के संदर्भ में
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन 109 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह पूरी दुनिया में ऊर्जा की पहुंच और सुरक्षा में सुधार के लिए सरकारों के साथ काम करता है और पर्यावरण अनुकूल भविष्य में पहुंचने के एक स्थायी तरीके के रूप में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देता है। आईएसए के मिशन 2030 में सौर ऊर्जा में एक लाख करोड़ डॉलर का निवेश करना है, जबकि प्रौद्योगिकी और इसके वित्तपोषण की लागत कम करना है। यह कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है। आईएसए के सदस्य देश नीतियों और नियमों को लागू करके, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करके, साझा मानकों पर सहमत होकर और निवेश जुटाकर बदलाव ला रहे हैं। इस कार्य के माध्यम से, आईएसए ने सौर परियोजनाओं के लिए नए व्यापार मॉडल की पहचान, डिजाइन और परीक्षण किया है; कारोबार में सुगमता लाने वाली सोलर एनालिटिक्स और सलाह के माध्यम से सरकारों को अपने ऊर्जा कानून और नीतियों को सौर-अनुकूल बनाने के लिए समर्थन दिया है; विभिन्न देशों से सौर प्रौद्योगिकी की मांग को एक साथ लाया है, जिससे लागत में कमी हुई है; जोखिमों को कम करके वित्त तक आसान पहुंच बनाकर क्षेत्र को निजी निवेश के लिए और आकर्षक बनाया है और सौर इंजीनियरों और ऊर्जा नीति निर्माताओं के लिए सौर प्रशिक्षण, आंकड़े और समझ तक पहुंच में बढ़ोतरी की है।
आईएसए का गठन 2015 में पेरिस में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के पार्टियों के 21वें सम्मेलन (सीओपी21) में किया गया था। इसकी बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी), विकास वित्तीय संस्थानों (डीएफआई), निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, नागरिक समाज और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी है जिससे सौर ऊर्जा के माध्यम से विशेष रूप से कम विकसित देशों में ( एलडीसी) और लघु द्वीप विकासशील क्षेत्रों (एसआईडीएस) में लागत प्रभावी और परिवर्तनकारी ऊर्जा समाधान प्रदान किया जा सके।
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