मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
सागर परिक्रमा का नौवा चरण मछुआरों से उनके घरों पर मिलने, कठिनाइयों और शिकायतों को सुनने, गांव स्तर की जमीनी हकीकत देखने, दीर्घकालीन स्तर पर मछली पकड़ने को प्रोत्साहित करने और सरकारी पहलों के अंतिम छोर के मछुआरों तक पहुंचने को सुनिश्चित करने में सहायता करेगी
केंद्रीय मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने बढ़ती मांग को पूरा करने में मछली किसानों की अहम भूमिका और अथक परिश्रम करने वाले मछुआरों और मछली किसानों के अमूल्य योगदान की प्रशंसा की
श्री परषोत्तम रूपाला ने मछुआरों, मछली किसानों और अन्य हितधारकों जैसे लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड से सम्मानित किया
Posted On:
08 OCT 2023 8:02PM by PIB Delhi
श्री परषोत्तम रूपाला ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन के साथ संयुक्त सचिव, डीओएफ, श्रीमती नीतू कुमारी प्रसाद, मुख्य कार्यकारी, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, डॉ. एल.एन मूर्ति और मछुआरा कल्याण, तमिलनाडु सरकार, केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी, तटरक्षक बल आदि की उपस्थिति में सागर परिक्रमा नौवें चरण के दूसरे दिन के कार्यक्रम का नेतृत्व किया। सागर परिक्रमा चरण नौंवे के दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत थारंगमबाड़ी मछली लैंडिंग केंद्र में मछुआरों और महिलाओं द्वारा मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों के गर्मजोशी से स्वागत के साथ शुरू हुआ।
श्री परषोत्तम रूपाला ने अपने संबोधन में कहा कि मछुआरों के सामने आने वाली चुनौतियों पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि आजीविका में सुधार के लिए देश भर से मछुआरों की मांग पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अलग मत्स्य पालन विभाग की स्थापना की। जमीनी हकीकत के आधार पर विकास के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है। उन्होंने मत्स्य पालन क्षेत्र में ग्रामीणों के योगदान की भी सराहना की और मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण अंतराल को खत्म करने के बारे में विस्तार से बात की। साथ ही, उन्होंने बताया कि प्री-सैचुरेशन सागर परिक्रमा नौवा चरण, 5 दिनों से अधिक समय 30 सितंबर 2023 से 6 अक्टूबर 2023 के लिए आयोजित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि तमिलनाडु तट पर 11 ज़िलों के 64 स्थानों और पुदुचेरी के 2 जिलों के 21 स्थानों पर केसीसी, पीएमएमएसवाई और एफआईडीएफ को लेकर अभियान चलाया जा रहा है और अन्य आउटरीच गतिविधियां भी आयोजित की गईं । अभियान में लगभग 3084 मछुआरों, मछली पालकों ने भाग लिया है। अभियान के दौरान, निम्नलिखित गतिविधियाँ जैसे शिकायतें, मुद्दे, केसीसी आवेदन वितरण और प्राप्ति आदि की गईं। परिणामस्वरूप, 531.30 लाख रुपये के केसीसी आवेदनों को मंजूरी दी गई है, जिसमें तमिलनाडु और पुडुचेरी के 8 जिलों को कवर किया गया है, और 1599 मछुआरों, मछली किसानों, मछुआरा समितियों आदि को लाभ हुआ है।
डॉ. एल मुरुगन ने सागर परिक्रमा के हाल के आठ चरणों के बारे में जानकारी दी, जिसे मछुआरों, महिलाओं और अन्य हितधारकों ने खूब सराहा। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि तमिलनाडु देश में समुद्री मत्स्य पालन में अग्रणी होने की अपार संभावनाएं रखता है। इसके साथ-साथ समुद्री मछली पकड़ने के उचित नियमों, समुद्री मछली लैंडिंग में स्वच्छता और साफ–सफ़ाई तथा तकनीक के विकास में नेतृत्वकर्ता है।
सागर परिक्रमा का लक्ष्य “बेहतर कल के लिए मछली” है और यहीं स्थायित्व का मिलन आजीविका से होता है। सागर परिक्रमा केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, श्री परषोत्तम रूपाला के नेतृत्व में एक अनूठी मेगा फिशर आउटरीच पहल है। यह पहल मछुआरों से उनके घरों पर मिलने, उनकी चुनौतियों और शिकायतों को सुनने, गांव स्तर की जमीनी हकीकतों को देखने, मछली पकड़ने में स्थायित्व को प्रोत्साहित करने और सरकारी योजनाओं को, मछुआरों के अंतिम छोर तक पहुंचाने में मदद करेगी।
सागर परिक्रमा नौंवे चरण, के पहले दिन का कार्यक्रम 7 अक्टूबर 2023 को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के तिरुवंदनई से शुरू हुआ और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के कराईकल फिश लैंडिंग सेंटर पर समाप्त हुआ। श्री परषोत्तम रूपाला ने राज्य मंत्री (एफएएचडी), डॉ. एल. मुरुगन के साथ पुडुचेरी के उपराज्यपाल, डॉ. (टीएमटी) तमिलिसाई सुंदरराजन और अन्य सार्वजनिक अधिकारियों की उपस्थिति में मछुआरों, मछुआरा महिलाओं के साथ बातचीत की और पीएमएमएसवाई केसीसी के लाभों पर प्रकाश डाला। साथ ही, घरेलू मछली उपभोग रणनीति के विकास के संबंध में भी चर्चा की गयी. इसके साथ ही कार्यक्रम में लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड, स्कूटी विद आइसबॉक्स आदि देकर सम्मानित भी किया गया।
पुदुचेरी के मइलादुथुराई जिले के थारंगमबाड़ी मछली लैंडिंग सेंटर से जारी परिक्रमा मछुआरों, मछली किसानों और मछुआरा समुदाय के प्रतिनिधियों के सहयोगात्मक प्रयासों की गवाह बनी। श्री परषोत्तम रूपाला ने मछली की बढ़ती मांग को पूरा करने में मछली किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया तथा भोजन और जीविका के महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करने के लिए अथक परिश्रम करने वाले मछुआरों और मछली किसानों के अमूल्य योगदान को भी स्वीकार किया। मछुआरों, मछली किसानों जैसे लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की मंजूरी देकर सम्मानित किया गया। लाभार्थी निम्नलिखित हैं i) देवराज, ii) चिन्नादुरई एम, iii) पोन्नम्बलम। आर, iv) सुधर्मन के, v) विजयकुमार एम, vi) वीरमणि वी, vii) रवि ए, viii) सेल्वामणि टी, ix) सुथकर वी, x) अरुमुगम के। इसके अलावा, श्री रूपाला ने लाभार्थियों से आगे आकर मछली पालकों और संबद्ध गतिविधियों के लिए केसीसी के लाभ का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने स्वयंसेवकों से पीएमएमएसवाई, केसीसी जैसी योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करने का भी अनुरोध किया ताकि लाभार्थी इसका लाभ उठा सकें।
श्री परषोत्तम रूपाला ने डॉ. एल. मुरुगन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों के साथ वर्चुअल माध्यम से और व्यक्तिगत रूप से बातचीत की, मत्स्य पालन क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की और सरकारी योजनाओं के बारे में बताया। लाभार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लेकर बायोफ्लॉक, आरएएस, झींगा उत्पादन, कोल्ड स्टोरेज के विकास आदि प्रौद्योगिकियों के बारे में चर्चा की। श्री परषोत्तम रूपाला इस बात से बेहद प्रसन्न हुए कि एक इंटरैक्टिव सत्र में मछुआरों, मछली किसानों को अपनी जमीनी हकीकत, अनुभव साझा करने और अपनी चुनौतियों को बताने में मदद मिली जैसे, मछली पकड़ने से संबंधित नियमों और विनियमों का मानकीकरण। इंटरैक्टिव सत्र के माध्यम से, मछली किसानों ने मछली पालन के अपने तरीके और अपनी आमदनी के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा, उन्होंने मछुआरों, मछली किसानों और अन्य हितधारकों जैसे लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड से सम्मानित किया। निम्नलिखित लाभार्थी रहे i) कदल पुकल महिला स्वयं सहायता समूह, ii) जैशमिन महिला स्वयं सहायता समूह, iii) इलाकियावानी, iv) कालवी रामलिंगम, v) चंद्रा शिवलिंगम, vi) मुरुगेश्वरी, vii) बी विजया, viii) अभिशा, ix )सतीस कुमार। सागर परिक्रमा चरण-IX के दौरान “मत्स्य सम्पदा जागृति अभियान” को भी समानांतर रूप से चलाया गया।
इसके पश्चात सागर परिक्रमा नौवा चरण तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के कुड्डालोर फिशिंग हार्बर तक पहुंची। मंच कार्यक्रम की शुरुआत मछुआरों और मछुआरा महिलाओं द्वारा मंत्रियों और वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों के गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुई। डीओएफ के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी, डीओएफ के संयुक्त सचिव नीतू कुमारी प्रसाद और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डॉ. एल मुरुगन के साथ श्री परषोत्तम रूपाला ने निम्नलिखित मछुआरों के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत की i) श्री सेंथिल कुमार, ii) श्रीमती पल्लवी, iii) श्री सत्य कीर्ति, साथ ही निम्नलिखित मछुआरों के साथ उनके जीवन और आजीविका के तरीके के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत रूप से बातचीत की i) श्री प्रदीप, ii) श्री पवनधन, iii) श्री कंधन। बातचीत में तटीय गांव के मछुआरों ने मंत्री महोदय के सामने विभिन्न मांगें रखी।
कार्यक्रम के मौके पर डॉ. अभिलक्ष लिखी ने आज तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले के अथुर मछली बीज पालन केंद्र का दौरा किया और मछली किसानों और एफसीएस सदस्यों के साथ बातचीत की और बताया कि इस केंद्र के आधुनिकीकरण का वित्त पोषण भारत सरकार की एफआईडीएफ योजना के तहत किया गया है।
लगभग 10,700 मछुआरों, विभिन्न मत्स्य पालन हितधारकों और विद्वानों ने विभिन्न स्थानों से सागर परिक्रमा के नौवे चरण कार्यक्रम में भौतिक रूप से भाग लिया जिनमें लगभग 4,200 महिला मछुआरे थीं। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब, एक्स जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से भी किया गया।
दिन में, कार्यक्रम जारी रहेगा और पुडुचेरी में मंच कार्यक्रम की योजना बनाई गई है जहां श्री परषोत्तम रूपाला, अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे, कई लाभ वितरित करेंगे, परियोजनाओं का भूमि पूजन/उद्घाटन करेंगे और सभा को संबोधित करेंगे। सागर परिक्रमा का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में होगा और इससे आजीविका के अधिक अवसर पैदा होंगे। सागर परिक्रमा मछुआरों, अन्य हितधारकों की समस्याओं को हल करने में सहायता करेगी और प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), मत्स्य सम्पदा जागृति अभियान (एमएसजेए) और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जैसी भारत सरकार की विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान में सहायता प्रदान करेगी।
आगे बढ़ते हुए, सागर परिक्रमा नौंवे चरण पूमपुहार फिशिंग हार्बर तक पहुंची। श्रीमती नीतू कुमारी प्रसाद द्वारा एक परिचयात्मक भाषण दिया गया। सागर परिक्रमा नौवे चरण पर प्रकाश डालते हुए उन्होने मछुआरों, महिलाओं, मछली किसानों और अन्य हितधारकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। मछुआरे, मछली किसान जैसे लाभार्थी संबोधन सुनने के बाद प्रसन्न हुए और कार्यक्रम के महत्व और उनके जीवन में आने वाले बदलाव से खुद को जोड़ सके।
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