वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के व्यापार और वित्त मंत्रियों की बैठक हाइब्रिड मोड में 27 सितंबर, 2023 को आयोजित की गई
भारत ने व्यापार और निवेश, डिजिटलीकरण, सीमा पार भुगतान प्रणाली, हरित अर्थव्यवस्था और सशक्त आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलों पर प्रकाश डाला
Posted On:
29 SEP 2023 1:59PM by PIB Delhi
किर्गिस्तान के बिश्केक में किर्गिज गणराज्य की अध्यक्षता में विदेशी आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों के लिए उत्तरदायी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों (व्यापार मंत्रियों) के मंत्रियों की 22वीं बैठक 27 सितंबर, 2023 को आयोजित की गई थी। भारत की ओर से, भारत सरकार की केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सुश्री अनुप्रिया पटेल ने वर्चुअल तौर पर भाग लिया। एससीओ मंत्रियों ने 'एससीओ सदस्य देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को गहरा करने की संभावनाएं और उपाय' विषय पर अपने दृष्टिकोण साझा किए।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने फार्मास्यूटिकल, इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल डिवाइस, एसी, एलईडी, सोलर पीवी मॉड्यूल, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी, ऑटोमोबाइल और मोटर वाहन पुर्जों जैसे क्षेत्रों में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए घरेलू उद्योगों को सहायता प्रदान करने सहित भारत द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास, उद्योग और सेवा क्षेत्र में निवेश का भी स्वागत किया।
सुश्री अनुप्रिया पटेल ने किर्गिज गणराज्य को उसकी अध्यक्षता के लिए बधाई दी, साथ ही, नए सदस्य देश के रूप में ईरान का स्वागत किया। उन्होंने परस्पर लाभदायक, संतुलित और न्यायसंगत विकास के लिए क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों का उपयोग करने पर जोर दिया और इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एससीओ क्षेत्र में वैश्विक आबादी का 40 प्रतिशत और विश्व की अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत हिस्सा है। इसलिए एससीओ क्षेत्र के भीतर व्यापार बढ़ाने की अत्यधिक संभावना है।
जुलाई, 2023 में एससीओ के राष्ट्र प्रमुख के अध्यक्ष के रूप में भारत के सफलतापूर्वक कार्यकाल के समापन के बारे में चर्चा करते हुए, सुश्री पटेल ने कहा कि इस दौरान सहयोग के पांच नए स्तंभ और फोकस क्षेत्र - स्टार्टअप और नवाचार, पारंपरिक चिकित्सा, डिजिटल समावेशन, युवा सशक्तिकरण और साझा बौद्ध विरासत का सृजन किया गया, जो यह दर्शाता है कि भारत 'बहुआयामी सहयोग' के लिए प्रयासरत है। सुश्री पटेल ने यह भी कहा कि वाराणसी को 2022-23 के लिए एससीओ की 'सांस्कृतिक और पर्यटन' राजधानी के रूप में नामित किया गया है। भारत सदस्य देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है।
उन्होंने बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के मूल सिद्धांतों और लक्ष्यों की सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और जैव विविधता के संरक्षण के महत्वपूर्ण क्षेत्रों सहित कई प्रमुख समस्याओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने आगाह किया कि विश्व मंच पर जलवायु एजेंडे का इस्तेमाल व्यापार और निवेश सहयोग को प्रतिबंधित करने वाले उपायों को पेश करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने डिजिटल विभाजन के अंतर को कम करने के लिए डिजिटलीकरण के महत्व पर भी जोर दिया और भारत के डिजिटलीकरण के बारे में भी चर्चा की, जिसकी दुनिया भर में सराहना हो रही है।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने एक ऐसे एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एससीओ मंच का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया जो एक मजबूत, सशक्त और उन्नत व्यापार प्रणाली बनाने के लिए समावेशी एवं विकासोन्मुख है और हमारी साझा आकांक्षाओं की नींव है। उन्होंने स्टार्टअप और इनोवेशन पर भारत की स्थायी अध्यक्षता में एक विशेष कार्य समूह के निर्माण में समर्थन के लिए सदस्य देशों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा पर एक विशेषज्ञ कार्य समूह के निर्माण के लिए उनके समर्थन की भी सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने एससीओ के सदस्य देशों को पारंपरिक चिकित्सा पर विशेषज्ञ कार्य समूह की पहली बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जो नवंबर 2023 में गुजरात के जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र में आयोजित होगी।
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