सहकारिता मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र में मुंबई विश्वविद्यालय और सहकार भारती द्वारा आयोजित माननीय लक्ष्मणराव इनामदार स्मृति व्याख्यान में संबोधन दिया

Posted On: 23 SEP 2023 9:25PM by PIB Delhi


लक्ष्मणराव इनामदार जी में सहकार का तत्व, सिद्धांत और सहकारिता के अंदर व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए बौद्धिकता थी, इसी से उन्होंने इतने वर्षों तक 'सहकार भारती' का मार्गदर्शन किया

कोई व्यक्ति निस्वार्थ जीवन कैसे जी सकता है, इसके बारे में जानने के लिए गुजरात के सार्वजनिक क्षेत्र के लोगों से इनामदार जी के बारे में जानना चाहिए

वकील साहब अपने साथ काम करने वाले कार्यकर्ता को संस्कारों से सिंचित कर उन्हें अमूल्य बना देते थे, एक लोहे जैसा कार्यकर्ता उनके स्पर्श में आते ही सोने जैसा हो जाता था

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन कर कोऑपरेटिव आंदोलन में एक नई जान डालने और इसे फिर से गति देने का काम किया है

भारत में आज़ादी के बाद सहकारिता ने सोशलिस्ट और कैपिटलिस्ट मॉडल्स के बीच का एक मॉडल देने का बहुत अच्छा प्रयास किया, जिसमें कोऑपरेशन और सबके हित की कल्पना लेकर आगे बढ़ने का विचार था

सहकारिता मॉडल हमारे देश के लिए बहुत उपयुक्त है क्योंकि हमें आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार, mass production और production by masses भी चाहिए, mass production से देश के अर्थतंत्र को गति मिलेगी और production by masses से देश के हर व्यक्ति को रोजगार मिलेगा

देश के अर्थतंत्र से जुड़ी संस्थाओं के साथ सहकारिता क्षेत्र का बेहतरीन संयोजन ही भारत को आगे बढ़ा सकता है

प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 से 2023 तक देश के उन 60 करोड़ लोगों, जो देश के अर्थतंत्र का हिस्सा ही नहीं थे, को बैंक अकाउंट, घर, पीने का पानी, बिजली, गैस कनेक्शन और शौचालय दिया, जिससे इन 60 करोड़ लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ

इन 60 करोड़ लोगों को देश के विकास में योगदान देने, Women-led Development को आगे बढ़ाने, ग्रामीण विकास को महत्व देकर शहरों की ओर पलायन रोकने और हर व्यक्ति को देश के अर्थतंत्र के साथ जोड़ने का सहकारिता के सिवा कोई और मॉडल नहीं हो सकता

मोदी जी ने निर्णय लिया है कि आने वाले 5 सालों में 3 लाख नए पैक्स बनाएंगे और हर पंचायत में एक पैक्स होगा और यह पैक्स मल्टीडाइमेंशनल होंगे

मोदी सरकार ने 20 प्रकार की नई गतिविधियों को पैक्स के साथ जोड़कर इन्हें वायबल बना दिया है, सरकार ने मॉडल बायलॉज बनाकर सभी राज्यों को भेजे हैं और देश के 23 राज्यों ने इन मॉडल बायलॉज को स्वीकार कर लिया है

मोदी सरकार आने वाले दिनों में सहकारिता क्षेत्र में कई नए कदम उठाने जा रही है, जिनसे कोऑपरेटिव का भविष्य और उज्जवल होने जा रहा है

मुंबई विश्वविद्यालय ने लक्ष्मणराव इनामदार जी के नाम से एक पीठ स्थापित कर उनके विचारों को विद्यार्थियों के माध्यम से युगों-युगों तक पहुँचाने की नींव रखी है

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज महाराष्ट्र में मुंबई विश्वविद्यालय और सहकार भारती द्वारा आयोजित माननीय लक्ष्मणराव इनामदार स्मृति व्याख्यान में संबोधन दिया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस और मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि लक्ष्मणराव जी महाराष्ट्र में जन्मे और गुजरात को उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया और पूरा जीवन गुजरात के युवाओं के प्रेरणास्त्रोत बने। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों के बड़े नेतों और कार्यकर्ताओं का सृजन लक्ष्मणराव इनामदार जी को मिला। उन्होंने कहा कि इनामदार जी द्वारा गढ़े और तैयार किए हुए अनेक कार्यकर्ताओं ने उनके द्वारा दिए संस्कारों के आधार पर गुजरात के सार्वजनिक जीवन को महिमामंडित करने का काम किया है। वकील साहब अपने साथ काम करने वाले कार्यकर्ता को संस्कारों से सिंचित कर उन्हें अमूल्य बना देते थे और एक लोहे जैसा कार्यकर्ता उनके स्पर्श में आते ही सोने जैसा हो जाता था। श्री शाह ने कहा कि गुजरात का सार्वजनिक जीवन आज शुचितायुक्त है, इसमें इनामदार जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि मुंबई विश्वविद्यालय ने लक्ष्मणराव इनामदार जी के नाम से एक पीठ स्थापित कर उनके विचारों को विद्यार्थियों के माध्यम से युगों-युगों तक पहुँचाने की नींव रखी है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देशभर के सहकारिता क्षेत्र के प्रमुख नेताओं में आज लक्ष्मणराव जी को सभी लोग आदरपूर्वक याद करते हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के इन सभी नेताओं में से अकेले इनामदार जी एक ऐसे नेता थे जो किसी भी सहकारी समिति के ना तो सदस्य थे, ना ही पदाधिकारी थे लेकिन फिर भी सहकारिता क्षेत्र में उनका योगदान बहुत बड़ा था। श्री शाह ने कहा कि लक्ष्मणराव इनामदार जी में सहकार का तत्व, सिद्धांत और सहकारिता के अंदर व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए बौद्धिकता थी और इसी से उन्होंने इतने वर्षों तक 'सहकार भारती' का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ये इनामदार जी के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज सहकार भारती एक अलग आयाम के साथ यहां खड़ी दिखाई देती है।

श्री अमित शाह ने कहा कि कोई व्यक्ति निस्वार्थ जीवन कैसे जी सकता है और जीता है और इससे किस प्रकार की सुगंध फैलती है, इसके बारे में जानने के लिए गुजरात के सार्वजनिक क्षेत्र के लोगों से इनामदार जी के बारे में जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनामदार जी ने अनेक लोगों को जीवन जीने का उद्देश्य दिया, उसे प्राप्त करने का हौसला भी दिया और उद्देश्य प्राप्ति के रास्ते से कभी ना भटकने का साहस भी दिया।

 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत में सहकारिता आंदोलन 1904 से आया और देखते-देखते महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, मध्य भारत, तमिलनाडु और बंगाल में सहकारिता आंदोलन फैलने लगा। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद सहकारिता ने सोशलिस्ट और कैपिटलिस्ट मॉडल्स के बीच का एक मॉडल देने का बहुत अच्छा प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अन्य दो मॉडल्स में स्टेट और मार्केट की कल्पना थी, लेकिन सहकारिता मॉडल में कोऑपरेशन और सबके हित की कल्पना लेकर आगे बढ़ने का विचार था। श्री शाह ने कहा कि शुरुआती दिनों में कई लोगों ने सहकारिता के क्षेत्र को एक नई दिशा और संस्कार देने का काम किया। उन्होंने कहा कि इसके कारण कोऑपरेटिव के कई उत्कृष्ट मॉडल इस देश में  सामने आए और विशेषकर ग्रामीण विकास और कृषि विकास का एक बहुत बड़ा माध्यम सहकारिता क्षेत्र बना। उन्होंने कहा कि 1960, विशेषकर 1967, के बाद सहकारिता क्षेत्र में राजनीतिक दखल बढ़ने लगा और धीरे-धीरे देश के अर्थतंत्र में भी गिरावट आई और इसके कारण सहकारिता आंदोलन को बहुत क्षति पहुंची।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज सहकार के उत्कृष्ट मॉडल अमूल के तहत देश में 36 लाख बहनें 60,000 करोड़ रूपए का दूध का व्यापार करती हैं और इनमें से एक भी बहन की पूंजी 100 रूपए से अधिक नहीं लगी है। उन्होंने कहा कि गुजरात, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र, की समृद्धि में कोऑपरेटिव का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता मॉडल हमारे देश के लिए बहुत उपयुक्त है क्योंकि हमें आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार, mass production और production by masses भी चाहिए। उन्होंने कहा कि mass production से देश के अर्थतंत्र को गति मिलेगी और production by masses से देश के हर व्यक्ति को रोजगार मिलेगा । श्री शाह ने कहा कि देश के अर्थतंत्र से जुड़ी संस्थाओं के साथ सहकारिता क्षेत्र का बेहतरीन संयोजन ही भारत को आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि सहकारिता का मॉडल मानवता-केन्द्रित मॉडल है। आज देश में 30 करोड़ सदस्यों के साथ साढ़े 8 लाख कोऑपरेटिव समितियां हैं, 93,000 पैक्स (PACS) हैं, 2 लाख दुग्ध समितियां हैं और इफ्को, कृभको, अमूल जैसी कई विश्वप्रसिद्ध सहकारी संस्थाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत के 12 कोऑपरेटिव बैंकों को विश्व की 300 प्रथम वरीयता प्राप्त कोऑपरेटिव समितियों में स्थान प्राप्त है।

 

 

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन कर कोऑपरेटिव आंदोलन में एक नई जान डालने और इसे फिर से गति देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 से 2023 तक देश के उन 60 करोड़ लोगों, जो देश के अर्थतंत्र का हिस्सा ही नहीं थे, को बैंक अकाउंट, घर, पीने का पानी, बिजली, गैस कनेक्शन, शौचालय और 5 लाख रूपए तक का स्वास्थ्य का खर्चा दिया, जिससे इन 60 करोड़ लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ। श्री शाह ने कहा कि ये 60 करोड़ लोग अब देश के अर्थतंत्र के साथ जुड़ चुके हैं और देश के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं, लेकिन इनके पास अपनी पूंजी नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल सहकारिता के माध्यम से ही इन 60 करोड़ लोगों को देश के विकास के साथ जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सहकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें छोटी पूंजी वाले हज़ारों लोग मिलकर बड़ी पूंजी वाले उद्योगों के साथ स्पर्धा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन 60 करोड़ लोगों को देश के विकास में योगदान देने, Women-led Development को आगे बढ़ाने, ग्रामीण विकास को महत्व देकर गांवों से शहरों की ओर पलायन रोकने और हर व्यक्ति को देश के अर्थतंत्र के साथ जोड़ने के लिए सहकारिता के सिवा कोई और मॉडल हो ही नहीं सकता।

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के लिए भी कई काम किए हैं, जैसे, सेटलमेंट के प्रॉब्लम को रिजर्व बैंक के साथ उठाया और अब अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को भी सेटलमेंट करने का अधिकार दे दिया गया है। इसके साथ ही अर्बन कोऑपरेटिव बैंक अब नई शाखाएं भी खोल सकेंगे, बैंक मित्र भी बना पाएंगे, माइक्रो एटीएम भी खोल पाएंगे और रेजिडेंशियल लोन देने की इनकी ऋण सीमा को भी दोगुना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में देश में ग्रामीण क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने निर्णय लिया है कि आने वाले 5 सालों में 3 लाख नए पैक्स बनाएंगे और हर पंचायत में एक पैक्स होगा और यह पैक्स मल्टीडाइमेंशनल होंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 20 प्रकार की नई गतिविधियों को पैक्स के साथ जोड़कर इन्हें वायबल बना दिया है। श्री शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मॉडल बायलॉज बनाकर सभी राज्यों को भेजे और देश के 23 राज्यों ने इन मॉडल बायलॉज को स्वीकार कर लिया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्रीने कहा कि मोदी सरकार ने मल्टीस्टेट ऑर्गेनिक कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाई जो देशभर में ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर प्रोड्यूस को खरीदने और विश्व के बाजार में बेचने की व्यवस्था करेगी। एक मल्टीस्टेट एक्सपोर्ट कोऑपरेटिव भी बनाई, जो किसानों के उत्पादों को एक्सपोर्ट करेगा और इसका पूरा मुनाफा सीधा किसान के पास जाएगा। इसके अलावा एक मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव बीज समिति के लिए भी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी खाद्यान्न भंडारण योजना भी पैक्स के माध्यम से आगे चलाई जाएगी। इसके साथ-साथ सहकारिता यूनिवर्सिटी भी बनने जा रही है, GEM के माध्यम से सारे कोऑपरेटिव के उत्पादों को बेचने की भी व्यवस्था की गई है और 1100 नए एफपीओ भी पैक्स के माध्यम से बनेंगे। उन्होंने कहा कि पैक्स अब CSC का भी कम कर सकेंगे।

श्री अमित शाह ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने कई सरकारी बदलाव भी किए हैं। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स में कोऑपरेटिव और कॉर्पोरेट, दोनों को एकसमान स्तर पर लाने का काम आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि कोऑपरेटिव की गतिविधियों को अगर हम समयानुसार अत्याधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर आगे बढ़ाएं, तो भारत जैसे देश में रोजगार के साथ अर्थतंत्र के विकास का इससे बड़ा और अच्छा तरीका और कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आने वाले दिनों में सहकारिता क्षेत्र में कई नए कदम उठाने जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा मानकर मत चलिए कि कोऑपरेटिव अप्रासंगिक हो चुका है, बल्कि कोऑपरेटिव का भविष्य और उज्ज्वल होने जा रहा है।

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आरके / आरआर


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