संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार (प्रसारण एवं केबल) सेवा इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम) (पांचवां संशोधन) विनियम, 2023 (2023 का 4) जारी किया

Posted On: 15 SEP 2023 6:08PM by PIB Delhi

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज दूरसंचार (प्रसारण एवं केबल) सेवा इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम) (पांचवां संशोधन) विनियम, 2023 (2023 का 4) जारी किया है।

डिजिटल अधिकार प्रबंधन (डीआरएम), डिजिटल मीडिया के लिए कॉपीराइट सुरक्षा से संबंधित एक व्यवस्थित दृष्टिकोण है। डीआरएम का उद्देश्य डिजिटल मीडिया के अनधिकृत पुनर्वितरण को रोकना और उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी गई सामग्री की प्रतिलिपि बनाने के तरीकों को प्रतिबंधित करना है। डीआरएम उत्पादों को व्यावसायिक रूप से विपणन की गई सामग्री की ऑनलाइन चोरी (पायरेसी), जो पीयर-टू-पीयर फाइल एक्सचेंज कार्यक्रमों के व्यापक उपयोग के माध्यम से फैला, में तेजी से हो रही वृद्धि के जवाब में विकसित किया गया था। आमतौर पर, डीआरएम को ऐसे एम्बेडिंग कोड द्वारा कार्यान्वित किया जाता है जो प्रतिलिपि बनाने से रोकता है, सामग्री तक पहुंच सकने से संबंधित एक समय अवधि निर्दिष्ट करता है या स्थापित किए जा सकने वाले मीडिया उपकरणों की संख्या को सीमित करता है।

ट्राई ने 03.03.2017 को दूरसंचार (प्रसारण एवं केबल) सेवा इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम) विनियमन, 2017 [यहां से आगे इसे इंटरकनेक्शन विनियमन के रूप में उल्लेख किया जाएगा] को अधिसूचित किया था।

दूरसंचार (प्रसारण एवं केबल) सेवा डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम ऑडिट मैनुअल [यहां से आगे इसे ऑडिट मैनुअल के रूप में उल्लेख किया जाएगा] तैयार करने के लिए किए गए परामर्श के दौरान, कुछ टिप्पणियों और कथनों ने इंटरकनेक्शन विनियमों की अनुसूची III में निहित कुछ मुद्दों को रेखांकित किया।

तदनुसार, 27.08.2019 को दूरसंचार (प्रसारण एवं केबल) सेवा इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम) (संशोधन) विनियम, 2019 का मसौदा जारी किया गया था जिसमें डिजिटल अधिकार प्रबंधन प्रणाली से संबंधित मुद्दे शामिल थे।

इंटरकनेक्शन विनियमों की अनुसूची III डीआरएम आधारित प्रणालियों की आवश्यकताओं/विशिष्टताओं के लिए प्रावधान नहीं करती है। ऑडिट मैनुअल पर अपने परामर्श के दौरान प्राधिकरण को यह फीडबैक मिला कि इसके लाभों के कारण आईपीटीवी आधारित डीपीओ डीआरएम प्रौद्योगिकी को अपना रहे हैं। यह आवश्यक है कि लेखा (ऑडिट) व्यवस्था डीआरएम आधारित नेटवर्क को कवर करे और ऐसे ऑपरेटरों के लिए सक्षम करने वाले प्रावधान प्रदान करे। तदनुसार, ऊपर उल्लिखित दिनांक 27.08.2019 के मसौदा विनियम में अनुसूची III में डीआरएम संबंधी विनिर्देश शामिल हैं।

परामर्श प्रक्रिया के दौरान, प्राधिकरण को इस मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों से कई टिप्पणियां और सुझाव प्राप्त हुए। विभिन्न हितधारकों द्वारा कई संशोधन/संवर्धन प्रस्तावित किए गए थे। इसलिए, प्राधिकरण की यह राय थी कि डीआरएम के लिए प्रणालीगत आवश्यकताओं के बारे में एक अलग परामर्श पत्र [इंटरकनेक्शन (संशोधन) विनियम, 2019 दिनांक 30.10.2019 के व्याख्यात्मक ज्ञापन के पैरा 34 को देखें] में ध्यान दिया जाएगा।

प्राधिकरण का यह विचार था कि “डिजिटल अधिकार प्रबंधन प्रणाली के लिए प्रणालीगत आवश्यकताओं” से संबंधित मुद्दे पर संबद्ध उद्योग के हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श की आवश्यकता है। तदनुसार, प्राधिकरण ने ‘डिजिटल अधिकार प्रबंधन (डीआरएम) के लिए प्रणालीगत आवश्यकता’ का मसौदा तैयार करने और उसे प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए उद्योग हितधारकों की एक समिति का गठन किया।

व्यापक विचार-विमर्श के बाद, इस समिति ने प्राधिकरण को इंटरकनेक्शन विनियमन की अनुसूची III में शामिल करने हेतु “डिजिटल अधिकार प्रबंधन (डीआरएम) के लिए प्रणालीगत आवश्यकता” के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी।

तदनुसार, ट्राई ने 09.09.2022 को इंटरकनेक्शन विनियमन 2017 में मसौदा संशोधन के रूप में 'डिजिटल अधिकार प्रबंधन (डीआरएम) के लिए प्रणालीगत आवश्यकता' के संबंध में एक परामर्श-पत्र जारी किया। विभिन्न हितधारकों की टिप्पणियां 07.10.2022 तक और प्रति-टिप्पणियां 21.10.2022 तक आमंत्रित की गईं। विभिन्न हितधारकों के अनुरोध पर, टिप्पणियां प्रस्तुत करने की समय-सीमा टिप्पणियों के लिए 18.11.2022 और प्रति-टिप्पणियों के लिए 02.12.2022 तक बढ़ा दी गई। उक्त परामर्श-पत्र पर इक्कीस हितधारकों से टिप्पणियां प्राप्त हुईं और दो हितधारकों से प्रति-टिप्पणियां प्राप्त हुईं, जिन्हें ट्राई की वेबसाइट पर अपलोड किया गया। इसके बाद, 24.02.2023 को एक खुली चर्चा (ओएचडी) आयोजित की गई। ओएचडी के बाद कुछ अतिरिक्त टिप्पणियां भी प्राप्त हुईं।

प्राधिकरण ने विभिन्न हितधारकों की टिप्पणियों का विश्लेषण किया और सेवा प्रदाताओं व उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए इंटरकनेक्शन विनियमों में संशोधन को अधिसूचित किया है। इन संशोधनों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं: 

    1. डिजिटल अधिकार प्रबंधन (डीआरएम) की प्रणालीगत आवश्यकताओं के लिए एक नई अनुसूची-X सुझाई गई है जिसमें शामिल हैं:
      1. जहां तक ​​डीआरएम संबंधी आवश्यकताएं आईपीटीवी सेवाओं के लिए ग्राहक प्रबंधन प्रणाली (एसएमएस) से संबंधित हों।
      2. ग्राहकों द्वारा सशर्त पहुंच और आईपीटीवी सेवाओं के लिए एन्क्रिप्शन हेतु डीआरएम संबंधी आवश्यकताएं।
      3. जहां तक ​​डीआरएम संबंधी आवश्यकताएं आईपीटीवी सेवाओं के लिए फिंगरप्रिंटिंग से संबंधित हों।
      4. जहां तक डीआरएम संबंधी आवश्यकताएं एसटीबी/विशिष्ट उपभोक्ता सदस्यता से संबंधित हों।
    2. समग्र विकास को बढ़ावा देने हेतु एक ऐसी सक्षम, प्रौद्योगिकी निरपेक्ष, हल्की नियामक व्यवस्था, जो उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करते हुए प्रगति और तकनीकी विकास को सुविधाजनक बनाए, को बढ़ावा दिया जाता है।

दूरसंचार (प्रसारण एवं केबल) सेवा इंटरकनेक्शन (एड्रेसेबल सिस्टम) (पांचवां संशोधन) विनियम, 2023 (2023 का 4) का विस्तृत पाठ ट्राई की वेबसाइट www.trai.gov.in पर उपलब्ध है। किसी भी प्रकार के स्पष्टीकरण के लिए, श्री अनिल कुमार भारद्वाज, सलाहकार (बी एंड सीएस) से दूरभाष नंबर: +91-11-23237922 पर संपर्क किया जा सकता है।

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