सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
प्रधानमंत्री दक्षता और कुशलता संपन्न हितग्राही (पीएम-दक्ष) योजना
Posted On:
04 SEP 2023 2:20PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री दक्षता और कुशलता संपन्न हितग्राही (पीएम-दक्ष) योजना- वर्ष 2020-21 के दौरान शुरू की गई केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लक्षित समूहों के क्षमता स्तर को बढ़ाना है ताकि उन्हें उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए स्व-रोजगार और मजदूरी के माध्यम से रोजगार- दोनों में आजीविका प्राप्त करने योग्य बनाया जा सके। इस योजना के तहत लक्षित समूह अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईबीसी), घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियां (डीएनटी), कचरा बीनने वालों सहित सफाई कर्मचारी हैं। इस योजना का आयु मानदंड 18-45 वर्ष रखा गया है और आय मानदंड कचरा बीनने वाले और विमुक्त, डीएनटी सहित अनुसूचित जाति, सफाई कर्मचारियों के लिए कोई आय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। ओबीसी के लिए वार्षिक पारिवारिक आय 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए और ईबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग) की वार्षिक पारिवारिक आय 1 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
प्रशिक्षण के प्रकार, अवधि और प्रति उम्मीदवार औसत लागत
- कौशल उन्नयन (35 से 60 घंटे/5 दिन से 35 दिन): – रु.3000/- से रु.8000/-
- अल्पावधि प्रशिक्षण (300 घंटे /3 महीने): – रु. 22,000/-
- उद्यमिता विकास कार्यक्रम (90 घंटे/15 दिन): रु.7000/-
- दीर्घकालिक प्रशिक्षण (650 घंटे / 7 महीने): – रु. 45,000/-
प्रशिक्षण की लागत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा जारी सामान्य मानदंडों के अनुसार है; पाठ्यक्रम की अवधि के अनुसार इसमें परिवर्तन होता रहता है। कचरा बीनने वालों सहित सफाई कर्मचारियों के लिए कौशल उन्नयन 35 घंटे/5 दिनों के लिए है, इसकी औसत लागत प्रति उम्मीदवार 3000/- रुपये है।
प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण निशुल्क है। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जातियों और सफाई कर्मचारियों को 1,500/- रुपये प्रति माह और अन्य पिछडे़ वर्गों/ईबीसी/डीएनटी को गैर-आवासीय अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए 1,000/- रुपये प्रति माह का वजीफा दिया जाता है और कौशल/कौशल उन्नयन/कौशल कार्यक्रम के लिए अनुसूचित जाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/ईबीसी/डीएनटी उम्मीदवारों को प्रति उम्मीदवार 2500/- रुपये का वेतन मुआवजा दिया जाता है। कौशल उन्नयन कार्यक्रम के लिए सफाई कर्मचारी उम्मीदवारों को प्रति उम्मीदवार 500 रुपये का वेतन मुआवजा दिया जाता है।
पीएम-दक्ष योजना के तहत 2020-21 से 2022-23 के दौरान प्रदर्शन निम्नोक्त है:
(रुपये करोड़ में)
वर्ष
|
लक्ष्य
|
प्रारंभ
|
नियोजन
(31.07.2023 तक)
|
वित्तीय लक्ष्य
|
जारी की गई धनराशि
|
2020-21
|
37,958
|
32,097
|
24,652
|
50.00
|
44.79
|
2021-22
|
49,800
|
42,002
|
31,033
|
80.19
|
68.22
|
2022-23
|
51,900
|
33,021
|
21,552*
|
83.64
|
14.94
|
कुल
|
1,39,658
|
1,07,120
|
77,237
|
213.83
|
127.95
|
*प्लेसमेंट मूल्यांकन और प्रमाणन के बाद किया जाता है, यह प्रगति पर है।
पीएम-दक्ष योजना के तहत अगले तीन वर्षों के दौरान प्रशिक्षण का लक्ष्य होगा 286.42 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ 2023-24 से 2025-26 तक 1,69,300 उम्मीदवारों का प्रशिक्षण। अनुमानित व्यय के साथ वर्ष-वार लक्ष्य नीचे दिया गया है:-
वर्ष
|
प्रशिक्षित किए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या
|
अनुमानित व्यय (करोड़ रुपये में)
|
2023-24
|
53,900
|
92.47
|
2024-25
|
56,450
|
94.91
|
2025-26
|
58,950
|
99.04
|
कुल
|
1,69,300
|
286.42
|
|
|
|
2020-21 से 2022-23 तक पीएम-दक्ष योजना के कार्यान्वयन में पिछले तीन वर्षों के दौरान, कुल 107156 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है और इस योजना पर 213.83 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।
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