उप राष्ट्रपति सचिवालय
उपराष्ट्रपति ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के अवसर पर इसरो को बधाई दी
उपराष्ट्रपति ने इस अभूतपूर्व उपलब्धि को अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में बड़ी छलांग करार दिया
“यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारत के उत्थान का संकेत है” - उपराष्ट्रपति
Posted On:
23 AUG 2023 8:07PM by PIB Delhi
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और समस्त भारतवासियों को हार्दिक बधाई दी है।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐसा प्रयास करने वाला पहला देश बन गया है। इस उपलब्धि की परिकल्पना भविष्य के लैंडिंग मिशनों और ग्रहों के अन्वेषण के लिए हासिल की जाने वाली अन्य तकनीकी प्रगति के अग्रदूत के रूप में की गई है।
एक्स पर अपने सिलसिलेवार पोस्ट में उपराष्ट्रपति ने इस अभूतपूर्व उपलब्धि को “भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण तथा अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में बड़ी छलांग” करार दिया और इसे हमारे वैज्ञानिक कौशल एवं अटल दृढ़ संकल्प का प्रमाण बताया। उन्होंने जोर देकर कहा, "अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के प्रति हमारे देश की प्रतिबद्धता ने हमें विश्व में अग्रणी बनने के लिए प्रेरित किया है।"
हमारे वैज्ञानिक समुदाय को अटूट समर्थन प्रदान करने के लिए देश के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारत के उत्थान का संकेत है!
चंद्रयान-3 की स्वीकृत लागत, 250 करोड़ रु. (प्रक्षेपण वाहन की लागत को छोड़कर), 2014 की साइंस-फिक्शन फिल्म 'इंटरस्टेलर' के बजट से काफी कम है। भारत के पिछले प्रयास चंद्रयान-2 ने भी मिशन के अधिकांश उद्देश्यों को पूरा करते हुए 98 प्रतिशत सफलता हासिल की, हालांकि लैंडर मॉड्यूल के अंतिम चरण के प्रदर्शन में कुछ अप्रत्याशित बदलावों के कारण चंद्रयान-2 के टचडाउन के समय वेग काफी अधिक हो गया। पिछले अनुभव के आधार पर इसरो ने चंद्रयान-3 में सभी प्रकार की आपात स्थितियों के लिए योजना बनाई, जिसकी बदौलत दक्षिणी ध्रुव पर सटीक लैंडिंग संभव हो सकी।
श्री धनखड़ ने कहा कि विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग ने साबित कर दिया है कि “21वीं सदी भारत की है।”
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(Release ID: 1951579)