विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

भारतीय वैज्ञानिक ने नैनोमैकेनिकल परीक्षण तकनीक की सटीकता और शुद्धता में सुधार करने के लिए नवीन पद्धति विकसित की


यह नई पद्धति चिकित्सा से लेकर अंतरिक्ष तक के व्यापक क्षेत्रों के लिए अत्यंत कम मात्रा में सामग्रियों की यांत्रिक शक्ति का त्वरित परीक्षण करने में सक्षम बनाती है

Posted On: 17 AUG 2023 3:27PM by PIB Delhi

एक भारतीय वैज्ञानिक ने दो अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से अत्यंत सूक्ष्म पैमाने पर उच्च शुद्धता और सटीकता के साथ सामग्रियों के नैनोमैकेनिकल गुणों की जांच करने की एक नवीन पद्धति विकसित की है।

इस नवीन पद्धति से न केवल नैनोइंडेंटेशन तकनीक या यांत्रिक शक्ति के परीक्षण के रूप में जानी जाने वाली शुद्धता और सटीकता में उल्लेखनीय सुधार आता है, बल्कि यह उच्चतर दरों पर जांच करने में भी सक्षम बनाती है, जिससे उच्च थ्रूपुट की सुविधा प्राप्त होती है।

पारंपरिक परीक्षण पद्धतियों के हमेशा नैनो स्केल पर संभव नहीं होने के कारण, जो आमतौर पर मानव बाल के व्यास के 1/100वें के बराबर होती हैं, नैनोइंडेंटेशन तकनीक का आविष्कार डॉ. वॉरेन ओलिवर (केएलए कॉर्प.) और डॉ. जॉन पेथिका (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी) ने 80 के दशक में किया और विश्लेषण प्रक्रिया का प्रस्ताव डॉ. वॉरेन ओलिवर और डॉ. जॉर्ज फ़ार (टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी) द्वारा अपने मौलिक कार्य में रखा गया था,  जिसका वैज्ञानिक अनुसंधान के व्यापक स्पेक्ट्रम पर व्यापक प्रभाव पड़ा।

सेमीकंडक्टर उपकरणों और संरचनात्मक सामग्रियों की शक्ति को मापने के लिए इस तकनीक का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है जो इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के माध्यम से हमारे दैनिक जीवन के हर पहलू में सर्वव्यापी रूप से प्रवेश कर चुके हैं। इस तकनीक का उपयोग कैंसरग्रस्त कोशिकाओं की पहचान करने से लेकर गहरे अंतरिक्ष में उल्कापिंड कैसे बनते हैं, यह स्थापित करने तक व्यापक अनुप्रयोगों के लिए किया गया है।

नई पद्धति विकसित करने के लिए हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर इंजीनियर्ड कोटिंग्स, इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई) के एडवांस्ड नैनोमैकेनिकल कैरेक्टराइजेशन (एएनसी) सेंटर के डॉ. सुदर्शन फानी ने केएलए के डॉ. वॉरेन ओलिवर और टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉर्ज फ़ैर के साथ सहयोग किया।

इस नवीन दृष्टिकोण में इंडेंटेशन परीक्षण के दौरान सामग्री प्रतिक्रिया को समझने के लिए व्यापक मॉडलिंग और सिमुलेशन का संयोजन और सटीकता तथा शुद्धता में सुधार के लिए पद्धति को बाद में अनुकूल बनाया जाना शामिल था। मॉडलिंग के परिणामों को विषम परिस्थितियों में प्रयोगों द्वारा भी मान्य किया गया है।

परंपरागत रूप से संभाव्य की तुलना में उच्चतर दरों पर उच्च शुद्धता और उच्च सटीकता वाले नैनोइंडेंटेशन माप के लिए मार्ग प्रशस्त करते हुए, नई पद्धति से छोटे स्तर पर सामग्रियों की शक्ति को मापने पर वैज्ञानिक अनुसंधान के व्यापक क्षेत्र को प्रभावित करने की उम्मीद है। इस पद्धति के विवरण हाल ही में सामग्री विज्ञान क्षेत्र की प्रतिष्ठित पत्रिका 'मेटेरियल्स एंड डिज़ाइन' में प्रकाशित हुए हैं।

प्रकाशन लिंक: https://doi.org/10.1016/j.matdes.2020.108923    और

https://doi.org/10.1016/j.matdes.2020.108924

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001EFWR.png

यह प्लाट स्पष्ट रूप से नई पद्धति के साथ माप में ध्वनि के स्तर में उल्लेखनीय कमी को दर्शाता है

***

एमजी/एमएस/आरपी/एसकेजे/एमपी/डीके



(Release ID: 1949888) Visitor Counter : 365


Read this release in: English , Urdu , Tamil