संस्‍कृति मंत्रालय

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में मौन मार्च और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया

Posted On: 14 AUG 2023 10:05PM by PIB Delhi

हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैंइसके साथ ही विभाजन की विभीषिका को याद करना मुख्‍य तौर पर विभाजन के दौरान लोगों को हुए दर्द और उथल-पुथल से लोगों को और खास तौर पर युवाओं को जोड़ने का एक प्रयास है। इसी संदर्भ में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है। इसी क्रम में इस साल आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में राष्ट्रीय सेमिनार, संगोष्ठियां, प्रदर्शनी, मौन मार्च, फिल्म स्क्रीनिंग, सांस्कृतिक प्रदर्शनी और पुस्तकों का प्रकाशन आदि शामिल हैं।

इस अवसर पर आज शाम नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में एक प्रदर्शनी और मौन मार्च का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी चौबे, संस्कृति और कानून एवं न्याय राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम, संस्कृति एवं विदेश कार्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं सांसद श्री हर्षवर्धन, उत्तर-पूर्वी दिल्ली से सांसद श्री मनोज तिवारी और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से सांसद श्री हंसराज हंस उपस्थित थे। आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी सहित कई अन्‍य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

मौन मार्च आम जनता और नागरिक समाज समूहों की भागीदारी के साथ पूरे भारत में आयोजित किए गए।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 1947 में विभाजन के दौरान भारतीयों के कष्ट और बलिदानों की याद दिलाने के लिए हर साल 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की है। आईसीएचआर (भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद) और विभाजन संग्रहालय के सहयोग से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा आयोजित प्रदर्शनी भारत सरकार के संस्‍कृति मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट https://amritmahotsav.nic.in/partition-horror-remembrance-day.htm पर उपलब्ध कराई गई है। छात्रों और आम जनता के फायदे के लिए विश्वविद्यालयों, संस्थानों, सार्वजनिक कार्यालयों, बैंकों, डाकघरों, स्कूलों और कॉलेजों द्वारा अपने परिसर में उसी प्रदर्शनी को डाउनलोड और प्रदर्शित किया गया। यह प्रदर्शनी दिल्ली के 16 प्रमुख स्थानों पर लगाई गई।

अगस्त 1947 में अंग्रेजों के देश से बाहर जाते समय भारत दो स्वतंत्र राष्ट्रो भारत और पाकिस्तान में विभाजित हो गया था। भारत के विभाजन ने भारतीय उपमहाद्वीप में लाखों लोगों की जिंदगी तबाह कर दी थी। उस दौरान लोगों को दंगे, अशांति, हिंसा, दुश्मनी, बलात्कार, नरसंहार, लूटपाट, भुखमरी और मजबूरी में किया गया मानव इतिहास का सबसे बड़ा सामूहिक प्रवासन का सामना करना पड़ा था, जिसे दुनिया ने कभी देखा था। विभाजन के कारण लाखों लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा और भयानक दिन-रातें झेलनी पड़ीं। पंजाब और बंगाल प्रांतों को विनाशकारी दंगों के दुष्‍परिणामों से जूझना पड़ा जिनमें हजारों लोगों की जान चली गई। इसने लाखों लोगों के मानस पर एक अमिट छाप छोड़ी। विभाजन के दुष्परिणाम और आघात को आज तक महसूस किया जा रहा है।

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