पंचायती राज मंत्रालय

पंचायती राज मंत्रालय ने बेसलाइन रिपोर्ट तैयार करने और पंचायत विकास सूचकांक की गणना के लिए पंचायत विकास सूचकांक पोर्टल के संबंध में दो-दिवसीय राष्ट्रीय लेखन-कार्यशाला (राइटशॉप) का आयोजन किया

Posted On: 10 AUG 2023 7:50PM by PIB Delhi

पंचायती राज मंत्रालय, बेसलाइन रिपोर्ट तैयार करने और पंचायत विकास सूचकांक की गणना के लिए पंचायत विकास सूचकांक पोर्टल के संबंध में 10 अगस्त से लेकर 11 अगस्त 2023 तक नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में दो-दिवसीय राष्ट्रीय लेखन-कार्यशाला (राइटशॉप) का आयोजन कर रहा है। इस दो-दिवसीय राष्ट्रीय लेखन-कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में स्थानीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मापने योग्य आयामों पर स्थानीय कार्यों को निर्धारित करने हेतु बेसलाइन रिपोर्ट की प्रमुखता पर जोर देना है।

इस लेखन-कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार ने बेसलाइन रिपोर्ट एवं पीडीआई की गणना के लिए पीडीआई पोर्टल से संबंधित नीतिगत ढांचे पर जोर देते हुए प्रतिभागियों को जागरूक किया और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने हेतु सभी स्तरों पर समग्र विकास की दृश्यता को बढ़ाना संभव बनाते हुए सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण करने के लिए पंचायती राज मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न ऐतिहासिक पहलों पर प्रकाश डाला। पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) के सचिव श्री सुनील कुमार ने बताया कि पंचायत विकास सूचकांक किस प्रकार पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के स्तर पर विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों की उचित निगरानी से संबंधित मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करेगा। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार ने डेटा एनालिटिक्स की भूमिका पर प्रकाश डाला और यह बताया कि शैक्षणिक संस्थान/अनुसंधान संगठन किस प्रकार विभिन्न अनुसंधान कार्यों के लिए डेटा एनालिटिक्सस से जुड़ी जानकारी का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने अब तक प्रदान किए गए समर्थन के लिए सभी राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों को धन्यवाद दिया।

 

पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार ने कहा कि 28 जून 2023 को जारी की गई पीडीआई रिपोर्ट नौ विषयों के स्थानीय संकेतकों, इसके आंकड़े के स्रोतों और निगरानी प्रक्रिया पर आधारित पंचायत विकास सूचकांक की गणना की प्रक्रिया को दर्शाती है। यह प्रक्रिया स्थानीय सरकार के साथ–साथ प्रखंड व जिला स्तर के प्रशासन और राज्य सरकारों को जमीनी स्तर के इन संस्थानों के प्रदर्शन का निष्पक्ष मूल्यांकन करने और इस तरह सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने हेतु पीडीआई से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर योजनाएं बनाने के लिए सशक्त बनाएगी।

अपने संबोधन में, पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. चंद्र शेखर कुमार ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार और ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) में पीडीआई बेसलाइन रिपोर्ट के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि उम्मीद है कि यह रिपोर्ट एक राष्ट्रव्यापी मात्रात्मक मूल्यांकन और निगरानी प्रणाली की नींव रखेगी, जो स्थानीय सरकारों को एसडीजी प्राप्त करने के लिए अपने रास्ते तय करने के लिए प्रोत्साहित करेगा ताकि उनके कार्यों को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह लेखन-कार्यशाला इसमें भाग लेने सभी लोगों को विभिन्न राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों और पंचायती राज मंत्रालय की टीम द्वारा संचालित प्रायोगिक पहल से हासिल हुए अनुभवों से सीखने का अवसर प्रदान करेगी और व्यावहारिक अभ्यास के जरिए पीडीआई के लिए विकसित किए गए पोर्टल को संचालित करने की प्रक्रिया को सीखने का अवसर भी प्रदान करेगी।

पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विकास आनंद ने इस राष्ट्रीय लेखन-कार्यशाला के सन्दर्भों को प्रस्तुत करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण (एलएसडीजी) की प्रगति की निगरानी के लिए पीडीआई को एक उपकरण के रूप में शुरू करने से जुड़ी संस्थागत प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण पेश किया। पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विकास आनंद ने कहा कि पंचायत विकास सूचकांक साझा संपत्ति संसाधन के रूप में काम करेगा और विकास को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों को जिला पंचायतों और प्रखंड पंचायतों की तुलना करने में मदद करेगा।

पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विकास आनंद ने कहा कि पंचायत विकास सूचकांक पंचायती राज मंत्रालय द्वारा संचालित प्रोत्साहन संबंधी अभियान के लिए एक उपकरण के रूप में काम करेगा। यह राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को पंचायतों के प्रोत्साहन के लिए साक्ष्य-आधारित प्रणाली विकसित करने और गहन क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण संबंधी अभियान संचालित करने में भी मदद करेगा। पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विकास आनंद ने बताया कि पीडीआई की गणना एलएसडीजी की प्रगति की निगरानी के लिए नौ विषयों के 577 स्थानीय संकेतकों, 144 स्थानीय लक्ष्यों और 688 अद्वितीय डेटा बिंदुओं के आधार पर की जाएगी।

 

 

पंचायती राज मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती ममता वर्मा, पंचायती राज मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार डॉ. बिजय कुमार बेहरा, पंचायती राज मंत्रालय के निदेशक श्री रमित मौर्य, पंचायती राज मंत्रालय की निदेशक श्रीमती मालती रावत और संबंधित मंत्रालयों/विभागों तथा नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस राष्ट्रीय लेखन-कार्यशाला में भाग लिया। केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों और लगभग सभी राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के 375 से अधिक प्रतिनिधि, जिनमें विभिन्न राज्यों के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास, योजना, निगरानी एवं कार्यान्वयन, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूली शिक्षा एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग तथा राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान एवं पंचायती राज (एनआईआरडी एंड पीआर), राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एसआईआरडी एंड पीआर), नॉलेज पार्टनर्स, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां, एनआईसी और अन्य प्रमुख हितधारक शामिल हैं, इस लेखन – कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।

एनआईसी के डीडीजी श्री सुनील जैन ने “पीडीआई पोर्टल: संरचना, कार्यक्षमता और कार्यप्रवाह” पर प्रस्तुति दी, जबकि पंचायती राज मंत्रालय के निदेशक श्री राम प्रताप ने डेटा सत्यापन की प्रक्रिया पर एक प्रस्तुति दी।

बेसलाइन रिपोर्ट तैयार करने और पीडीआई की गणना के लिए पंचायत विकास सूचकांक पोर्टल के संबंध में आयोजित दो-दिवसीय राष्ट्रीय लेखन-कार्यशाला के पहले दिन राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की टीमों ने बेसलाइन रिपोर्ट और पीडीआई की गणना के लिए पीडीआई पोर्टल की सहायता के बारे में सामूहिक विचार-मंथन अभ्यास आयोजित किया।

बेसलाइन रिपोर्ट तैयार करने और पीडीआई की गणना के लिए पंचायत विकास सूचकांक पोर्टल के संबंध में आयोजित दो-दिवसीय राष्ट्रीय लेखन-कार्यशाला के पहले दिन ने पीडीआई पोर्टल में सहायता प्रदान करने हेतु विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ संबद्ध किए गए सलाहकारों के साथ डेटा संसाधनों के सत्यापन के संबंध में फील्ड में हुए अनुभव, डेटा सत्यापन की प्रक्रिया, पीडीआई पोर्टल का प्रदर्शन तथा विभिन्न विषयों के संकेतकों पर प्रस्तुति/चर्चा सहित विविध विषयों के बारे में व्यावहारिक ज्ञान साझा करने हेतु एक मंच प्रदान किया। इस कार्यशाला का समापन बेसलाइन रिपोर्ट और पीडीआई गणना के लिए पीडीआई पोर्टल पर राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों की टीमों द्वारा सहायता प्रदान किए जाने के साथ होगा।

******


 

एमजी/एमएस/आरपी/आर/एजे



(Release ID: 1947622) Visitor Counter : 357


Read this release in: English , Urdu