उप राष्ट्रपति सचिवालय
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राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी, नागपुर में उपराष्ट्रपति के 'प्रणेति' के उद्घाटन भाषण का पाठ (अंश)

Posted On: 04 AUG 2023 10:00PM by PIB Delhi

प्रतिभाशाली युवाओं ने इस ग्रह पर सबसे कठिन परीक्षा में प्रतिस्पर्धा करके अपनी क्षमता साबित की है। सिविल सेवा दिवस पर अपने संबोधन के दौरान, मैंने सोचा कि भारतीय विकास की कहानी प्रधानमंत्री और उनकी टीम के दृष्टिकोण से आकार ले रही है। लेकिन साथ ही सिविल सेवाओं की बुद्धिमता, समर्पण और दिशात्मक दृष्टिकोण से इसे क्रियान्वित किया जा रहा है। इसलिए हमारे देश ने अब तक जो ऐतिहासिक उपलब्धियां और सफलताएं दर्ज की हैं, उनके लिए आप बधाई के पात्र हैं। आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि हाल के वर्षों में यह सुनिश्चित करने के लिए एक पहल की गई है कि आपकी निर्णय लेने की प्रक्रिया आपके बौद्धिक निर्णय के अनुसार हो और वह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में एक प्रावधान की शुरूआत थी, एक ऐसा प्रावधान जो आपको प्रभावित करता है।

मैं कह सकता हूं, आप सभी के पास सार्वजनिक क्षेत्र या निजी क्षेत्र में जाने का विकल्प था। आपमें से प्रत्येक बड़े वित्तीय पैकेज के लिए देश में या बाहर सेवा दे सकते थे। लेकिन यहां आपको अपने देश की सेवा करने का, अरबों लोगों के जीवन में बदलाव लाने का जो अवसर मिलता है, वह अन्य जगह उपलब्ध नहीं होता है। एक तरह से आपका इस पद पर होना आपके त्याग का परिचायक है। मैं आपको बता दूं कि आपको चाहे जो भी पैकेज मिला होता, लेकिन आपके माता-पिता और आपके दोस्तों को जो गर्व, संतुष्टि, सम्मान आपके  सिविल सेवा में चयनित होने पर मिला उसकी तुलना करना मुश्किल है।

मेरी आप सभी को बधाई और मैं आपको बताना चाहूंगा कि हम अमृत काल में हैं। 2047 में जब हम अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएंगे तो देश क्या आकार लेगा, आप इस देश की नियति को आकार देंगे। सबसे पहले, मैंने आपको आपके त्याग, चुनौतियों और योगदान के बारे में बताया। मैं आईआरएस के 76वें बैच के सभी अधिकारी प्रशिक्षुओं को आपका पहला इंडक्शन प्रशिक्षण मॉड्यूल पूरा करने के लिए बधाई देता हूं।

यह प्रशिक्षण आसान प्रशिक्षण नहीं है। इस दौरान आपको चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जाता है और आपका विभाग उन अग्रणी विभागों में से एक है जो न केवल बड़े बदलावों में योगदान दे रहा है बल्कि उसने खुद में भी बदलाव किया है। सीबीडीटी अध्यक्ष सही थे और मैं इसका गवाह हूं, मेरा चार्टर्ड अकाउंटेंट कभी भी इतना सहज नहीं था जितना इस बार था। मैं अब भी वरिष्ठ वकील हूं और कई भुगतान देरी से प्राप्त कर रहा हूं। मैंने उनसे कहा कि मुझे जो जानकारी आपको देनी है उसकी एक चेकलिस्ट दीजिए। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उन्होंने कहा कि आपको कुछ नहीं करना है। सभी सूचनाओं को समाहित कर लिया गया है और इस तरह सबसे बड़े लोकतंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को लागू किया जा रहा है। यह कहना आसान है लेकिन व्यावहारिक अभ्यास में यह कठिन होता है। आपके विभाग ने इसका अभ्यास किया है और मुझे यकीन है कि आप में से हर कोई आम लोगों में आत्मविश्वास जगाने के लिए काम करेगा। एक समय था जब आईटी विभाग के एक नोटिस से हड़कंप मच जाता था। लेकिन अब हालात अलग हैं। आपने करदाताओं को इस देश के विकास के इतिहास में एक भागीदार के रूप में शामिल किया है और यह आपके सीनियर्स के योगदान के कारण है और आप भी आगे योगदान देंगे। मैंने इस संस्थान की बहुत संक्षिप्त झलक देखी है। और कहते है ना की एक चावल देखने से पता चल जाता है उसी तरह से आप एक ऐसे वातावरण में हैं जो आपको अपनी ऊर्जा को पूरी तरह से  उपयोग करने के मौके देगा। आप निदेशक और उनकी टीम के मार्गदर्शन में अपनी प्रतिभा और क्षमता को दिखा सकते हैं। मैं आपसे एक अपील करूंगा और यही मंत्र मैं आपको दे रहा हूं जो आपके जीवन को प्रासंगिक बना देगा। आप अपने बैचमेट्स के साथ हमेशा संपर्क में रहें। यह कनेक्टिविटी आपको और अधिक मजबूती देगी। एक बार जब आप 40 और 50 के दशक में होंगे, तो आपको इसके महत्व का एहसास होगा। यह आपको पूरे देश में कार्यात्मक बना देगा। यह बैचमेट की अवधारणा अत्यधिक नवीन और फलदायी है, इसलिए इस पर विश्वास करें।

मैं इस पर विचार नहीं करूंगा कि आपसे क्या अपेक्षा की जाती है, लेकिन आपके सक्रिय हुए बिना व्यावसायिक कामकाज में, व्यक्तिगत लेनदेन में, व्यक्तिगत राजकोषीय व्यवहार में कोई ईमानदारी नहीं आ सकती है और इस प्रक्रिया में, आपको हर करदाता को विकास में भागीदार बनाने का दबाव भी लेना होगा।

आप जो कुछ भी एकत्र करते हैं वह राष्ट्र निर्माण में जाता है इसलिए अब हमारी टैक्स बास्केट को बढ़ाना होगा। लेकिन अधिक महत्वपूर्ण यह है कि आप जो भी कर टैक्स एकत्र करते हैं और एक नए व्यक्ति को अपने कर दायरे में लाते हैं, वह व्यक्ति इंक्रीमेंटल ट्रैजेक्टरी पर आ जाता है। मैं कहना चाहता हूं कि आपके पास कुछ अनिवार्य तंत्र भी है। जब आप उस अनिवार्य तंत्र की प्रक्रिया का उपयोग करते हैं, तो उस विशेष व्यावसायिक घराने की इंक्रीमेंटल ट्रैजेक्टरी होती है। यह वृद्धि  ज्योमेट्रिकल नहीं बल्कि उससे कहीं अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वभाव से कोई भी गलती नहीं करना चाहता।

हमारे देश में सबसे बड़ी समस्याओं में से एक यह है कि हम प्रणालीगत कामकाज में विश्वास नहीं करते हैं। दुनिया में कुछ सबसे विकसित देश,जैसा कि वे जाने जाते हैं,उनकी मानसिकता औसत दर्जे की है। भारतीय प्रतिभा  अप्रतिम है,अभूतपूर्व है। इसका लाभ पूरी दुनिया को मिल रहा है। लेकिन कामकाज में व्यवस्थित नहीं होने के कारण हम नुकसान उठाते हैं। मैं एक सरल उदाहरण दूंगा कि विदेश यात्रा पर गए किसी भी भारतीय ने कभी भी केले के छिलके को गाड़ी से बाहर नहीं फेंका है। लेकिन जैसे ही वह हमारे देश में पहुंचता है तो उसकी सोच बदल जाती है और वह इसे करना अपना अधिकार मानता है। लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के रूप में एक बड़ा कदम उठाया गया। लोगों ने शुरू में सोचा कि यह क्या है? लेकिन अब हम अंतर देखते हैं। ये बिल्कुल अलग तरह की मानसिकता है। मैं अब उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब हम भारत की सड़कों पर भी अनुशासन देखेंगे। एक बार जब हम ऐसा कर लेंगे,तो हमारी सफलता उल्लेखनीय होगी।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री के रूप में श्री नितिन गडकरी ने हमारे देश को वस्तुतः शीर्ष स्थान पर ला खड़ा किया है। आज हमारे पास विश्व स्तरीय एक्सप्रेसवे हैं। लेकिन हमें अनुशासित रहना सीखना होगा। एक बार जब हम अनुशासित रहने की आदत डाल लेंगे तो चीजें बहुत अलग होंगा। हमारे देश की प्रगति इस समय इस स्तर पर है कि कोई भी बड़ी अर्थव्यवस्था हमारी बराबरी नहीं कर सकती और मुझे यकीन है कि आप बदलाव फर्क लाएंगे।

युवा प्रतिभाओं के साथ बातचीत हमेशा हमारे अंदर ऊर्जा पैदा करती है, क्योंकि यंग माइंड्स से नए विचार निकलते हैं। वे निडर हैं और उनमें कुछ नया करने की क्षमता और योग्यता होती है और मुझे यकीन है कि आप में से प्रत्येक के पास दूसरों की जीवनशैली को बदलने की क्षमता है।

लोग आपको एक आदर्श के रूप में देखते हैं। आप स्वयं को एक उपलब्धि प्राप्त करने वाले के रूप में देख सकते हैं। जैसे ही लोगों को आपकी सेवा और आपके निर्णय के बारे में पता चलता है, वह व्यक्ति के बुद्धिमान, प्रतिस्पर्धी दृष्टिकोण और प्रतिभाशाली होने के निष्कर्ष पर पहुंचते हैं जो इस देश के विकास के इतिहास में एक फुट सोल्जर हैं।

साथियों, आप देश की वित्तीय स्तिथि  का ध्यान रख रहे हैं। एक समय था जब शारीरिक सेहत एक्स रे से तय होती थी, फिर सीटी स्कैन से उसमें थोड़ा सुधार होता था जो अब एक उच्च स्तर, एमआरआई तक चला गया। यह एक संतुलित समूह  है जिसमें से 25 लड़कियाँ हैं। मेरी भी एक बेटी है, इसलिए मैं आपके समर्थन के लिए यहां हूं।

आपके चैयरमेन को स्टैटिक्स में महारत के कारण विभाग में लिया गया है और यह सब इसलिए क्योंकि विभाग में आपके सहयोगियों ने पूर्ण योगदान दिया है। आप में से प्रत्येक एक ऐसे विभाग का हिस्सा है जो कौटिल्य द्वारा गढ़े गए आदर्श वाक्य को बरकरार रखता है, जो कहता है, "कोष मूलो दण्डः" जिसका अर्थ है, "राजकोष प्रशासन की जड़ है"। यदि कोई राष्ट्र विकसित है तो उसके खजाने पूर्ण हैं और यदि कोई देश कमजोर है तो उसका खजाना खाली है।

जब मैं 1989 में संसद के लिए चुना गया तो मुझे एक दुःखद अनुभव हुआ। हमारा विदेशी भंडार 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक गिर गया था। फिजिकल रूप में, वैश्विक वित्तीय संस्थानों के साथ अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए, सोने को  देश से बाहर भेजना पड़ा। लेकिन अब मैं देख रहा हूं कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 596 बिलियन डॉलर है। ऐसा केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि हम अब अपने राष्ट्र को सबसे आगे रखने की राह पर हैं। आपके समर्पण, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से देश को जो राजस्व प्राप्त हुआ, उससे शासन और नागरिक केंद्रित नीतियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

मित्रों, आज मुझसे 'शासन में परिवर्तन का सार और आवश्यकता' के बारे में अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने का अनुरोध किया गया है और सौभाग्य से हमारे देश में पिछले 9-10 वर्षों में नीति निर्माण में एक बड़ा बदलाव आया है और नीति निर्माण ने एक स्वरूप ले लिया है - न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन।

जब मैं पश्चिम बंगाल का राज्यपाल था, तो मुझे 10 राज्यपालों के एक समूह का अध्यक्ष बनाया गया था और मेरी टीम में मेरे सभी साथी मुझसे कहीं अधिक अनुभवी थे, इसलिए वास्तव में सकारात्मक रिपोर्ट देने के लिए मैंने माननीय प्रधानमंत्री से नीति आयोग के लिए अनुरोध किया था। मैं अपने सहयोगियों, अति वरिष्ठ राज्यपालों के साथ विस्तार से चर्चा करता था। हमने नीति आयोग से सहायता ली और हम इस सूत्र पर पहुंचे कि हमारे देश में जो भी करना हो उसमें एक फ़ाइल में 10 लोगों हस्ताक्षरों की आवश्यकता होती है। मैंने राज्यपाल और राज्यसभा दोनों के रूप में इसे रिकॉर्ड पर रखा है कि एक फ़ाइल पर तीन या चार से अधिक लोगों द्वारा हस्ताक्षर की आवश्यकता ना हो। एक फ़ाइल एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती है जिसमें समय बर्बाद होता है। जब बदलाव आता है तो यह कुछ समस्याओं को भी साथ लाता है। आपको परामर्श देना होगा, चीजों को संभालना होगा और अपने सहकर्मियों की मानसिकता को बदलना होगा क्योंकि हो सकता है कि वे उस बदलाव के आदी न हों। मेरी उम्र के लोग तकनीकी विकास के प्रति इतने प्रयत्नशील नहीं होंगे। तो आपको शासन में परिवर्तन के सकारात्मक मोड में आना होगा और इसका उद्देश्य लोगों के कल्याण के लिए होना चाहिए। जैसा कि पुरानी कहावत है, "एकमात्र परिवर्तन ही  सतत है"। एक ज़माना था जब शादी के लिए वी.सी.आर. की ज़रूरत थी  पर अब रद्दी वाला भी उसे नहीं लेता। 90 के दशक के अंत तक देश में एक महान विकास हुआ, वह था टेलीफोन बूथ। लेकिन अब उनका अस्तित्व नहीं है। परिवर्तन! मैं उस युग से हूं जहां न सोशल मीडिया था, न टेलीविजन, न इंटरनेट, न कंप्यूटर केवल मैनुअल टाइपराइटर था। परिवर्तन! हमें बदलाव के अनुरूप ढलना होगा और अच्छी बात यह है कि इस बदलाव में हमारा भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और दूसरे हमारा अनुसरण कर रहे हैं। 130 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले भारत में जब डायरेक्ट ट्रांसफर होता है तो कहते है हमारे देश में कैसे हो सकता है। आज के दिन जो देश में हो रहा है, उसकी जानकारी यदि अगर आम नागरिक को होती है, तो सीना फूल जाएगा। आप अंदाजा लगा सकते हो, की 1 अप्रैल 2020 से आज तक 80 करोड़ से ज्यादा लोगो को सरकार की तरफ से भोजन दिया जा रहा है। एफसीआई द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले चावल, अनाज और दालों को उपलब्ध किया जा रहा है।

पहले हम क्या सोचते थे? गांव में अगर 1000 घर हैं, 2 घर भी बिजली आ गई है, तो गांव इलैक्ट्रीफाई हो गया है। अब ऐसा नहीं है। अब है क्या गांव के शत-प्रतिशत घर इलैक्ट्रीफाई हो गए हैं?

मेरी संतुष्टि का स्तर तब था, जब जल जीवन मिशन के सचिव उपराष्ट्रपति भवन में आए और उन्होंने कहा कि, हमारा उद्देश्य है कि हर घर में नल हो, उस नल में जल हो, वह शुद्ध हो, नियमित हो, और गुणवत्ता भी हो। इसलिए मैंने सचिव से अनुरोध किया कि वे मुझे मेरे गांव की स्थिति के बारे में बताएं? एक अधिकारी ने उठकर मुझसे मेरे जिले, ब्लॉक और गांव के बारे में पूछा और उन्होंने तुरंत बताया कि 70 प्रतिशत घरों में नल और जल है।

हिंदुस्तान बदल रहा है। आप अपने गांव में जाकर देखेंगे, आज के दिन जो इकोसिस्टम बदला उसका अंदाजा नहीं है। किसी को ट्रेन की टिकट चाहिए, पासपोर्ट एप्लीकेशन करना है, हो जायेगा, पहले बिजली का बिल जमा करवाने के लिए छुट्टी लेनी पड़ती थी, क्योंकि लाइन होती थी। अब ऐसा नही है।

तेज गति के साथ सेवा वितरण बिल्कुल अद्भुत हो गया है। एक नया कानून राज्य सभा ने तैयार किया है, राष्ट्रपति जी के दस्तखत होने के बाद, कितनी सहूलियत हो जायेगी, जो मध्यस्थता विधेयक है। मैंने उसका बहुत गहरा अध्यन किया है। यह ऐसे व्यक्ति को सहायता देने का एक मंच है जो अन्यथा असहाय है, इससे समाज का एक बड़ा वर्ग प्रभावित होगा जो असुरक्षित है। पहले अधिकांश अपराधियों के बारे में जो छोटे अपराध थे, लेट फाइल कर दिया, या गलत डिक्लेरेशन हो गया, सज़ा थी जेल। 40 से ज्यादा कानूनों में बदलाव कर दिया गया है, और जेल का प्रोविजन हटा दिया गया है। यह जो बदलाव आ रहा है, यह देश को आगे ले जाएगा । यह बहुत पहले किया जाना चाहिए था लेकिन अब चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

संकट हमेशा एक अवसर होता है, चुनौती हमेशा एक अवसर होती है, अगर आप कमजोरी दिखाते हैं और सही तरह का रवैया नहीं दिखाते हैं तो चुनौती चिंताजनक हो जाती है। लेकिन जब आप चुनौती का डटकर सामना करने का निर्णय लेते हैं, तो यह एक अवसर बन जाती है। चुनौती 1991 में आई थी और हमारे यहां उदारीकरण हुआ था, प्रगति धीमी थी, लेकिन फिर 2014 के बाद यह तेजी से दौड़ रही है। मैं राजनीति में स्टेकहोल्डर नहीं हूं। मुझे इसकी चिंता नहीं है कि राजनीतिक दल क्या करते हैं, यह उनका मामला है। लेकिन मैं देश के सुशासन में एक स्टेकहोल्डर हूं। मैं आपके साथ एक स्टेकहोल्डर हूं, लेकिन आपकी हिस्सेदारी मुझसे अधिक है, क्योंकि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ जीवन जी लिया है, लेकिन आपको अपना सर्वश्रेष्ठ जीवन जीना है। अपना सर्वश्रेष्ठ जीवन जीने के लिए आपको अधिक कार्यात्मक होना होगा। तो इतना बड़ा बदलाव क्यों आया? 30 वर्षों तक देश गठबंधन शासन की अनिश्चितताओं को देख रहा था। 2014 में देश को एक पार्टी की सरकार मिली, जो 2019 में मजबूत हुई। हो सकता है कि कुछ लोग मेरे बयान को सही परिप्रेक्ष्य में न समझें कि मैं कुछ राजनीतिक बात कह रहा हूं। लेकिन, ब्रिलियंट माइंड्स, मैं आपको केवल इतना बता रहा हूं कि आप शासन में सबसे महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर हैं। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे देश का उत्थान स्थिरता के आधार पर हो सके, जिसके नतीजे हमने जमीन पर देखे हैं, हमने सपने में भी नहीं सोचा था।

कुछ दिन पहले जी-20 कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन हुआ, इसे संसद की नई इमारत की तरह रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया, जो 30 महीने में अस्तित्व में आई, सिर्फ इमारतें ही नहीं, अंदर भी बहुत कुछ किया गया है जो आप कल्पना भी नहीं कर सकते, इसलिए दूरदर्शी नेतृत्व के साथ कार्यान्वित करने की हमारी क्षमता अद्वितीय है।

भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। आर्थिक विकास मौलिक है लेकिन यह अत्याधुनिक और प्रासंगिक तब हो जाता है जब यह आम लोगों के जीवन में बदलाव लाता है। यह अर्थव्यवस्थाओं का एक बुनियादी सिद्धांत है कि आप एक आदमी को भोजन से मदद कर सकते हैं, आप एक आदमी को पैसे से मदद कर सकते हैं, आप हर तरह की सहायता दे सकते हैं, लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि सबसे बड़ी मदद उस व्यक्ति को खुद की मदद करने के लिए सशक्त बनाना है और यह देखने के लिए कि सरकार का धन आम तौर पर पूंजी खाते के लिए जाता है, न कि उन चीजों के लिए जो लंबे समय तक नहीं चलती हैं। हमें देश में विकास की आदत डालनी होगी, जिसकी शेल्फ लाइफ काफी लंबी हो।

हमारी नियामक व्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि चेयरमैन के तहत, सीबीडीटी ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। यह विभाग सभी करदाताओं के जीवन से संबंधित है। इसलिए एक बड़ा बदलाव किया गया है। आप एक महान सेवा करेंगे और आप भारतीय राजस्व सेवा नहीं होंगे, बल्कि एक अविश्वसनीय राजस्व सेवा देंगे यदि आप अधिक से अधिक लोगों को कर के दायरे में लाते हैं। इससे आप उनकी मदद करेंगे। उन्हें ये कहने में ख़ुशी होगी कि हम टैक्स देते हैं। यह कहते ही उनका मन प्रफुल्लित होगा कि हमारा पैसा कहां खर्च हो रहा है? इससे वे राष्ट्र के कामकाज में भागीदार बनेंगे।

राज्यसभा में ई-ऑफिस को आपकी सेवा के ही एक सदस्य द्वारा क्रियाशील बनाया जा रहा है। अब, अगर आप राज्यसभा के सभापति की कार्यप्रणाली देखें, तो मैं पूरी तरह से डिजिटल हूं। मेरी उम्र के एक व्यक्ति को डिजिटल होने के लिए बाध्या किया गया है, जो आपकी सेवा की ताकत को बयां करता है।

सबसे क्रांतिकारी और मौलिक परिवर्तन जो गेम चेंजर साबित हो रहा है वह है प्रौद्योगिकी को अपनाना। टेक्नोलॉजी को अपनाने का एक और महत्वपूर्ण पहलू है, जो लोग शॉर्टकट अपनाना चाहते हैं, जो बड़ी खरीदारी करके छिपाना चाहते हैं, अब उनका खेल खत्म हो गया है। जिस क्षण वे ऐसा करते हैं, विभाग को पता चल जाता है कि वे ऐसा कर रहे हैं। क्योंकि आपने एक मॉड्यूल और एक तंत्र विकसित किया है, जो बहुत सफल है। मैं उन महान तकनीकी अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित नहीं करूंगा जिनका विभाग ने करदाताओं की चिंता खत्म करने के लिए निर्बाध रूप से उपयोग किया है।

निर्धारण वर्ष 2023-24 में 31 जुलाई, 2023 तक 6.77 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न  दाखिल किए गए। पिछले साल दाखिल किए गए रिटर्न की तुलना में यह 16 प्रतिशत की वृद्धि। एक उपलब्धि जिस पर श्री गुप्ता और उनकी टीम गर्व कर सकती है। लेकिन उनकी टीम ने जो किया है, वह हमें गौरवान्वित करता है और हम दुनिया को हमारी संभालने की क्षमता बता सकते हैं। 31 जुलाई 2023 को, एक ही दिन में 64 लाख और उससे अधिक आईटीआर दाखिल किए गए, जो तकनीकी अनुप्रयोग की ताकत, इसकी दक्षता और इसकी मजबूत प्रकृति को दर्शाता है।

मित्रों, सिविल सेवकों को गर्व के साथ राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।

पी: पब्लिक सर्विस विदआउट पर्सनल बायस यानी व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों के बिना सार्वजनिक सेवा, जो बहुत महत्वपूर्ण है, पूर्वाग्रह, पक्षपात, संरक्षण प्रणाली को भ्रष्ट करते हैं। ऐसे प्रलोभनों के आगे झुक जाना मानव स्वभाव है। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आपके विभाग ने एक ऐसा तंत्र बनाया है जहां व्यक्तिगत पूर्वाग्रह तकनीकी रूप से मिटा दिए गए हैं।

आर: रूल ऑफ़ लॉ इम्प्लीमेंटेड एट ग्रासरुट लेवल्स यानी जमीनी स्तर पर कानून का शासन लागू किया गया।

आई: इंटिग्रेटी इन डीलिंग विद द पब्लिक यानी जनता के साथ व्यवहार में सत्यनिष्ठा।

डी: डिवोशन टू ड्यूटी यानी कर्तव्य के प्रति समर्पण।

ई: एफिशिएंसी इन अचीविंग पॉलिसी टार्गेट्स यानी नीतिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने में दक्षता।

मैं आपको बता दूं कि आपके प्रयास देश के लिए अपरिहार्य हैं। यदि आप अपने दायित्वों से विमुख होंगे तो राष्ट्र को नुकसान होगा। दोस्तों, मैं आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ। मैं आपको अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएं देता हूं। मुझे यकीन है कि आप 2047 के भारत के फुट सोल्जर और योद्धा हैं। आप लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए निडर होकर, बिना थके, बिना तनाव के काम करेंगे। जिस क्षण आप उस दिशा की तरफ जाएंगे, आपका जीवन अपने आप बदल जाएगा।

मैं विशेष रूप से भूटान के हमारे दो मित्रों का अभिनंदन करता हूं, आप सभी से अनुरोध है कि उनके संपर्क में रहें। मुझे विभिन्न सेवाओं के प्रशिक्षुओं से मिलने का सौभाग्य मिला और मैंने पाया कि भूटान हमेशा यहां मौजूद रहता है। आपके जीवन भर उनके साथ अच्छे संबंध रहेंगे। भूटान एक अच्छा, प्राकृतिक रूप से सुन्दर देश है जहाँ प्रकृति का भरपूर आशीर्वाद है। अपने लोगों के लिए हमारी शुभकामनाएँ और अभिवादन स्वीकार करें।

मैं आप सभी के जीवन में बड़ी सफलता की कामना करता हूं और आप सभी से राष्ट्र को पहले, राष्ट्रीय हित को पहले और राष्ट्रवाद को हर चीज से ऊपर रखने का आग्रह करता हूं। एक बात जो आपको लोगों में, उद्योगों में, व्यापार और व्यवसायों में विकसित करनी होगी, वह यह है कि राजकोषीय लाभ के लिए राष्ट्रवाद से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिए। इससे आर्थिक राष्ट्रवाद बढ़ेगा और हमारी अर्थव्यवस्था को बेहतरी के लिए बदल देगा। हमें बाहर से आने वाली सस्ती वस्तुओं की जगह अपने देश में उपलब्ध वस्तुओं को महत्व देना होगा।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। जय भारत!

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