नीति आयोग
नीति आयोग ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए निर्यात तैयारी इंडेक्स (ईपीआई) 2022 का तीसरा संस्करण जारी किया
Posted On:
17 JUL 2023 8:24PM by PIB Delhi
नीति आयोग ने आज भारत के राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए ‘निर्यात तैयारी इंडेक्स (ईपीआई) 2022’ नामक रिपोर्ट का तीसरा संस्करण जारी किया। इस रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने जारी किया।
कोरोना महामारी के बाद आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दे और भूराजनीतिक कारकों से उत्पन्न चुनौतियों से सफलतापूवर्क पार पाते हुए भारतीय निर्यात ने महामारी के बाद के दौर में अपनी लोचशीलता साबित की है। भारत ने निर्यात वृद्धि जारी रखने के लिये राज्यों और उससे भी आगे जिलों को बड़े निर्यात केन्द्र के तौर पर बढ़ावा देकर एक प्रमुख वैश्विक निर्यातक बनने का लक्ष्य रखा। ईपीआई 2022 में कहा गया है कि क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा क्षमता को आगे लाकर, हमारी जो स्वाभाविक विविधता है उसका लाभ उठाते हुए भारत अपनी निर्यात संभावनाओं को बढ़ा सकता है। इंस्टीट्यूट फॉर कम्पटीटिवनेश के सहयोग से नीति आयोग द्वारा तैयार ‘निर्यात तैयारी इंडेक्स’ में राज्यों से भी आगे जिले स्तर पर निर्यात की जांच-परख की गई है।
ईपीआई 2022 रिपोर्ट में क्षेत्र विशिष्ट अंतर्दृष्टि के साथ निर्णय-लेने में सहायता करने, मजबूती की पहचान, कमियों को दूर करने और भारत के राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों (यूटी) में बड़े पैमाने पर वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों को अधिकार दिये जाने की वकालत की गई है।
राज्यों और यूटी के बीच निर्यात तैयारियों को लेकर किए गए तुलनात्मक विश्लेषण से एक ऐसी संरचना सामने आती है जो कि देश के भीतर ही प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देती है। यह इंडेक्स हितधारकों को रणनीतियों की पहचान करने और राज्य के निर्यात पर प्रभाव डालने वाले मानदंडों को सुधारने में सशक्त बनाता है ताकि उनकी निर्यात प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाया जा सके। यह उसके आंकड़े आधारित दृष्टिकोण का इस्तेमाल करते हुए नीति में बदलाव और अनुकूल निर्यात परिवेश बनाने के लिए व्यापक विश्लेषण उपलब्ध कराता है। कुल मिलाकर रिपोर्ट का यह संस्करण प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद के उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकता है, जिससे कि प्रत्येक राज्य का निर्यात प्रदर्शन बेहतर हो और वह देश के समग्र विकास में योगदान कर सकें। यह ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा कि ईपीआई के प्रत्येक आकलन की अपनी पद्धति है और ऐसे में उभरते कारकों के चलते यह उसके संस्करणों के साथ तुलना की पेशकश नहीं करता है।
रिपोर्ट वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत के निर्यात कारोबार का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है जिसमें क्षेत्र- विशेष के साथ ही जिला स्तर पर वस्तु निर्यात के रुझान भी शामिल हैं। ईपीआई 2022 रिपोर्ट राज्यों के प्रदर्शन का चार स्तम्भों में मूल्यांकन करती है- नीति, व्यवसायिक परिवेश, निर्यात इकोसिस्टम और निर्यात प्रदर्शन। इंडेक्स में 56 संकेतकों का इस्तेमाल किया गया है जिनसे राज्यों और यूटी की निर्यात मामले में राज्य व जिला दोनों स्तर पर निर्यात तैयारियों की समग्र तस्वीर सामने आ जाती है।
इंडेक्स में चार स्तम्भों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है -
- नीति स्तंभ में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की राज्य और जिला स्तर पर निर्यात से जुड़े नीतिगत इकोसिस्टम और इसके ईद-गिर्द खड़ी संस्थागत संरचना पर आधारित मूल्यांकन किया जाता है।
- व्यवसायिक परिवेश में कारोबार को समर्थन देने वाली ढांचागत सुविधाओं, राज्य/यूटी परिवहन संपर्क के साथ ही राज्य/यूटी में मौजूदा व्यवसायिक परिवेश का आकलन किया जाता है।
- निर्यात इकोसिस्टम में निर्यातकों को दिया जाने वाला व्यापार समर्थन और नवाचार को बढ़ावा देने के लिये राज्य में व्याप्त अनुसंधान और विकास कार्यों के साथ राज्य में निर्यात से जुड़ी ढांचागत सुविधाओं पर गौर किया जाता है।
- निर्यात प्रदर्शन एक आउटपुट आधारित संकेतक है जिसमें पिछले साल के मुकाबले राज्य की निर्यात वृद्धि को मापा जाता है और उसके निर्यात केन्द्रित कार्यों और वैश्विक बाजार में उपस्थिति को आंका जाता है।
ये स्तम्भ आगे दस उप-स्तम्भों पर आधारित हैं- इनमें निर्यात संवर्धन नीति, संस्थागत रूपरेखा ढांचा, व्यवसायिक परिवेश, ढांचागत सुविधाएं, परिवहन संपर्क, निर्यात सुविधाएं, व्यापार समर्थन, अनुसंधान एवं विकास अवसंरचना, निर्यात में विविधता और वृद्धि को बढ़ावा देने जैसे कदम, शामिल हैं।
ईपीआई रिपोर्ट 2022 में देखा गया है कि ज्यादातर ‘तटीय राज्यों’ ने अच्छा प्रदर्शन किया है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात पूरे देश में सभी श्रेणी के राज्यों में निर्यात तैयारियों के मामले में सबसे आगे रहे हैं।
नीतिगत परिवेश को बेहतर बनाने के राज्य सरकारों के प्रयासों के तहत कई राज्यों ने निर्यात संवर्धन नीतियां तैयार की और जिला स्तर पर भी निर्यात योजना बनाई। रिपोर्ट में नोट किया गया है कि कई राज्यों में व्यवसाय और निर्यात के समूचे तंत्र में और सुधार की गुंजाइश है जो कि इनके निर्यात प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है।
रिपोर्ट राज्य सरकारों को उनके निर्यात के क्षेत्र विशेष की चुनौतियों के समाधान के लिये प्रोत्साहित करती है। राज्य अपने क्षेत्र के विशिष्ट उत्पादों को बढ़ावा देकर अपनी सहज विविधता का लाभ उठा सकते हैं और उन्हें विश्व बाजार में पहुंचने में मदद कर सकते हैं। अनुसंधान और विकास में लगातार निवेश करते रहने से नवोन्मेष को बढ़ावा मिलेगा और बदले में यह भारत की निर्यात वस्तुओं की उच्च क्षमता और विविधीकरण में मददगार होगा। इसके आगे नये बाजारों की पहचान के प्रयासों और राज्य की प्रतिस्पर्धा के अनुरूप विविध उत्पादों का निर्यात होने से भारत को विश्व बाजार में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट का उद्देश्य देश में प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद को बढ़ावा देना है जो कि राज्यों के बीच स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करता है और राज्यों के बीच एक दूसरे से सीखने को भी प्रोत्साहन मिलता है। इसमें इस बात को भी स्वीकार किया गया है कि राज्यों की निर्यात तैयारियों के व्यापक मूल्यांकन के लिए निर्यात और सेवा निर्यात आंकड़े प्राप्ति के स्रोत जैसे महत्वपूर्ण संकेतकों का भली-भांति आकलन करने की जरूरत है क्योंकि वर्तमान में ये आंकड़े राष्ट्रीय स्तर से नीचे स्तर पर नहीं जुटाये जाते हैं। इन सूचकांक का इस्तेमाल करते हुये राज्य अपने कमजोर क्षेत्रों में सुधार ला सकते हैं और अपने निर्यात प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
निर्यात तैयारी इंडेक्स 2022 रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी, नीति आयोग के सीईओ श्री बीवीआर सुब्रमण्यम, नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार संजीत सिंह और इंस्टीट्यूट फॉर कम्पटीटिवनेश के चेयरमैन अमित कपूर की उपस्थिति में जारी किया।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, ‘‘जब हम 2047 की ओर देखते हैं और दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की बात करते हैं तब हमें विनिर्माण के साथ-साथ सेवा और कृषि निर्यातों में भी प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है। इसे हासिल करने के लिए राज्यों की जिन क्षेत्रों में दूसरों के मुकाबले बेहतर स्थिति है उसका लाभ उठाया जाना चाहिये।’’
नीति आयोग के सदस्य डॉ. अरविंद विरमानी ने कहा, ‘‘निर्यातक फर्में घरेलू फर्मों के मुकाबले अधिक लाभदायक हैं। उनकी मौजूदगी से कुशल श्रमिकों के लिये मांग पैदा होती है और फिर इससे उस क्षेत्र की सकल उत्पादकता, राज्यों की राजस्व आय, रोजगार गुणवत्ता और राज्य की औद्योगिक अवसंरचना पर अनुकूल असर पड़ता है।’’
नीति आयोग के सीईओ श्री बीवीआर सुब्रमण्यम ने भी इस अवसर पर कहा, ‘‘निर्यात आज आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने वाले इंजन हैं, हालांकि, कई राज्य इसके महत्व को नहीं समझते हैं। दिये गये विभिन्न स्तंभों, उप-स्तंभों और संकेतकों के साथ यह रिपोर्ट राज्यों को बताती है कि वह किस प्रकार से निर्यात में सुधार ला सकते हैं, निर्यात रणनीति के मामले में जागरूकता को लेकर जो कमी रह गई थी उसे पूरा करती है।’’
नीति आयोग में वरिष्ठ सलाहकार श्री संजीत सिंह ने कहा, ‘‘यह रिपोर्ट राज्यों के लिये उनके निर्यात में सुधार लाने की दिशा में किये जा रहे कार्यों को समझने और उनका विश्लेषण करने का बेहतर संकलन है। ईपीआई 2022 सभी राज्यों में जिला स्तरीय निर्यात रुझानों, राज्य की जानकारी, श्रेणीवार, स्तम्भ और उप-स्तम्भ वार रैकिंग को अपने संज्ञान में लेती है। इसके अलावा रिपोर्ट में प्रत्येक राज्य का विस्तृत स्कोरबोर्ड भी है जो कि उन्हें उनके प्रदर्शन को समझने में मदद करता है।
डॉ. अमित कपूर ने भी कहा, ‘‘ईपीआई एक जबरदस्त कार्य पद्धति पर आधारित डेटा-आधारित टूल है जिसका उद्देश्य राज्यों/यूटी को उनकी निर्यात प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाने के लिए लक्षित रणनीति विकसित करने में मदद करना है। ईपीआई एक दूसरे से सीखने को प्रोत्साहन देने और उनकी खुद की मजबूती का लाभ उठाते हुए सहयोगात्मक और प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना को बढ़ावा देने में मदद करती है।’’
ईपीआई 2022 सकल रैंकिंग
रैंक
|
राज्य
|
श्रेणी
|
स्कोर
|
1
|
तमिलनाडु
|
तटीय
|
80.89
|
2
|
महाराष्ट्र
|
तटीय
|
78.20
|
3
|
कर्नाटक
|
तटीय
|
76.36
|
4
|
गुजरात
|
तटीय
|
73.22
|
5
|
हरियाणा
|
भूमिबद्ध
|
63.65
|
6
|
तेलंगाना
|
भूमिबद्ध
|
61.36
|
7
|
उत्तर प्रदेश
|
भूमिबद्ध
|
61.23
|
8
|
आंध्र प्रदेश
|
तटीय
|
59.27
|
9
|
उत्तराखंड
|
हिमालयी क्षेत्र
|
59.13
|
10
|
पंजाब
|
भूमिबद्ध
|
58.95
|
11
|
ओडिशा
|
तटीय
|
58.84
|
12
|
मध्य प्रदेश
|
भूमिबद्ध
|
55.68
|
13
|
राजस्थान
|
भूमिबद्ध
|
54.80
|
14
|
पश्चिम बंगाल
|
तटीय
|
53.57
|
15
|
हिमाचल प्रदेश
|
हिमालयी क्षेत्र
|
52.25
|
16
|
गोवा
|
यूटी/छोटा राज्य
|
51.58
|
17
|
जम्मू और कश्मीर
|
यूटी/छोटा राज्य
|
47.79
|
18
|
दिल्ली
|
यूटी/छोटा राज्य
|
47.69
|
19
|
केरल
|
तटीय
|
44.03
|
20
|
झारखंड
|
भूमिबद्ध
|
43.91
|
21
|
असम
|
भूमिबद्ध
|
43.19
|
22
|
बिहार
|
भूमिबद्ध
|
41.06
|
23
|
मणिपुर
|
हिमालयी क्षेत्र
|
40.77
|
24
|
अंडमान, निकोबार द्वीप
|
यूटी/छोटा राज्य
|
40.65
|
25
|
छत्तीसगढ़
|
भूमिबद्ध
|
39.10
|
26
|
त्रिपुरा
|
हिमालयी क्षेत्र
|
38.30
|
27
|
सिक्किम
|
हिमालयी क्षेत्र
|
36.86
|
28
|
नगालैंड
|
हिमालयी क्षेत्र
|
34.63
|
29
|
लद्दाख
|
यूटी/छोटा राज्य
|
31.51
|
30
|
चंडीगढ़
|
यूटी/छोटा राज्य
|
31.27
|
31
|
पुडुचेरी
|
यूटी/छोटा राज्य
|
24.34
|
32
|
मेघालय
|
हिमालयी क्षेत्र
|
24.24
|
33
|
अरुणाचल प्रदेश
|
हिमालयी क्षेत्र
|
19.92
|
34
|
दादर नागर और हवेली तथा दमन एवं दीव
|
यूटी/छोटा राज्य
|
18.74
|
35
|
मिजोरम
|
हिमालयी क्षेत्र
|
16.96
|
36
|
लक्षद्वीप
|
यूटी/छोटा राज्य
|
11.30
|
***
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