स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
देश के नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य नतीजे का लक्ष्य हासिल करने के लिए हरेक नीति तैयार करना और उसमें सुधार के लिए सीख पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है: डॉ. मनसुख मांडविया, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा देहरादून में आयोजित स्वास्थ्य चिंतन शिविर में
डॉ. मंडाविया ने राज्यों से स्वास्थ्य सेवा पर व्यय बढ़ाने का आग्रह किया, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए पर्याप्त रकम देने के लिए तैयार है केंद्रीय मंत्रालय
स्वास्थ्य नतीजों में लगातार सुधार के लिए नियमित तौर पर स्वास्थ्य चिंतन शिविर आयोजित किया जाना चाहिए: डॉ. मनसुख मांडविया
स्वास्थ्य सेवा में सर्वोत्तम प्रथाओं एवं सीखों को साझा करने के साथ ही स्वास्थ्य चिंतन शिविर का पहला दिन संपन्न हुआ
Posted On:
14 JUL 2023 7:59PM by PIB Delhi
'देश के नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य नतीजे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हरेक नीति तैयार करना और उसे बेहतर बनाने के लिए सीख पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।' यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने देहरादून में आयोजित स्वास्थ्य चिंतन शिविर की अध्यक्षता करते हुए कही। इस दौरान सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और प्रो. एसपी सिंह बघेल उपस्थित थे। इस विचार-मंथन सम्मेलन में उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री श्री धन सिंह रावत, आंध्र प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती रजनी विडाडला, अरुणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री अलो लिबांग, असम के स्वास्थ्य मंत्री श्री केशब महंत, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री श्री ऋषिकेश पटेल, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री श्री दिनेश गुंडू राव, मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री श्री सपम रंजन सिंह, मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आर. लालथ्यांगलियाना और तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री श्री थिरु मा. सुब्रमण्यन भाग ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंह देव, उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री ब्रजेश पाठक, सिक्किम के पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री श्री बीएस पंत, मध्य प्रदेश के राज्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग और पुद्दुचेरी के लोक निर्माण मंत्री श्री के लक्ष्मी नारायणन भी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
डॉ. मांडविया ने स्वास्थ्य सेवा पर राज्यों द्वारा व्यय बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्यों के इस प्रयास में भारत सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने पिछले स्वास्थ्य चिंतन शिविर के आयोजन के बाद पिछले एक वर्ष में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला और कहा कि स्वास्थ्य नतीजों में लगातार सुधार के लिए इसे नियमित तौर पर आयोजित किया जाना चाहिए।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन आयुष्मान भारत के तहत विभिन्न कार्यक्षेत्रों पर सत्र आयोजित किए गए, जिनमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई), आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम), स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) शामिल हैं। दिन का अंतिम सत्र सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन कैडर की भूमिका पर केंद्रित था।
यह राष्ट्रीय सम्मेलन आज भारत के विभिन्न राज्यों के बीच स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ-साथ सीख को साझा करने का एक प्रमुख मंच सिद्ध हुआ। इस दौरान विचार-विमर्श मुख्य तौर पर पीएम-जेएवाई एवं एबीडीएम के कार्यान्वयन और राज्यों के बीच विविध स्थानीय परिस्थितियों और डिजिटल स्वास्थ्य साक्षरता के लिहाज से मौजूद अंतर को कम करने की आवश्यकता पर केंद्रित था। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में पीएम-एबीएचआईएम के तहत आने वाले वर्षों के दौरान भारत में स्थापित होने वाले स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए एक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया। साथ ही इस संबंध में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भूमिकाओं पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में ओएसडी श्री सुधांश पंत, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल, स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों और उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।
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