उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
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श्री पीयूष गोयल ने खाद्य मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के प्रयासों की सराहना की; जन सेवा के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला


श्री गोयल ने नये चीनी-इथेनॉल पोर्टल की शुरुआत की

Posted On: 05 JUL 2023 7:09PM by PIB Delhi

केन्‍द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, वाणिज्य एवं उद्योग तथा वस्‍त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि सभी राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को सहकारी संघवाद की भावना से सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने नई दिल्ली में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) द्वारा आयोजित 'राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन' की अध्यक्षता करते हुए आज यह बात कही। उपभोक्‍ता मामले मंत्री ने सभी राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों से बकाया राशि पर अपने लंबित दावे शीघ्रता से केन्‍द्र सरकार के पास जमा करने का अनुरोध किया ताकि उनका जल्द से जल्द निपटान किया जा सके।

सम्मेलन में केन्‍द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति और श्री अश्विनी कुमार चौबे, 35 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 17 खाद्य मंत्री, अधिकारी तथा खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

प्रस्तुतिकरण में, विभाग ने खाद्यान्नों की खरीद प्रक्रिया के पैमाने और उसमें सुधारों पर प्रकाश डाला, जो खाद्य सुरक्षा प्रदान करने और खाद्यान्नों की घरेलू कीमतों में स्थिरता प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।

सम्मेलन के दौरान श्री पीयूष गोयल ने एक नये चीनी-इथेनॉल पोर्टल की भी शुरुआत की।

सम्मेलन के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (यूएन-डब्ल्यूएफपी) द्वारा विकसित स्वचालित मल्टी-कमोडिटी अनाज वितरण मशीन - 'अन्नपूर्ति' और अनाज की स्वचालित गुणवत्ता जांच के लिए विकसित स्वचालित अनाज विश्लेषक का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा सम्मेलन के दौरान मोटे अनाज के विभिन्‍न उत्‍पादों को दर्शाने वाली मोटे अनाज की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।

सम्मेलन की शुरुआत में, मोटे अनाज की खरीद बढ़ाने के लिए एक व्यापक रणनीति पर चर्चा की गई और इसे तैयार किया गया। मोटे अनाज पर विशेष ध्‍यान लाभार्थियों की पोषण सुरक्षा को मजबूत करने के व्यापक उद्देश्य को दर्शाता है। अनुमान लगाया गया है कि खरीफ विपणन मौसम (केएमएस) 2023-24 में 26.14 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) मोटे अनाज की खरीद की जाएगी, जबकि अपेक्षित वितरण 22.31 एलएमटी होगा।

सम्मेलन के दौरान जिन अन्य प्रमुख विषयों पर व्यापक रूप से चर्चा की गई, उनमें एकरूपता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खरीद केन्‍द्रों की ग्रेडिंग, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) का प्रभावी कार्यान्वयन, खाद्यान्नों की शुरू से अंत तक खरीद और वितरण के कम्प्यूटरीकरण के लिए, स्मार्ट-पीडीएस योजना का कार्यान्वयन, उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) में परिवर्तन, अंतर-राज्य वितरण में शामिल दूरी को कम करने के लिए मार्ग के अधिकतम उपयोग अध्‍ययन के कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना ताकि अंतर राज्‍यीय वितरण में शामिल दूरी को कम किया जा सके, मोटे अनाज के वितरण के माध्यम से खाद्य टोकरी का विविधीकरण।

इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश द्वारा मनरेगा फंड के माध्यम से मॉडल एफपीएस का निर्माण, असम द्वारा ई-केवाईसी और राशन कार्डों का दोहराव खत्‍म करना, गुजरात द्वारा आपूर्ति श्रृंखला स्वचालन और आंध्र प्रदेश द्वारा पोषणयुक्‍त चावल का आश्वासन सहित विभिन्न विषयों पर क्रॉस-लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया।

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