कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
तमिलनाडु में सूखे की तैयारी और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा
Posted On:
04 JUL 2023 8:57PM by PIB Delhi
तमिलनाडु में सूखे की स्थिति से निपटने की तैयारी के लिए और केंद्र प्रायोजित सभी योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए चेन्नई के चेपॉक स्थित कृषि आयुक्त कार्यालय में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव, आईएफएस, श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव और तमिलनाडु के खेतिहर किसान कल्याण विभाग के सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री सी. समयमूर्ति ने की।
कृषि उत्पादन आयुक्त एवं राज्य सरकार के कृषि किसान कल्याण विभाग के सचिव ने अपने शुरुआती संबोधन में सूखे की तैयारियों और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए संयुक्त सचिव को धन्यवाद दिया क्योंकि इससे समस्याओं को साझा किया जा सकता है और भारत सरकार के सहयोग से उपचारात्मक उपाय तुरंत किए जा सकते हैं। कृषि आयुक्त डॉ. एल. सुब्रमण्यन ने राज्य में वर्षा की स्थिति, सभी जलाशयों में जल भंडारण, फसल की स्थिति, सूखे से निपटने के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और आकस्मिक योजना की तैयारी के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी। बताया गया कि राज्य के 10 जिलों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून कमजोर है। कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव ने पिछले कुछ वर्षों से में राज्य में हो रही बेमौसम बारिश के कारण फसलों की पैदावार प्रभावित होने पर चिंता जताई। उन्होंने अतिदोहन और महत्वपूर्ण फिरकाओं में भूजल की स्थिति में सुधार के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना पर दिए जा रहे जोर के बारे में भी जानकारी दी। ग्रीन तमिलनाडु मिशन के तहत कृषि वानिकी पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके तहत वन वृक्षों के पौधे निःशुल्क दिए जाते हैं।
यह भी बताया गया कि कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव राज्य में सूखे से निपटने की योजना का मसौदा तैयार करने के लिए दो शुरुआती बैठक पहले ही कर चुके हैं। उसी आधार पर 116 ब्लॉकों में सूखे के प्रति संवेदनशील 23 जिलों की पहचान की गई है। साथ ही विभिन्न रणनीतियों जैसे, पानी की कम जरूरत वाली फसलों की खेती, बिजाई की स्थिति, उर्वरक, विभिन्न एजेंसियों द्वारा स्थापित 608 मानक वर्षा गेज एवं 257 स्वचालित मौसम केंद्रों से एकत्रित वारिश के डेटा का एकीकरण, सामुदायिक नर्सरी एवं सीधी बुआई जैसी सूखा अनुकूल खेती प्रथाओं को अपनाने पर जोर, वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए जलाशयों का निर्माण, पशुओं के लिए शेल्टर की व्यवस्था और हरे चारे एवं सूखे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करना आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। यह भी बताया गया कि राज्य एवं जिला स्तर पर सूखा निगरानी प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। तमिलनाडु डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एजेंसी के निदेशक श्री रमण ने कहा कि सूखे की भविष्यवाणी करना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन राज्य सूखा प्रबंधन मैनुअल के अनुसार संकेतकों की स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है।
भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने कहा कि भारत सरकार मॉनसून के विफल होने पर सूखे से निपटने के लिए राज्यों की तैयारियों और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की स्थिति जानने के लिए काफी उत्सुक है। साथ ही, उन्होंने राज्य और जिला दोनों स्तरों पर विशेष रूप से संवेदनशील जिलों में एक विशिष्ट निगरानी तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया। मौसम विभाग ने इस वर्ष दक्षिण पश्चिम मॉनसून के दौरान सामान्य बारिश होने की भविष्यवाणी की है। मगर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने अपने सभी वरिष्ठ अधिकारियों के जरिये राज्यों की तैयारियों की जांच करने की पहल की है।
संयुक्त सचिव ने जिला अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने के बाद सूखे की स्थिति से निपटने के लिए राज्य की तैयारियों के प्रति संतुष्टि व्यक्त की।
संयुक्त सचिव ने बताया कि किसानों के कल्याण के लिए सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं को समय पर लागू किया जाना चाहिए और उसके लिए रकम जारी करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। इस संबंध में, तमिलनाडु सरकार के कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सभी निर्धारित मानदंडों पर अमल करते हुए रकम का उपयोग करने और भौतिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए तेजी से कदम उठाए गए हैं।
संयुक्त सचिव ने देश में सबसे पहले समेकित वार्षिक कार्य योजना तैयार करने और वर्ष 2023-24 के लिए रकम जारी करने के लिए तमिलनाडु की सराहना की। साथ ही उन्होंने किसान समुदाय के कल्याण के लिए 'तमिल मन वलम' नाम से एक नया पोर्टल शुरू करने के लिए भी राज्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा। अंत में, उन्होंने राज्य के अधिकारियों को सूखे की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने और केंद्र प्रायोजित योजनाओं को जल्द से जल्द लागू करने के लिए आगाह किया।
बैठक के दौरान सूखे की तैयारी और केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर चर्चा में कृषि उत्पादन आयुक्त एवं राज्य सरकार के सचिव श्री सी. समयमूर्ति, कृषि आयुक्त डॉ. एल. सुब्रमण्यन, कृषि विपणन एवं कृषि कारोबार निदेशक डॉ. नटराजन, तमिलनाडु वाटरशेड विकास एजेंसी के कार्यकारी निदेशक श्री अंबाजगन, बागवानी एवं वृक्षारोपण फसल निदेशक डॉ. बृंदा देवी, अतिरिक्त निदेशक (कार्मिक प्रबंधन) श्रीमती श्रेया सिंह, कृषि इंजीनियरिंग विभाग के मुख्य अभियंता और राज्य एवं जिला कार्यालयों के अधिकारियों ने भाग लिया।
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