जनजातीय कार्य मंत्रालय

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज झारखंड के खूंटी में जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत ट्राइफेड द्वारा आयोजित महिला एसएचजी शिखर सम्मेलन में महिलाओं के साथ बातचीत की


राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन, श्री अर्जुन मुंडा, श्रीमती रेणुका सिंह सरुता और श्री हेमन्त सोरेन ने इस भव्य अवसर की शोभा बढ़ाई

पूरे झारखंड में स्वयं सहायता समूहों में जनजातीय महिलाओं के लिए आजीविका और स्वास्थ्य पर चर्चा हुई

Posted On: 25 MAY 2023 8:25PM by PIB Delhi

मुख्य विशेषताएं:

  • जनजातीय कला और शिल्प का लाइव प्रदर्शन, जनजातीय उत्पादों का शिल्प-वार प्रदर्शन और ट्राइफिड, एनएसटीएफडीसी और भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों/विभागों द्वारा स्थापित वीडीवीके स्टॉल
  • एनएसटीएफडीसी, एनएसआईसी, एनआईईएसबीयूडी, कौशल क्षेत्र परिषद (एफआईसीएसआई), डाक विभाग और एमएसएमई मंत्रालय ने विभिन्न स्टॉल लगाए
  • लगभग 25,000 से 30,000 जनजातीय प्रतिभागियों ने बड़े उत्साह से इसमें भाग लिया
  • जनजातीय कार्य मंत्रालय के जनजातीय स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के बूथों के माध्यम से एससीडी, टीबी और मलेरिया पर जागरूकता अभियान चलाया गया, स्वास्थ्य क्षेत्रों में सूक्ष्म कोशिका रोगों/विशेषताओं की जांच भी की गई

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तत्वाधान में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राइफेड) और नेशनल शेडयूल्ड ट्राइब्स फाइनांस एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएसटीएफडीसी) द्वारा आयोजित महिला एसएचजी सम्मेलन में महिला एसएचजी सदस्यों के साथ बातचीत की। यह आयोजन आज झारखंड के खूंटी जिले के बिरसा मुंडा कॉलेज स्टेडियम में किया गया।


 

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इस भव्य अवसर पर, झारखंड के राज्यपाल, श्री सी.पी. राधाकृष्णन, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री, श्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री, श्रीमती रेणुका सिंह सरुता, झारखंड के मुख्यमंत्री, श्री हेमंत सोरेन सहित  अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने कार्यक्रम भाग लिया।

कार्यक्रम में राष्ट्रपति का केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा द्वारा जनजातीय कारीगरों, महिला एसएचजी और पीवीटीजी द्वारा बनाए गए स्मृति चिन्हों के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

राष्ट्रपति ने लाइव डेमो बूथ और विभिन्न महिला एसएचजी सदस्यों द्वारा लगाए गए स्टालों का दौरा किया। अधिकतम स्टॉल वीडीवीके के थे। (सूची अनुलग्नक में)

सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने भगवान बिरसा मुंडा की भूमि पर आने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा, 'महिला होना या जनजातीय समाज में जन्म लेना कोई दोष नहीं है।' उन्होंने साझा किया कि हमारे देश में महिलाओं के योगदान के अनगिनत प्रेरक उदाहरण हैं और महिलाओं ने सामाजिक सुधार, राजनीति, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, विज्ञान और अनुसंधान, व्यवसाय, खेल और सैन्य बलों और कई अन्य क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपनी प्रतिभा को पहचानें और दूसरों के पैमाने पर खुद को न आंकें। उन्होंने महिलाओं से अपने अंदर मौजूद अनंत शक्ति को जगाने का आह्वान किया।

राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण के सामाजिक और आर्थिक पहलुओं के महत्व पर भी ध्यान दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि झारखंड की मेहनती बहनें और बेटियां राज्य की अर्थव्यवस्था और पूरे देश के विकास को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दे सकती हैं। राष्ट्रपति ने उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने और आत्मविश्वास के साथ जीवन में प्रगति करने के लिए अपने कौशल और क्षमता का उपयोग करने की सलाह दी।

राष्ट्रपति ने दावा किया कि झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था महिलाओं द्वारा संचालित है। इसलिए, झारखंड में अधिक से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ना और उनके कौशल का विकास करके रोजगार देना महत्वपूर्ण है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन के माध्यम से महिलाएं अपने अधिकारों और अपने हितों की पूर्ति के उद्देश्य से सरकार द्वारा चलाए जा रहे कई कार्यक्रमों के बारे में अधिक से अधिक जानेंगी।

उन्होंने यह भी बताया कि जनजातीय समाज दहेज जैसी सामाजिक बुराई से मुक्त है। ऐसे और भी तरीके हैं जिनसे शेष समाज जनजातीय समाज से सीख सकता है। इसलिए, राष्ट्रपति के अनुसार, जनजातीय समाज विभिन्न क्षेत्रों में सर्वोत्तम मॉडल पेश करता है।

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मंडा ने कहा कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राइफेड) और नेशनल शेडयूल्ड ट्राइब्स फाइनांस एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनएसटीएफडीसी) ने देश की अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार किया है। हर क्षेत्र में जनजातीय लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की अटूट प्रतिबद्धता के चलते हम एक ऐसे समाज को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं जहां जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग अपनी पूरी क्षमता का एहसास कर सकें और समावेशी विकास कर सकें।

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार जनजातीय समाज के आर्थिक और सामाजिक विकास, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। आदिवासी परिवारों की आय बढ़ाने के लिए हम उन्हें ट्राइफेड और एनएसटीएफडीसी के माध्यम से ऋण और विपणन दोनों सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। इसके साथ ही उनके कौशल को बढ़ाने, उद्यमशीलता कौशल को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण और औद्योगिक विकास कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनजातीय महिला उद्यमियों के समग्र विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है और यह महिला एसएचजी सम्मेलन इस प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने उल्लेख किया कि आजीविका का पहलू भगवान बिरसा मुंडा के विद्रोह के बाद ब्रिटिश काल से जिले में भूमि स्वामित्व और राजस्व के इतिहास से जटिल रूप से जुड़ा हुआ है। इसलिए जनजातीय आजीविका का विषय भूमि अधिकार, वन अधिकार, पूंजी और बाजारों तक पहुंच और बड़े पैमाने पर उत्पादन के लाभों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ज्ञान के आदान-प्रदान और बहस के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि मुख्य अतिथि के रूप में देश की राष्ट्रपति का स्वागत करना मेरे लिए गर्व की बात है क्योंकि यहां उनकी उपस्थिति स्थानीय और जनजातीय समुदायों के विकास में हमारी सरकार के महत्व को दर्शाती है।

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झारखंड के राज्यपाल, श्री सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि झारखंड में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में जनजातीय समाज की बहनों की उपस्थिति ने उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को काफी प्रभावित किया है। वे कृषि और बागवानी गतिविधियों, मुर्गीपालन और बकरी पालन, और लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मण्डा के मार्गदर्शन में जनजातीय कार्य मंत्रालय की अनेक कल्याणकारी योजनाएँ चल रही हैं, लेकिन इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देना होगा। इससे पहले, महामहिम राष्ट्रपति ने राजभवन में पीवीटीजी के लोगों के साथ बातचीत की, यह एक ऐतिहासिक और अपनी तरह का पहला आयोजन था।

झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जब से कैबिनेट मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने जनजातीय कार्य मंत्रालय का कार्यभार संभाला है, तब से यहां ट्राइफेड में गतिविधियां चल रही हैं। मुझे उम्मीद है कि झारखंड को इसका लाभ मिलता रहेगा।

कार्यक्रम में जनजातीय उत्पादों का शिल्प-वार प्रदर्शन, भारतीय प्राकृतिक रेजिन और गोंद संस्थान (आईआईएनआरजी) द्वारा लाख की खेती को बढ़ावा देना, एनएसटीएफडीसी, एनएसआईसी, एनआईईएसबीयूडी, कौशल क्षेत्र परिषद (एफआईसीएसआई), डाक विभाग और एमएसएमई मंत्रालय शामिल थे।

जनजातीय कार्य मंत्रालय के जनजातीय स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के बूथों के माध्यम से एससीडी, टीबी और मलेरिया पर जागरूकता अभियान चलाया गया, स्वास्थ्य क्षेत्रों में सूक्ष्म कोशिका रोगों/विशेषताओं की जांच भी की गई।

इस कार्यक्रम में एसएचजी/वन धन विकास केंद्रों की हजारों जनजातीय महिला सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

C.

लाइव प्रदर्शन के लिए प्रतिभागियों की सूची

 

 
   

क्रमांक

पैनल में शामिल आपूर्तिकर्ता का नाम और पता

कारीगरों की संख्या

शिल्प का नाम

   

1

मैसर्स कलामंदिर सक्षम एसएचजी फेडरेशन, जमशेदपुर

4

योगा मैट का प्रदर्शन

   

2

सिलादोन लाह उत्पादक सहयोग समिति

4

लाख आभूषण, चूड़ी का प्रदर्शन, लाइव प्रदर्शन

   

पता: सिलादोन, खूंटी

   

3

चला अखरा खोरा

4

वस्त्र और जी एंड ए, संगीत वाद्ययंत्र का प्रदर्शन, लाइव प्रदर्शन

   

पता: हीहल रांची

   

4

मैसर्स पूर्ति एग्रोटेक (मोती खेती)

4

मोती की खेती का लाइव  प्रदर्शन

   

पता: अर्की, खूंटी

   

5

टीला देवी और अकली देवी

4

 बेंत और बांस का प्रदर्शन, लाइव प्रदर्शन

   

6

 मेसर्स गेंदा बा आजिविका, खरसावां

4

खरसावां हल्दी का प्रदर्शन, लाइव सजीव प्रदर्शन

   

7

 श्री भोला नाथ सवार, उदय सवार, संतोष सवार

4

 सबाई घास का प्रदर्शन लाइव प्रदर्शन

   

8

 दिलेश्वर लोहरा

1

 जनजातीय पेंटिंग, लाइव प्रदर्शन के लिए

   

9

 दुर्गा प्रसाद हांसदा

4

 संगीत वाद्ययंत्र का प्रदर्शन, लाइव प्रदर्शन

   

10

 एपिल वन धन विकास केंद्र, मुरहू, खूंटी

4

 लाख की चूड़ियों का प्रदर्शन (विभिन्न प्रकार)

   

 

 अन्य संगठन

 

 

   

 

 आईआईएनआरजी, रांची

4

 लाख की खेती का प्रदर्शन

   

 

सब टोटल

41

 

   

 

प्रतिभागियों की कुल संख्या

82

 

   


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