वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

दीमापुर में यूनिटी माल के लिये केन्द्र ने नगालैंड को 145 करोड़ रूपये आवंटित किये।


नगालैंड से ओडीओपी उत्पादों के लिये लाजिस्टिक्स सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिये कृषि उड़ान योजना, रेलवे संपर्क विस्तार जैसे प्रयास शुरू होंगे।

जैविक प्रमाणन विदेशी बाजारों में भारतीय उत्पादों की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने में अहम् भूमिका निभायेगा और इससे किसानों को अच्छे दाम पाने में मदद मिलेगीः सुमिता डावरा, विशेष सचिव, डीपीआईआईटी

Posted On: 21 JUN 2023 6:26PM by PIB Delhi

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) और इन्वेस्ट इंडिया ने नगालैंड के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग और पत्र सूचना कार्यालय, कोहिमा के सहयोग से होटल वीवोर, कोहिमा, नगालैंड में 21 जून 2023 को एक ओडीओपी संपर्क कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में भारत सरकार, डीपीआईआईटी की विशेष सचिव श्रीमती सुमिता डावरा, नगालैंड सरकार के विकास आयुक्त, आईएएस, श्री आर. रामकृष्णन, नगालैंड सरकार में उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त एवं सचिव श्री केखरीवोर केविचुसा उपस्थित थे।

कार्यक्रम का आयोजन, भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले डीपीआईआईटी की दो अग्रणी पहलों -एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) और पीएम गति शक्ति (लाजिस्टिक्स) - के जरिये किये जा रहे प्रयासों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये किया गया।

श्रीमती सुमिता डावरा, विशेष सचिव, डीपीआईआईटी, भारत सरकार ने इस अवसर पर कोहिमा नगालैंड में 20 जून 2023 को नगालैंड से मिर्च पर जैविक उत्पादन के राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीओपी) को करने में डीपीआईआईटी और इन्वेस्ट इंडिया के प्रयासों का उल्लेख किया।

-कार्यशाला में कोहिमा, नगालैंड से मिर्च के 30 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

-कार्यशाला में कोहिमा के 15 से अधिक मिर्च किसानों के लिये जैविक प्रमाणन दस्तावेज तैयार कर लिये गये बाकी का भी उनके दस्तावेजों के पुष्टीकरण के बाद प्रमाणन किया जायेगा।

-यह दस्तावेज यूरोपीय संघ, स्विटजरलैंड जैसे विदेशी बाजारों में भारतीय उत्पादों के लिये बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने में प्रमुख भूमिका निभायेगा और साथ ही किसानों के लिये अच्छे दाम पाने में मदद करेगा।

-उन्होंने यह भी कहा कि मिर्च, हल्दी, कीवी, अनानास जैसे नगालैंड से आने वाले ओडीओपी उत्पादों के लिये कृषि उड़ान योजना, रेलवे संपर्क विस्तार, आदि के जरिये लाजिस्टिक्स सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिये प्रयास किये जायेंगे।

-उन्होंने इस पर भी गौर किया कि केन्द्रीय बजट 2023- 24 में देशभर में यूनिटी माल्स बनाने के लिये 5,000 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं। ये माल देशभर में ओडीओपी उत्पादों के लिये बड़े बिक्री केन्द्र के तौर पर काम करेंगे।

-यह भी स्पष्ट किया गया कि राज्य सरकार द्वारा दीमापुर में प्रस्तावित यूनिटी माल के लिये 145 करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं।

-राज्य के आर्थिक विकास और ओडीओपी के जरिये माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में योगदान के लिये राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों, जिलों और विदेश स्थित भारतीय मिशनों द्वारा किये गये असाधारण कार्य का आभार व्यक्त करने के लिये डीपीआईआईटी ने एक जिला एक उत्पाद पुरस्कार की शुरूआत की है। ये पुरस्कार राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल में 25 जून 2023 को शुरू हो जायेंगे।

-उद्योग विभाग, कृषि, बागवानी और एपेडा का प्रतिनिधित्व करने वाले स्थानीय अधिकारियों ने एक एकीकृत कस्टम डिपो, दीमापुर तक एक समर्पित कृषि रेल वैगन चलाने और जैविक उत्पादों के लिये कृषि उड़ान योजना के तहत कनेक्टिविटी की जरूरत पर जोर दिया।

-विशेष सचिव ने यह आश्वासन भी दिया कि इन सभी मुद्दों को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर योजना के तहत सभी संबंधित मंत्रालयों/विभागों के समक्ष पूरी सक्रियता के साथ उठाया जायेगा।

डीपीआईआईटी इन्वेस्ट के अधिकारियों ने डिजाइन संवेदनशीलता कार्यशालाओं, सरकारी ई- मार्किटप्लेस पर ओडीओपी जैम बाजार, ओडीओपी प्रदर्शनी आदि जैसे हस्तक्षेपों के जरिये भारतीय उत्पादों के सशक्तिकरण के लिये ओडीओपी पहलों के तहत किये जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में नगालैंड से मिर्च, मछली, काफी, हल्दी आदि ओडीओपी उत्पादों की ओडीओपी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इसमें नगालैंड के ओडीओपी किसानों के साथ मीडिया को बातचीत करने का अवसर भी उपलब्ध हुआ। किसानों ने इस मौके पर नगालैंड के उत्पादकों के सशक्तिकरण और संवर्धन से जुड़ी चिंताओं को अधिकारियों के समक्ष उठाया।

नगालैंड राज्य के लिये पीएम गतिशक्ति पर समीक्षा बैठक

21 जून 2023

 

-विशेष सचिव (लाजिस्टिक्स) की अध्यक्षता में नगालैंड सरकार के अधिकारियों के साथ पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान (एनएमपी) पर एक समीक्षा बैठक कोहिमा में 21 जून 2023 को आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य समग्र प्लानिंग, अधिक जोश लाने और पीएम गतिशक्ति एनएमपी के सभी हितधारकों के बीच बेहतर तालमेल के लिये पीएम गतिशक्ति की व्यापक स्वीकृति को बढ़ावा देना है।

-बैठक को नगालैंड सरकार के मुख्य सचिव श्री जन ए-आलम और डीपीआईआईटी, विशेष सचिव (लाजिस्टिक्स) सुश्री सुमिता डावरा ने संबोधित किया।

-नगालैंड सरकार के 30 से अधिक अधिकारियों जिनमें सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह के सदस्य (ईजीओएस) और राज्य के नेटवर्क प्लानिंग समूह (एनपीजी) के अधिकारी शामिल थे, ने बैठक में भाग लिया।

-देश में नई पीढ़ी की ढांचागत सुविधाओं की योजना और उनके निर्माण के लिये माननीय प्रधानमंत्री ने 13 अक्टूबर 2021 को पीएम गतिशक्ति की शुरूआत की। यह देश के ढांचागत क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की योजना है इससे जीवन को सुगम बनाने के साथ साथ कारोबार सुगमता दोनों में सुधार के लिये विभिन्न प्रकार की लाजिस्टिक्स कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा रहा है।

-विशेष सचिव ने अपने प्रस्तुतीकरण में पीएम गतिशक्ति को समग्र दृष्टिकोण के साथ अपनाने और मंत्रालयों और राज्यों की ओर से उत्कृष्ट प्रदर्शन पर जोर दिया। डेटा क्वालिटी मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देते हुये राज्य मास्टर योजना की आवश्यकताओं पर विचार विमर्श के साथ ही पूर्वोत्तर में आर्थिक केन्द्रों को विकसित करने के लिये क्षेत्र विकास प्रस्ताव, पर्याप्त मल्टीमाडल कनेक्टिविटी के जरिये पूर्वोत्तर गलियारे को मजबूत बनाना, आगामी ढांचागत परियोजनाओं के लिये क्षेत्र योजना का विचार, लाजिस्टिक्स क्षमता की बेहतरी में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बैठक के दौरान विचार विमर्श का मुख्य बिंदु रहे।

-पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर योजना की शुरूआत के बाद से नगालैंड राज्य ने पीएम गतिशक्ति संरचना के साथ जुड़ने के लिये संस्थागत व्यवस्था/नीति निर्माण के मामले में जरूरी रूपरेखा जैसे कि सचिवों का अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस), नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) और तकनीकी समर्थन इकाई (टीएसयू) का राज्य में गठन कर लिया गया है जिसमें बिजली, सड़क, शहरी विकास, पर्यटन, परिवहन जैसे विभिन्न विभागों को शामिल किया गया है। 13 जून 2023 की स्थिति के अनुसार 30 अनिवार्य डेटा परतों में से 22 (कुल/आंशिक) को राज्य मास्टर योजना (एसएमपी) प्लेटफार्म में शामिल किया गया है। डेटा परतें जैसे कि वन, पर्यावरण संवेदी क्षेत्र, ग्रामीण बस्ती, आर्थिक क्षेत्र, सड़क आदि को शामिल किया गया है।

-वित्त वर्ष 2022- 23 के लिये पार्ट-दो के तहत विशेष सहायता योजना के हिस्से के तौर पर नीचे उल्लेख की गई परियोजनाओं के लिये 28.43 करोड़ रूपये की राशि वितरित की गई।

-मोकोकचुंग जिले में लोंगनाक में आधुनिक संग्रहण केन्द्र।

-मोकोकचुंग जिले में चांगटोंग्या में आधुनिक संग्रहण केन्द्र।

-फेक जिले में मेलूरी में एकीकृत भंडारग्रह और वितरण केन्द्र।

-कोहिमा में पीएम गतिशक्ति डेटा केन्द्र।

-फेक जिले में फुत्सेरो में आधुनिक संग्रहण केन्द्र।

-राज्य वार्षिक योजना के हिस्से के तौर पर पांच परियोजनाओं को सौंपा गया था उन्हें राज्य मास्टर योजना में दिखाया गया है। आर्थिक और सामाजिक अवसंरचना योजना और निर्णय लेने के लिये खास तरह से तैयार उपायों/औजारों का विकास महत्वपूर्ण है इस पर बिसाग-एनके साथ विचार विमर्श जारी है।

-पीएम गतिशक्ति एनएमपी के पूरक के तौर पर प्रक्रियाओं को सरल बनाने, नियामकीय रूपरेखा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा में लाजिस्टिक्स को मुख्यधारा में लाने और उपयुक्त प्रौद्योगिकी को अपनाने के जरिये लाजिस्टिक्स सेवाओं और मानव संसाधन में क्षमता सुधार घटक के समाधान के लिये राष्ट्रीय लाजिस्टिक्स पालिसी (एनएलपी) को लांच किया गया था। राज्य के स्तर पर लाजिस्टिक्स पर संपूर्ण फोकस लाने के लिये नगालैंड स्टेट लाजिस्टिक्स पालिसी का मसौदा राज्य में अंतिम चरण में है।

-राज्य ने गुवाहटी असम में 24-25 मार्च 2023 को हुई पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कार्यशाला के लिये आयोजित पीएम गतिशक्ति चैथी क्षेत्रीय कार्यशाला में भागीदारी की।

-राज्य नियमित रूप से क्षेत्रीय समीक्षा बैठकों में शामिल हो रहा है और पीएम गतिशक्ति को अंगीकार करने में बेहतर समन्वय के लिये डीपीआईआईटी अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर रहा है।

-राज्य के सरकारी अधिकारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण का कार्य बिसाग-एन गांधीनगर में किया गया है।

-बैठक सुश्री सुमिता डावरा, विशेष सचिव, लाजिस्टिक्स, डीपीआईआईटी, भारत सरकार की राज्य के समक्ष रखी गई निम्न टिप्पणियों के साथ समाप्त हुई।

-सभी आने वाली अवसंरचना परियोजनाओं के लिये एनएमपी/एसएमपी को इस्तेमाल में लायें।

-एसएमपी में दर्शाये गये डेटा लेयर्स में डेटा मैपिंग में सुधार और डेटा की प्रामाणिकता होनी चाहिये।

-उचित ढांचागत सुविधाओं और लाजिस्टिक्स विकास के जरिये पूर्वोत्तर में आर्थिक केन्द्रों के विकास पर ध्यान दिया जाना चाहिये।

-पहचान किये गये क्षेत्रों में क्षेत्र विकास प्रस्तावों के लिये एसएमपी का इस्तेमाल होना चाहिये।

-ढांचागत सुविधाओं में जहां कहीं गंभीर कमियां हैं उनकी पहचान हो और यह सुनिश्चित हो कि उन्हें कनेक्टिविटी परियोजनाओं में शामिल किया जाये।

-सामाजिक अवसंरचना योजना के लिये पीएम गतिशक्ति में राज्य के सामाजिक क्षेत्र विभाग को साथ लिया जाये।

-जियो-टेग डेटा विकास के लिये बिसाग-एन, अहमदाबाद के मार्गदर्शन में स्थानीय दूर संवेदी एजेंसियों/अंतरिक्ष एजेंसियों का लाभ उठायें।

-कारोबार सुगमता और नागरिकों का जीवन आसान बनाने, दोनों मामलों में सुधार लाने के लिये प्रभावी क्षेत्र विकास योजना के वास्ते जिला स्तर पर पीएमजीएस स्वीकरण को संवेदनशील और उसकी पैठ बढ़ाई जाये।

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ओडीओपी की पृष्टभूमि

 

 - ओडीओपी पहल एक दूरदर्शी कार्यक्रम है जो कि माननीय प्रधानमंत्री के भारत के सभी जिलों में समावेशी विकास को प्रोत्साहन देने के विजन से जुड़ा है। इसके पीछे उद्देश्य प्रत्येक जिले से एक अलग उत्पाद की पहचान और उसका संवर्धन करना है ताकि उनके लिये एक विशिष्ट पहचान बनाई जा सके। इन चयन किये गये उत्पादों पर ध्यान देकर ओडीओपी का मकसद पूर्ण सामाजिक-आर्थिक वृद्धि और उनकी बाजार पहुंच को बेहतर करना है। देश के सभी 761 जिलों से 1000 से अधिक उत्पादों का चयन किया जा चुका है। इन उत्पादों का जिला प्रशासन के साथ विचार विमर्श कर राज्य सरकार ने चयन किया है।

ओडीओपी पहल के तहत कपड़ा, कृषि उत्पाद, प्रसंस्कृत सामान, औषधि और औद्योगिक वस्तु सहित उत्पादों की एक व्यापक श्रृंखला शामिल है। इसका उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में मौजूद विविध विशेषज्ञता को आगे बढ़ाना और उपयोग में लाना है। ओडीओपी का उद्देश्य पूरी आपूर्ति श्रृंखला की चुनौतियों की पहचान और उनका समाधान, बाजार पहुंच का विस्तार और उत्पादकों को समर्पित भाव से समर्थन देकर देश के जिलों को उनके चयनित उत्पाद के लिये प्रमुख बाजार केन्द्र के तौर पर स्थापित करना है। इस तरह की व्यापक सोच के जरिये ओडीओपी जिलों को सशक्त बनाने, उद्यमशीलता को बढ़ाने और कुल मिलाकर देश की समृद्धि और सकल आर्थिक विकास में योगदान बढ़ाने की योजना है।

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