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राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) में मालदीव के सिविल सेवकों के लिए 24वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत


महानिदेशक श्री भरत लाल ने 2030 तक एसडीजी की प्राप्ति के लिए तेजी और सही दिशा में काम करने का आह्वान किया

उन्होंने सिविल सेवकों को बुनियादी सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया

Posted On: 13 JUN 2023 7:13PM by PIB Delhi

मालदीव के सिविल सेवकों के लिए 2 सप्ताह के 24वं क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सीबीपी) का उद्घाटन एनसीजीजी परिसर, मसूरी में हुआ। एनसीजीजी ने 2024 तक लोक प्रशासन एवं शासन के क्षेत्र में मालदीव के 1,000 सिविल सेवकों के कौशल एवं क्षमता को बढ़ावा देने के लिए मालदीव सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। समझौते के भाग के रूप में, एनसीजीजी अबतक मालदीव के 685 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित कर चुका है। एनसीजीजी की कोशिश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'पड़ोसी पहले' नीति के अनुरूप हैं, जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करने और पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर बल देता है।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता श्री भरत लाल, महानिदेशक, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ने की। श्री भरत लाल ने इसमें शामिल होने वाले सभी अधिकारियों को इसमें सक्रिय रूप से जुड़ने और परिशोध के लिए प्रोत्साहित किया और उनसे इस अवसर का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कार्यक्रम की अधिकतम क्षमता का उपयोग करने एवं सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने के महत्व पर बल दिया, जिसे वे अपने संदर्भ विन्यास के अनुरूप संशोधित भी कर सकते हैं।

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महानिदेशक ने नागरिकों के लिए आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित कराने की दिशा में सिविल सेवकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने आवास, रसोई गैस, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय सेवा और कौशल विकास जैसी बुनियादी सुविधाओं तक नागरिकों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तेजी और पैमाने के साथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों और युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं कौशल विकास सुनिश्चित करने साथ-साथ 24 घंटे पानी और बिजली की आपूर्ति तथा स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए महिलाओं को सशक्त बनाने में सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। इन उपायों का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों में शामिल करने और उन्हें परिवार के साथ-साथ राष्ट्रीय आय बढ़ाने में योगदान देने में सक्षम बनाना है। महानिदेशक ने ऐसा माहौल तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया जहां महिलाएं अवसरों का लाभ प्राप्त कर सकें।

उन्होंने सिविल सेवकों के लिए डिजिटल क्रांति का लाभ पूर्ण रूप से उठाने और नवीनतम आईटी नवाचारों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे डिजिटल शासन को आगे बढ़ाया जा सके। डेटा-संचालित पद्धतियों को अपनाकर एवं प्रौद्योगिकी क्षमता का उपयोग करके, सिविल सेवक अपने निर्णय लेने की क्षमताओं और प्रक्रियाओं को बढ़ा सकते हैं और प्रभावी संसाधन आवंटन सुविधा प्रदान कर सकते हैं और नागरिकों के लिए सेवाओं का वितरण सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने वास्तविक समय में शिकायत निवारण के महत्व पर बल दिया, जो कि सुशासन का केंद्र है, जो सभी नागरिकों के लिए समान अवसर प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।

महानिदेशक ने इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले अधिकारियों को इस कार्यक्रम से प्राप्त कुछ महत्वपूर्ण सीखों की पहचान करने के लिए प्रेरित किया, जिन्हें वे अपने कार्य आवश्यकताओं के अनुरूप अनुकूलित एवं संशोधित कर सकते हैं। उन्होंने परिवर्तन के एजेंटों के रूप में उनकी भूमिका एवं स्थानीय संदर्भों में उनकी गहन समझ की पहचान की और  नीतियों को सफलतापूर्वक लागू करने और अपने संबंधित डोमेन में अनुकूल परिणामों की प्राप्ति को बढ़ावा देने में उनकी क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया।

कार्यक्रम का अवलोकन करते हुए पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. बी. एस. बिष्ट ने कहा कि 24वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम में एनसीजीजी देश में हुए विभिन्न पहलों को साझा कर रहा है, जैसे कि शासन के बदलते प्रतिमान, केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली, भारत मालदीव संबंध, आधार: सुशासन का एक उपकरण, सार्वजनिक नीतियों का कार्यान्वयन, महिला समावेशी शासन, लोक प्रशासन में नवाचार, डिजिटल शासन एवं सार्वजनिक सेवा वितरण, स्मार्ट सिटी का विकास, सभी के लिए आवास, डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ, विभिन्न विकास योजनाओं की सर्वोत्तम प्रथाएं, शहरी शासन, स्वामित्व योजना, पेयजल को कम लागत से लवणमुक्त करना, जलवायु परिवर्तन, पर्यटन, जल जीवन मिशन, ई-गवर्नेंस, डिजिटल इंडिया उमंग, नेतृत्व, समन्वय एवं संचार, मुद्रा योजना, गरीबी उन्मूलन पहल, स्वास्थ्य देखभाल शासन, स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवहार, परिपत्र अर्थव्यवस्था, स्किल भारत, भ्रष्टाचार विरोधी रणनीतियां, हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की नीति आदि।

इस प्रशिक्षण में प्रतिभागी विभिन्न विकास परियोजनाओं और संस्थानों की एक विविध श्रृंखला का निरीक्षण करने के उद्देश्य से एक्सपोजर यात्राओं में शामिल होंगे। इनमें वे केंद्रीय सूचना आयोग, प्रधानमंत्री संग्रहालय सहित प्रमुख पहलों और संगठनों की यात्रा करेंगे जिनसे उन्हें  बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त होगा।

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24वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम का समग्र पर्यवेक्षण एवं समन्वय, मालदीव के लिए पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. बी. एस. बिष्ट, सह-पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. संजीव शर्मा और एनसीजीजी की क्षमता निर्माण टीम द्वारा किया जाएगा।

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