पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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श्री सर्बानंद सोनोवाल ने धुबरी बंदरगाह की एक्जिम व्यापार की संभावना का दोहन करने के लिए हितधारक बैठक में भाग लिया


‘‘हम धुबरी बंदरगाह पर एक आधुनिक समेकित कार्यालय परिसर की दिशा में कार्य करेंगे। भूटान और बांग्ला देश के हमारे हितधारकों के लाभ के लिए एक नए वेयरहाउस के साथ साथ एक नई सड़क पर भी विचार किया जाएगा ‘‘ : श्री सोनोवाल

सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हमारे हितधारकों के सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है कि अंतर्देशीय जलमार्ग इस क्षेत्र में सकारात्मक आर्थिक विकास लाने के लिए एक रूपांतरकारी बल बना रहे : श्री सोनोवाल

Posted On: 12 JUN 2023 7:23PM by PIB Delhi

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज असम के धुबरी में धुबरी बंदरगाह की निर्यात आयात (एक्जिम) व्यापार की संभावना का दोहन करने के उद्देश्य से आयोजित हितधारक बैठक में भाग लिया।  भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ( आईडब्ल्यूएआई ) द्वारा आयोजित इस बैठक में आईडब्ल्यूएआई एवं असम सरकार के अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के अध्यक्ष श्री संजय बंदोपाध्याय सहित आईडब्ल्यूएआई के वरिष्ठ सदस्यों ने हितधारकों एवं बांग्ला देश और भूटान के व्यवसाय समूहों के साथ साथ भाग लिया। इस बैठक में बंदरगाह के सुचारु प्रचालन को बाधित करने वाले विभिन्न मुद्दो एवं धुबरी बंदरगाह का अधिकतम उपयोग करने के लिए व्यवसाय हित समूहों के सामने आने वाली सीमाओं पर चर्चा की गई।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में हम देश के परिवहन सेक्टर में सुधार लाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के ‘परिवहन के माध्यम से रूपांतरण‘ के विजन का अनुसरण करते हुए हमने कार्गो और यात्री यातायात दोनों के लिए संचार के एक प्रभावी वैकल्पिक माध्यम के रूप में काम करने के लिए नदी प्रणाली के अपने समृद्ध और जटिल अंतर जाल को फिर से जीवंत करने के लिए लगातार महत्व दिया है। यह प्रमाणित हो चुका है कि अंतर्देशीय जलमार्ग सबसे अधिक किफायती, दक्ष, पर्यावरण के अनुकूल आधुनिक परिवहन है। अंतर्देशीय जलमार्ग के माध्यम से सुचारु प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए इसके बुनियादी ढांचे में निवेश करने के द्वारा, हम भारत के आंतरिक हिस्सों के मूल्य एवं आर्थिक क्षमता का दोहन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एक जीवंत नदी बंदरगाह के रूप में अपने समृद्ध इतिहास के साथ धुबरी इस क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान के रूप में काम करने के द्वारा प्रचुर मूल्य का दोहन करने के लिए तैयार है। आज भूटान, बांग्ला देश और भारत के व्यापार हितधारकों के साथ हमारी चर्चा के बाद, हमारा कार्य आगे के लिए निर्धारित हो चुका है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि उनकी सभी आवश्यकताओं को पूरा और चिंताओं को एक समयबद्ध तरीके से दूर कर दिया जाएगा जिससे कि धुबरी बंदरगाह की अधिकतम क्षमता को अर्जित किया जा सके। धुबरी बंदरगाह की असीम क्षमता को देखते हुए हम एक आधुनिक समेकित कार्यालय परिसर का निर्माण करने पर भी विचार कर रहे हैं जहां पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय के कार्यालय भी उपस्थित रहेंगे। धुबरी बंदरगाह पर एक नए वेयरहाउस के साथ साथ एक नई सड़क का निर्माण करने पर भी विचार किया जा रहा है जिससे यह न केवल एक आकर्षक प्रस्ताव बन जाएगा बल्कि हमारे हितधारकों को इस क्षेत्र में परस्पर विकास के अवसरों का दोहन करने का एक अवसर भी प्रस्तुत करेगा। ‘‘

इस क्षेत्र के समग्र विकास में धुबरी और इस स्थान की भूमिका को रेखांकित करते हुए श्री सोनोवाल ने कहा ‘‘ पूर्वोत्तर भारत पिछले छह दशकों में कांग्रेस के कुशासन के दौरान कमोबेश मंद ही रहा है। 2014 के बाद से नौ वर्षों के दौरान गतिशील प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर भारत को जो महत्व और अवसर प्राप्त हुआ है, उससे कोई इंकार नहीं कर सकता। जैसी कि श्री मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को भारत के अष्ट लक्ष्मी के रूप में पहचान की है, यह क्षेत्र वृद्धि एवं विकास के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। इन नौ वर्षों के दौरान, समुद्र तल से बहुत अधिक ऊचाई पर स्थित आइजोल एवं गंगटोक सहित इस क्षेत्र के सभी राज्यों की राजधानियों को देश के रेलवे नेटवर्क के साथ जोड़ा जा रहा है। नदी तंत्र के हमारे समृद्ध अंतरजाल को देखते हुए, मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर भारत की 21 नदियों की राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में पहचान की है। इष्टतम उपयोग और इस अनूठे अवसर से असीम मूल्य का लाभ उठाने के लिए, हमारी सरकार निवेश करने और हमारे बुनियादी ढांचे में सुधार करने तथा परस्पर वृद्धि और विकास सुनिश्चित करने के लिए हमारे सभी हितधारकों को एक अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के लिए पूरी गहराई से प्रतिबद्ध बनी हुई है। मैं प्रधानमंत्री के निर्देश पर ही धुबरी आया हूं क्योंकि वह इस क्षेत्र की व्यापार संभावना का लाभ उठाने के विचार से बहुत अधिक जुड़े हुए हैं जहां धुबरी एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है। ‘ सबका साथ, सबका विकास ‘ के श्री मोदी के विजन को देखते हुए मुझे पूरा भरोसा है कि धुबरी बंदरगाह अपने पिछले गौरव को फिर से अर्जित करेगा। ‘‘

हितधारकों की बैठक के दौरान, हितधारकों ने धुबरी बंदरगाह से जुड़े विभिन्न मुद्दों और अवसरों पर चर्चा की। उठाये गए मुद्दों में माल से भरे ट्रक को तोलने के कांटे ( वे ब्रिज) की क्षमता को बढ़ाना, मूवेबल कन्वेयर की स्थापना करना, भारी वाहनों की त्वरित आवाजाही के लिए निरंतर 24 घंटे व्यवसाय की संभावना की खोज, विशेष रूप से पोतों की सुगम आवाजाही के लिए शुष्क मौसम के दौरान ड्रेजिंग की आवश्यकता आदि शामिल थे। बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि धुबरी बंदरगाह पर सभी सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को डिजिटाइज किया जाएगा जबकि जोगीघोपा बंदरगाह के भी इसी वर्ष के भीतर प्रचालनगत हो जाने की संभावना है।

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