पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
सीएक्यूएम ने 2023-24 के लिए पूरे एनसीआर में पौधरोपण के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को अंतिम रूप दिया
मियावाकी तकनीक और शैक्षणिक संस्थानों तथा औद्योगिक इकाइयों की सीमाओं के चारों ओर पौधरोपण बैरिकेडिंग सहित बड़े पैमाने पर ग्रीनिंग और घने पौधरोपण/शहरी वन पहल पर जोर
एनसीआर ने वर्ष 2022-23 के लिए पौधरोपण अभियान के लिए निर्धारित मूल लक्ष्य का 105.36 प्रतिशत हासिल किया
सीएक्यूएम वर्ष 2023-24 के लिए ग्रीन कैंपेन की दिशा में स्कूलों, कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों, केंद्रीय एजेंसियों और औद्योगिक इकाइयों सहित शैक्षणिक संस्थानों को शामिल करेगा
Posted On:
06 JUN 2023 5:21PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के समग्र ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए काम करते हुए, एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने रोडमैप तैयार करने और वर्ष 2023-24 के ग्रीनिंग/प्लांटेशन एक्शन प्लान तैयार करने के लिए सलाह और समीक्षा बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित की है। एनसीआर राज्य सरकारों/जीएनसीटीडी द्वारा प्रदान किए गए इनपुट को ध्यान में रखते हुए, वर्ष 2023-24 के लिए पौधरोपण (पौधों, झाड़ियों, बांस, आदि सहित) के लक्ष्य को निम्नानुसार अंतिम रूप दिया गया है:
राज्य
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2023-24 के लिए लक्ष्य
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95,04,390
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88,36,657
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23,14,892
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- उत्तर प्रदेश (एनसीआर जिले)
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1,52,35,058
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कुल
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3,58,90,997
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इसके अतिरिक्त, वर्ष 2023-24 के लिए ग्रीनिंग/प्लांटेशन एक्शन प्लान पर चर्चा करने और उसे अंतिम रूप देने के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों के साथ अलग-अलग बैठकें भी आयोजित की गई हैं। ग्रीनिंग/प्लांटेशन एक्शन प्लान 2023-24 के तहत इन एजेंसियों के पौधरोपण लक्ष्य को निम्नानुसार अंतिम रूप दिया गया है:
केंद्रीय एजेंसियां
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2023-24 के लिए लक्ष्य
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1,20,000
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1,00,000
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10,000
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50,000
|
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3,00,000
|
|
30,000
|
कुल
|
6,10,000
|
हरियाली वायु प्रदूषण को नियंत्रण रखने के लिए प्रमुख कदमों में से एक है और आयोग पूरे एनसीआर में मियावाकी तकनीक सहित बड़े पैमाने पर ग्रीनिंग/सघन पौधरोपण/शहरी वन पहल पर विशेष जोर दे रहा है।
संबंधित एनसीआर राज्य सरकारों/जीएनसीटीडी के साथ हुई बैठकों में वर्ष 2022-23 के लिए ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए पौधरोपण गतिविधियों की कार्यान्वयन स्थिति की भी समीक्षा की गई। नीचे दी गई तालिका वर्ष 2022-23 के दौरान 31 मार्च 2023 तक प्राप्त पौधरोपण (मूल लक्ष्य की) की उपलब्धि को दर्शाती है:
राज्य
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(2022-23) के लिए लक्ष्य
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31.03.2023 तक जितना पौधरोपण हुआ
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पौधरोपण का जितना लक्ष्य प्राप्त हुआ (प्रतिशत में)
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31,89,191
|
39,49,980
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123.86
|
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85,06,999
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87,96,324
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103.40
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- राजस्थान (एनसीआर के जिले)
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9,84,992
|
10,58,236
|
107.44
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- उत्तर प्रदेश (एनसीआर के जिले)
|
1,69,29,310
|
1,73,93,359
|
102.74
|
कुल
|
2,96,10,492
|
3,11,97,899
|
105.36
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एनसीआर में स्कूलों, कॉलेजों और अनुसंधान संस्थानों सहित शैक्षणिक संस्थानों को अपने आसपास बड़े पैमाने पर हरियाली/घने पौधरोपण की पहल को बढ़ावा देने के लिए चालू वर्ष के दौरान शामिल किया गया है। इन संस्थानों को अपने संस्थानों की सीमाओं के साथ सघन पौधरोपण बैरिकेड्स विकसित करने की सलाह दी गई है। औद्योगिक इकाइयों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी औद्योगिक इकाइयों की सीमाओं के साथ सघन पौधरोपण बैरिकेड्स विकसित करें।
आयोग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के साथ विशेष रूप से एनसीआर जिलों में संस्थानों के लिए बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान चलाने और रखरखाव के लिए धन की कमी को देखते हुए हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए विशेष बजट प्रावधान करने का मामला उठाया है।
एनसीआर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए आयोग की व्यापक नीति में क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान के रूप में हरियाली को बढ़ावा देने पर प्रकाश डाला गया है। रणनीतियों में शामिल हैं:
- सीमित शहरी स्थानों में सघन पौधरोपण के लिए मियावाकी तकनीक को अपनाने सहित एनसीआर के शहरी समूहों और शहरों में जहां भी संभव हो, "नगर वन" और "नगर वाटिका" के जाल का विस्तार करना।
- बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान उचित पोषण और जीवित रहने की बेहतर दर पर ध्यान केंद्रित करते हैं, देशी प्रजातियों को प्राथमिकता देते हैं और वन क्षेत्रों की सभी श्रेणियों की सुरक्षा करते हैं।
- सम्पूर्ण सड़क नेटवर्क के साथ-साथ केंद्रीय किनारों और फुटपाथों को हरा-भरा बनाने/पक्का करने के लिए लक्ष्य उन्मुख कार्य योजना।
ग्रीनिंग एक्शन प्लान को अंतिम रूप देते समय, केंद्रीय किनारों और सड़कों के किनारे हरियाली पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। आयोग ने संस्थानों/उद्योगों की सीमाओं के साथ-साथ मियावाकी तकनीक का उपयोग करके सघन पौधरोपण की सलाह दी है और पारंपरिक पौधरोपण के बीच की दूरी को भरने के साथ-साथ पौधों की देखभाल भी की है। हरित कार्य योजना के कार्यान्वयन की प्रगति की निगरानी आयोग द्वारा नियमित रूप से की जाएगी।
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