पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान (एनआईएचई) ने मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए अनुकूल जीवन शैली) उत्तराखंड के दूर-दराज के ऊंचाई वाले गांवों में जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया
Posted On:
11 MAY 2023 8:39PM by PIB Delhi
विश्व पर्यावरण दिवस (पांच जून) एक ऐसा अवसर है जो पर्यावरण के लिए जागरुकता और कार्रवाई के लिए देश भर के लाखों लोगों को एक साथ लाता है। इस वर्ष, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने मिशन लाइफ (एलआईएफआई) पर जोर देते हुए विश्व पर्यावरण दिवस 2023 मनाने की परिकल्पना की है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2021 यूएनएफसीसीसी सीओपी26 में ग्लासगो में विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन में पर्यावरण के लिए अनुकूल जीवन शैली की अवधारणा पेश की गई थी। उन्होंने सतत जीवन शैली और व्यवहारों को अपनाने के लिए एक वैश्विक प्रयास को पुन: शुरू करने का आह्वान किया था। समारोह के उपलक्ष्य में पर्यावरण के लिए अनुकूल जीवन शैली पर देश भर में जन सहयोग से संबंधित आयोजन किये जा रहे हैं।
1.राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच)
आरएमएनएच मैसूर ने 75 छात्रों और आम जनता के लिए मिशन लाइफ भाग के रूप में लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने और हमारे समसामयिक नाजुक इको सिस्टम के संरक्षण के महत्व पर जोर दिया।
आरएमएनएच भुवनेश्वर ने मिशन लाइफ के भाग के रूप में परिसर के आसपास वेंडिंग
जोन में आम जनता के लिए जन जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें 90 लोग और स्ट्रीट फूड फेरीवाले शामिल हुए। उन्हें प्लास्टिक की प्लेट और चम्मच का उपयोग छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया। इस मौके पर अभिनव कदम के रूप में पत्ते की प्लेट और लकड़ी के चम्मच उन्हें वितरित किये गये।
आरजीआरएमएनएच, सवाई माधोपुर ने मिशन लाइफ के तहत ‘सीड बॉल मेकिंग प्रोग्राम’ का आयोजन किया, जिसमें 165 बच्चों, अभिभावकों एवं आगन्तुकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया तथा विभिन्न प्रकार के फलदार एवं छाया देने वाले वृक्षों के सीड बॉल बनाना सीखा।
आरएमएनएच, भोपाल ने ‘मेरी लाइफ’ पर्यावरण के लिए जीवन शैली मिशन के तहत जीवन शैली को बदलने के लिए कचरा संग्रह/स्वच्छता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें 126 छात्रों, कर्मचारियों और आम जनता ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
2. भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई)
जेडएसआई की निदेशक डॉ धृति बनर्जी के नेतृत्व में भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के 150 वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक सहायकों ने स्वच्छ और हरित पर्यावरण के लिए मिशन लाइफ की प्रतिज्ञा ली।
जेडएसआई दीघा,पश्चिम बंगाल के मरीन एक्वेरियम में एक जागरुकता कार्यक्रम चलाया गया और मिशन लाइफ पर शपथ ली। जेडएसआई, दीघा के लगभग 100 विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और शपथ ली।
3.राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केन्द्र (एनसीएससीएम)
एनसीएससीएम और तमिलनाडु वन विभाग ने पर्यावरण के लिए जीवन शैली में सार्वजनिक भागीदारी के जन आंदोलन के हिस्से के रूप में पर्यावरण-विकल्प, अपशिष्ट अलगाव और ऊर्जा एवं जल संरक्षण के उपयोग पर गिंडी नेशनल पार्क, चेन्नई में एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया। 2.70 किमी के क्षेत्र में फैला राष्ट्रीय उद्यान उष्णकटिबंधीय शुष्क सदाबहार वनों सहित, जीवों की विभिन्न प्रजातियों के लिए एक बेहतरीन निवास स्थान है। नेशनल पार्क अथॉरिटी ने आगंतुकों द्वारा ले जाने वाली प्लास्टिक की बोतलों के लिए डिपॉजिट रिफंड सिस्टम (डीआरएस) लागू किया। इस आयोजन के एक भाग के रूप में, स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों, शिक्षकों और कई परिवारों सहित पार्क में आगंतुकों ने कूड़े के खिलाफ ‘हरे रंग’ की प्रतिज्ञा और हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया। इस आयोजन के एक भाग के रूप में प्लेकार्ड, पैम्फलेट और पर्यावरण के लिए जीवन शैली शुभंकर पार्क में प्रदर्शित किए गए थे। एनसीएससीएम के वैज्ञानिकों ने 350 से अधिक आगंतुकों को मिशन लाइफ का महत्व समझा। इस अभियान में जिम्मेदार पर्यटन, वन्यजीव संरक्षण, शहरी हरियाली और प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने के लिए मिशन लाइफ की आवश्यकता पर जनता को शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
4.राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान
ग्यारह मई 2023 को निदेशक, राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान (एनआईएचई) के नेतृत्व में मिशन लाइफ और जीवन गतिविधियों को बढ़ावा देने के तहत जागरुकता अभियान चलाया गया।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान के फैकल्टी, शोध छात्र और सहयोगी कर्मचारियों द्वारा सिंगल-यूज प्लास्टिक को न कहें थीम पर जोर देते हुए किया गया था। कार्यक्रम में कुल 45 हितधारकों ने भाग लिया और पर्यावरण के अनुकूल आदतों को अपनाने के वास्ते पर्यावरण के लिए जीवन प्रतिज्ञा ली। संस्थान के ग्रामीण प्रौद्योगिकी केंद्र और अल्मोड़ा शहर की जीवन रेखा कही जाने वाली कोसी नदी के किनारे और आस-पास एक ‘स्वच्छता अभियान’ (स्वच्छता अभियान) भी चलाया गया। इस दौरान कुल 10 किलोग्राम कचरा एकत्र किया गया और दो किलोग्राम प्लास्टिक कूड़े को अलग करके इसे अग्रिम कार्रवाई के लिए के लिए नगरपालिका को सौंपा गया। डिग्रेडेबल कचरे को पुनर्चक्रण के लिए ग्रामीण प्रौद्योगिकी केंद्र की वर्मीकम्पोस्टिंग इकाई में भेजा गया था।
ग्यारह मई को, राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान (एनआईएचई) के निदेशक के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने मिशन लाइफ के विभिन्न विषयों पर लगभग 3000 मीटर एएसएल पर उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों में कई जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए। कार्यक्रम में लगभग 70 अनुसंधान विद्वानों, पर्यटकों और गांवों के स्थानीय लोगों ने भाग लिया और पर्यावरण के अनुकूल आदतों को अपनाने के वास्ते मिशन लाइफ की प्रतिज्ञा ली। कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को भारतीय हिमालय के प्राकृतिक संसाधनों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जागरुक किया गया।
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