पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

मिशन लाइफ उद्देश्यों के अनुरुप वर्मीकंपोस्ट, जलजीव विज्ञान तथा आलंकारिक मछलियों की हरित खेती प्रथाओं जैसे विभिन्न विषयों पर वैज्ञानिक शोध पत्रों के साथ न्यूजलेटर ( ईआईएसीपी ) के चार खंड जारी किए गए

Posted On: 09 MAY 2023 8:44PM by PIB Delhi

जन जागरुकता अभियान के पांचवें दिन सतत रूप से जीने की आवश्यकता की दिशा में समझ बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यकलापों का आयोजन किया गया। विश्व पर्यावरण दिवस ( 5 जून ) एक ऐसा अवसर है जो देश भर के लाखों लोगों को पर्यावरण के लिए जागरुकता और कार्रवाई के लिए एक साथ लाता है। इन समारोहों की तैयारी के लिए देश भर में लाइफ के बारे में आम लोगों को जागरुक करने से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

1.            राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय  ( एनएमएनएच )

मिशन लाइफ एनएमएनएच के लिए आम लोगों को जागरुक बनाने के एक हिस्से के रूप में एनजेडपी के सहयोग से जलवायु परिवर्तन में कमी लाने पर अच्छी प्रथाओं पर स्पौट पेंटिंग का आयोजन किया गया तथा 241 प्रतिभागियों को लाइफ का संकल्प दिलाया गया।

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मैसूर के आरएमएनएच ने 119 छात्रों और आम लोगों के लिए मिशन लाइफ के प्रति जन जागरुकता के हिस्से के रूप में पर्यावरण के लिए जीवनशैली पर संवादमूलक वार्ता का आयोजन किया तथा पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

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सवाई माधोपुर के आरजीआरएमएनएच ने मिशन लाइफ के प्रति जन जागरुकता के हिस्से के रूप में पक्षी पहचान कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें 287 बच्चों एवं आगंतुकों ने सक्रियता से भाग लिया और गैलरी विजिट के माध्यम से विभिन्न स्थानीय एवं प्रवासी क्षियो की पहचान करना सीखा।

भोपाल के आरएमएनएच ने मेरी लाइफ : पर्यावरण के लिए जीवन शैली  के तहत लाइफ कार्रवाइयों को अपनाने के द्वारा जीवनशैली को बदलने के लिए मिलेट को प्रोत्साहित करने पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें 158 छात्रों तथा आम लोगों ने सक्रियता से भाग लिया।

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2.            भारतीय प्राणी शास्त्र सर्वेक्षण

मिशन लाइफ और आम लोगों को जागरुक करने के उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय प्राणी शास्त्र सर्वेक्षण के निदेशक डॉ. धृति बनर्जी ने मिशन लाइफ उद्देश्यों के अनुरुप वर्मीकंपोस्ट, जलजीव विज्ञान तथा आलंकारिक मछलियों की हरित खेती प्रथाओं जैसे विभिन्न विषयों पर वैज्ञानिक शोध पत्रों के साथ न्यूजलेटर ( ईआईएसीपी ) के चार खंड जारी किए। जेडएसआई के पूर्व निदेशक डॉ. के वेंकटरमन और कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रो. उर्मी चटर्जी भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। कोलकाता स्थित जेडएसआई के मुख्यालय में 2022-23 के लिए जेडएसआई की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए भारतीय प्राणी शास्त्र सर्वेक्षण के निदेशक डॉ. धृति बनर्जी ने लाइफ के उद्देश्यों को रेखांकित किया और कहा कि वर्मीकंपोस्ट जैसी खेती की प्रथाओं को अपनाने से पर्यावरण में एक सकारात्मक बदलाव सकता है। इस कार्यक्रम में लगभग 120 वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। 

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3.            राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र ( एनसीएससीएम ) 

पर्यावरण आंदोलन के लिए जीवनशैली ( लाइफ ) के बारे में आम लोगों को जागरुक करने के हिस्से के रूप में, एनसीएससीएम ने चेन्नई शहर से 40 किमी दक्षिण में स्थित मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट तथा सेंटर फॉ हर्पेटोलॉजी में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध, पारिस्थितिकी विकल्पों के उपयोग, जिम्मेदार पर्यटन और तटीय तथा सामुद्रिक संरक्षण पर एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह देश में मगरमच्छों का सबसे बड़ा प्रजनन केंद्र है। इसने 5000 मगरमच्छों का सफलतापूर्वक प्रजनन किया है जिनमें तीन लुप्तप्राय भारतीय मगरमच्छ प्रजातियां ( मग्गर  मगरमच्छ, खारे पानी का मगरमच्छ और घड़ियाल ) और साथ ही कछुओं की कई संकट प्रभावित प्रजातियां भी हैं। पार्क का मिशन शिक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान एवं कैप्टिव प्रजनन के माध्यम से सरीसृपों तथा उभयचरों और उनके वासों के संरक्षण को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में, पार्क में आने वाले आगंतुकों ने कूड़ा फैलाने के विरुद्ध तथा प्रकृति के साथ सद्भावपूर्वक जीवन जीने की आवश्यकता के लिए हरित प्रतिज्ञा और हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया। इस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में, पार्क में प्लेकार्डों, पैम्फलेटों तथा लाइफ के शुभंकरों का प्रदर्शन किया गया। एनसीएससीएम के वैज्ञानिकों ने 150 से अधिक आगंतुकों को मिशन लाइफ के महत्व के बारे में जानकारी दी। इस अभियान में, फोकस जिम्मेदार पर्यटन, वन्य जीवन संरक्षण तथा प्रकृति के साथ सद्भावपूर्वक जीवन जीने की आवश्यकता के लिए पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता पर आम लोगों को शिक्षित करना है।

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4.            राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान

 

राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान ( एनआईएचई ) ने तीन विषय-वस्तुओं अर्थात ऊर्जा बचाओ, जल बचाओ एवं एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाओं को कवर करते हुए एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में लगभग 40 बच्चों, छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं ने सहभागिता की। सभी प्रतिभागियों ने पर्यावरण के अनुकूल आदतें अपनाने के लिए संकल्प लिया। मुख्य रूप से, बच्चों को उनके घरों में पानी और ऊर्जा की बचत करने के लिए प्रदर्शनों के माध्यम से जागरूक बनाया गया।  स्कूल के शिक्षकों को स्वस्थ जीवनशैली के लिए अच्छी प्रथाओं को अपनाने के लिए जागरुक बनाया गया।

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