मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
वर्ष 2023-24 के दौरान मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान शुरू किया
Posted On:
03 MAY 2023 5:45PM by PIB Delhi
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने 03 मई, 2023 को वर्चुअल माध्यम से आज़ादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में वर्ष 2023-24 के लिए राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया। उन्होंने राज्य पशुपालन विभाग और डिजिटल सेवा केंद्र (सीएससी) के माध्यम से एएचडीएफ के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। इस कदम से मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी गतिविधियों में लगे सभी छोटे भूमिहीन किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) सुविधा देने में मदद मिलेगी।
देश के सभी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ प्रदान करने के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य विभाग (डीओएफ) और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सहयोग से 1 मई, 2023 से 31 मार्च 2024 तक "राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान" का आयोजन कर रहा है। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देशों से अवगत कराने वाला परिपत्र 13 मार्च, 2023 को राज्यों के लिए जारी किया गया था। वित्तीय सेवा विभाग ने बैंकों के साथ-साथ राज्य सरकार को भी आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने वित्तीय सेवा विभाग के सहयोग से सभी पात्र पशुपालन और मत्स्य किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा प्रदान करने के लिए जून 2020 से कई अभियान चलाए हैं। पशुपालन और मत्स्य पालन करने वाले किसानों को 27 लाख से अधिक नए किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किए गए। इससे उन्हें अपनी कार्यशील पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए संगठनात्मक ऋण सुविधा प्रदान की गई। पिछला राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान 15 नवंबर, 2021 से 15 मार्च, 2023 के दौरान आयोजित किया गया था। इस अभियान के अंतर्गत हर सप्ताह प्रमुख जिला प्रबंधक के सहयोग से किसान क्रेडिट कार्ड समन्वय समिति ने शिविर आयोजित किए। किसानों से प्राप्त आवेदनों की स्थल पर ही जांच राज्य पशुपालन और मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने की।
कॉमन सर्विस सेंटर्स के माध्यम से लगभग एक लाख किसानों ने इस जागरूकता अभियान में वर्चुअल रूप से भाग लिया।
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