इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
श्री राजीव चंद्रशेखर ने आईआईटी मद्रास में प्रताप सुब्रह्मण्यम डिजिटल इंटेलिजेंस, सुरक्षा हार्डवेयर और वास्तुकला केंद्र का उद्घाटन किया
युवा भारतीय टेक डिजाइन के भविष्य को स्वरुप देंगे, ऐसे नए उत्पाद, नए उपकरण और नए समाधान तैयार करेंगे जिनके वैश्विक बाजार और वैश्विक समाधान होंगे: राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर
Posted On:
27 APR 2023 7:10PM by PIB Delhi
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज कहा कि अगले पांच वर्षों में, नई भू-राजनीति और नए टैलेंट पूल के इर्द गिर्द प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गुरुत्वाकर्षण के केंद्रों को निर्मित किया जाएगा, जिसके लिए भारत एक सशक्त स्थिति में है।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने आईआईटी, मद्रास में प्रताप सुब्रह्मण्यम डिजिटल इंटेलिजेंस, सिक्योरिटी हार्डवेयर एंड आर्किटेक्चर सेंटर (पीएस सीडीआईएसएचए) के उद्घाटन के मौके पर वर्चुअल तौर पर भाषण देते हुए कहा, "हम प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक बड़े ही दिलचस्प दौर में रह रहे हैं और अगले पांच वर्षों में, गुरुत्वाकर्षण के केंद्रों को नई भू-राजनीति और नए टैलेंट पूल के इर्द गिर्द दोबारा निर्मित किया जाएगा, और इसके लिए न्यू इंडिया मजबूत स्थिति में है।"
1985 की क्लास से आईआईटी-एम के पूर्व छात्रों में से एक श्री प्रताप सुब्रह्मण्यम के योगदान से इस केंद्र को बनाया गया है। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के भाग के रूप में ये कंप्यूटर आर्किटेक्चर, सुरक्षा, मशीन लर्निंग और वीएलएसआई डिजाइन के क्षेत्रों में काम करेगा।
अपने संबोधन में मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि तीन रुझान जो विश्व अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार दे रहे हैं वो हैं - दुनिया का बहुत ही तेज गति से डिजिटलीकरण, देशों और उद्यमों के पास प्रौद्योगिकी के विश्वसनीय स्रोतों के नेटवर्क, प्रौद्योगिकी समाधान, उपकरणों और उत्पादों में सुरक्षित और भरोसेमंद भागीदारों का गठबंधन होने की बढ़ती जरूरत, और तीसरा रुझान ये कि ज्यादा से ज्यादा डिजिटल टैलेंट होना जिसकी दुनिया भर में मांग है।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “भारत इन तीन ट्रेंड के मध्य में बैठा है। हमारे तकनीकी रूप से सशक्त युवा भारतीय टेक डिजाइन के भविष्य को आकार देने जा रहे हैं और ऐसे नए उत्पादों, नए उपकरणों और नए समाधानों का निर्माण करेंगे जिनके अपने वैश्विक बाजार और वैश्विक समाधान होंगे।”
सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम एंड डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी (डीआईआर-वी) प्रोग्राम के तहत सरकार द्वारा की गई पहलों पर प्रकाश डालते हुए मंत्री महोदय ने कहा, “हमारा ध्यान मैन्युफैक्चरिंग क्षमता, पैकेजिंग और सत्यापन क्षमता और योग्यताएं, डिजाइन अनुसंधान और कौशल निर्मित करने पर है। हमारे पास हमारे प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित ट्रिलियन-डॉलर के डिजिटल लक्ष्य का लाभ उठाने और उसे हासिल करने के अभूतपूर्व अवसर हैं।”
श्री राजीव चंद्रशेखर ने डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी माइक्रोप्रोसेसर प्रोग्राम (डीआईआर-वी) के मुख्य वास्तुकार और आईआईटी, मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि के प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने आरआईएससी-वी क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन दिया और उन्हें दुनिया भर में दृश्यता मुहैया कराई।
डीआईआर-वी का उद्देश्य भारत को न केवल दुनिया के लिए एक आरआईएससी-वी टैलेंट हब बनाना है, बल्कि दुनिया भर में सर्वर, मोबाइल डिवाइस, ऑटोमोटिव, आईओटी और माइक्रोकंट्रोलर्स के लिए आरआईएससी-वी एसओसी (सिस्टम ऑन चिप्स) का आपूर्तिकर्ता भी बनना है।
इस अवसर पर प्रोफेसर वी. कामकोटि के अलावा आईआईटी मद्रास के संकाय सदस्य और शोधकर्ता भी उपस्थित थे।
***
एमजी/एमएस/आरपी/जीबी
(Release ID: 1920384)
Visitor Counter : 215