उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
बर्लिन में इंडो-जर्मन कार्य दल की बैठक में भारत ने जर्मनी के साथ गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे की नई कार्य योजना पर हस्ताक्षर किए
इन प्रयासों का लक्ष्य व्यापार में तकनीकी अवरोधों को कम करना और नवाचार एवं उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देना है
Posted On:
26 APR 2023 5:41PM by PIB Delhi
उपभोक्ता मामलों के विभाग और जर्मनी के आर्थिक मामलों एवं जलवायु कार्रवाई के संघीय मंत्रालय ने इंडो-जर्मन कार्य दल की 9वीं वार्षिक बैठक के दौरान साल 2023 के लिए गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे की नई कार्य योजना पर हस्ताक्षर किए हैं। 25 अप्रैल 2023 को जर्मनी के बर्लिन में इस योजना पर हस्ताक्षर किए गए।
यह वार्षिक बैठक कार्य दल की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग में अपर सचिव श्रीमती निधि खरे और जर्मनी के आर्थिक मामलों एवं जलवायु कार्रवाई के लिए संघीय मंत्रालय की डिजिटल एवं नवाचार नीति की महानिदेशक डा. डेनिएला ब्रोएनस्ट्रप ने इस बैठक के दौरान व्यापार में तकनीकी बाधाओं को कम करने और नवाचार एवं उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देने में कार्य दल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
कार्य दल के तकनीकी संवाद में दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर बात की गई। इसके अलावा दोनों देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे (क्यूआई) के प्रणालीगत सामंजस्य को बढ़ावा देते हैं।
दोनों पक्षों के हितधारकों ने इस सालाना बैठक में हिस्सा लिया। इसमें भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), जर्मन मानकीकरण संस्थान (डीआईएन), इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी के लिए जर्मन आयोग (डीकेई), गुणवत्ता वाले अन्य बुनियादी ढांचा संगठनों के साथ ही उद्योग संघ से भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की उपस्थित रही।
गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचा निकायों एवं उद्योगों के हितधारकों ने जर्मनी और भारत में मौजूदा क्यूआई के विकास पर गहरी नजर डाली। इनमें भारत के लिए मानक राष्ट्रीय कार्य योजना, जर्मन मानकीकरण रोडमैप सर्कुलर अर्थव्यवस्था और उद्योग 4.0 शामिल थे। अन्य सहयोगों में भारत में बाजार की निगरानी गतिविधियों के साथ-साथ मार्केट सर्विलांस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के एप्लीकेशंस और डिजिटल मान्यता के चिह्न शामिल हैं।
साल 2023 की कार्य योजना क्यूआई के प्रमुख तत्वों के साथ मिलकर बनी है, जिसमें मानकीकरण, मान्यता, समान मूल्यांकन, कानूनी मेट्रोलॉजी, उत्पाद की सुरक्षा और बाजार की निगरानी शामिल है। यह सामंजस्य वाले वैश्विक समाधानों के साथ-साथ विशिष्ट क्षेत्रों में सहयोग के विषयों जैसे डिजिटलाइजेशन (उद्योग 4.0, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा), सर्कुलर अर्थव्यवस्था, स्मार्ट खेती और मशीनरी की सुरक्षा जैसे क्रॉस-कटिंग विषयों पर ध्यान देती है।
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