स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
दूसरी जी20 हेल्थ वर्किंग ग्रुप मीटिंग के साइड इवेंट के हिस्से के रूप में पैनल चर्चा आयोजित की गई
प्रौद्योगिकी को सक्षम बनाने के साथ स्वास्थ्य सेवा में नवाचार और रोगीयों में बेहतर परिणामों के लिए निरंतर देखभाल और डिजिटल विभाजन के अंतर को कम करने पर चर्चा
Posted On:
19 APR 2023 4:44PM by PIB Delhi
भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत हेल्थ वर्किंग ग्रुप की दूसरी बैठक का तीसरा दिन डिजिटल स्वास्थ्य नवाचारों, प्रौद्योगिकी-सक्षम देखभाल और अन्य मुद्दों और समाधानों के बीच डिजिटल विभाजन पर जन-केंद्रित फोकस के साथ तकनीकी सत्र के रुप में आयोजित हुआ। 'वसुधैव कुटुंबकम', या 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की भारत की जी20 अध्यक्षीय अवधारणा के अनुरूप, चर्चा में गतिशील वैश्विक और स्थानीय सहयोग के माध्यम से "सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा" को लेकर भारत की प्रतिबद्धता पर बल दिया।


इस मौके पर तीन पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। पहला सत्र "हेल्थकेयर में इनोवेशन - टेक्नोलॉजी इंटरवेंशन के माध्यम से हेल्थकेयर की डिलीवरी" पर केंद्रित था। इस सत्र में, प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जीवन-चक्र में स्वास्थ्य सेवा के लिए एक रूपरेखा को परिभाषित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर, डेटा नवाचार का समर्थन करना शामिल रहा। सदस्य देशों की सरकारों को निर्देशित करने के लिए केंद्रीय संगठनों/समूहों सहित क्षेत्रीय कार्यान्वयन केंद्र, कृत्रिम सामान्य बुद्धि (एजीआई) और एजीआई-सक्षम डिजिटल सार्वजनिक सामान जैसे उपायों का सुझाव दिया गया। जी20 सदस्य देशों और आमंत्रित देशों को सभी के लिए ट्राइएज उपलब्ध कराकर, डेटा गोपनीयता कानूनों और अन्य उपायों की योजना बनाकर, अपने स्वास्थ्य प्रशासन में डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल का उपयोग करने के लिए अपने सर्वोत्तम अभ्यासों और चल रहे प्रयासों को प्रदर्शित करके नागरिकों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
"प्रौद्योगिकी के साथ देखभाल की निरंतरता - बेहतर रोगी परिणामों के लिए वास्तविक-विश्व डेटा/साक्ष्य की क्षमता का उपयोग" पर एक अन्य सत्र में तकनीकी उपकरणों के विभिन्न विचारोत्तेजक पहलुओं और बेहतर रोगी देखभाल वितरण में उनका उपयोग कैसे किया जा सकता है, पर चर्चा की गई। एक इंटरऑपरेबल सिस्टम की आवश्यकता और सदस्य देशों द्वारा राष्ट्रीय डिजिटल परिवर्तन के लिए जन-केंद्रित डिजिटल उपाय करने की आवश्यकता पर चर्चा की गई। प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तकों, सरकार, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और स्वास्थ्य संस्थानों के बीच सहयोग सहित निवेश को आकर्षित करने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और एक समन्वित और समावेशी ढांचे जैसे उपायों पर चर्चा की गई। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) और ई-संजीवनी दूरसंचार सेवाओं से नजर रखने के लिए भारत में सर्वोत्तम प्रथाओं जैसे राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल का भी प्रदर्शन किया गया।
'डिजिटल पब्लिक गुड्स (डीपीजी) टू ब्रिज द डिजिटल डिवाइड' पर तीसरे सत्र में डिजिटल पब्लिक गुड्स के लोकतंत्रीकरण के महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने सहमति व्यक्त की कि डीपीजी में निवेश से कई लाभ मिल सकते हैं और डीपीजी के अलावा, डिजिटल हस्तक्षेपों के माध्यम से विशेषज्ञ ज्ञान के लोकतंत्रीकरण पर भी जोर दिया गया। ध्यान दिया गया कि शासन और नीति राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डीपीजी को गति देने में मदद करते हैं, जबकि प्रौद्योगिकी स्थानीय और क्षेत्रीय स्तरों पर डीपीजी को गति देने में मदद करती है। इस प्रकार, मजबूत स्वास्थ्य डेटा शासन वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के विकास की बाधाओं को दूर कर सकता है। यह भी नोट किया गया कि स्वास्थ्य देखभाल सार्वभौमिक है और स्थानीय जरूरतों के आधार पर एक उपयोगकर्ता-संचालित मंच प्रदान करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया जैसे कि डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल (जीआईडीएच), डिजिटल स्वास्थ्य के लिए वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक कार्रवाई, दुनिया भर में संगठनात्मक क्षमता को मजबूत करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए सरल मानक विकसित करना ताकि जमीनी स्तर पर बेहतर सेवाएं तेजी से प्रदान की जा सकें।
प्रतिभागियों ने जी20 की अध्यक्षता में इन विचारों का प्रभावी ढंग से आदान-प्रदान करने का एक मंच प्रदान करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया और इस कार्यक्रम का समापन किया। मुख्य वक्ताओं में उद्योग, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों, स्टार्टअप्स, अस्पताल नेटवर्क और सदस्य देशों की सरकारों के विशेषज्ञ शामिल थे। इस सत्र में सदस्य देशों और आमंत्रित देशों ने भी अपने अनुभव साझा किए। पैनल चर्चा की पृष्ठभूमि में, प्रतिभागियों ने स्थानीय और विश्व स्तर पर बनाए गए विभिन्न डिजिटल प्रौद्योगिकी समाधानों की एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया।
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(Release ID: 1918117)