मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक दो-दिवसीय मेगा पशु प्रदर्शनी एवं कृषि मेला शुरू
Posted On:
06 APR 2023 9:49PM by PIB Delhi
भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय तथा आईसीएआर- केंद्रीय मवेशी अनुसंधान संस्थान, मेरठ ने पशु प्रदर्शनी एवं कृषि मेले का आयोजनकिया है, जिसका उद्घाटन आज 06 अप्रैल 2023 को मुख्य अतिथि माननीय श्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय सड़क परिवहन औरराजमार्ग मंत्री, भारत सरकार द्वारा विशिष्ट अतिथि माननीय श्री परशोत्तम रूपाला, केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री तथामाननीय डॉ. संजीव कुमार बालयान, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, भारत सरकार की उपस्थिति में दीप जलाकर किया गया।
इस पशु प्रदर्शनी एवं कृषि मेला का मुख्य उद्देश्य कृषि, पशुपालन और मत्स्यपालन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देना और उन्हें प्रदर्शित करना है। यह प्रदर्शनी मत्स्यपालन एवं अन्य सबद्ध क्षेत्रोंकी सहायता करने के उद्देश्य से 15 संगठनों से जुड़ेविभिन्न प्रदर्शकों की भागीदारी के एक मंच के रूप में कार्य करती है और नवीनतम तकनीकों यानी आरएएस बायोफ्लॉक, मछली के भोजन, मछली के बीज, मत्स्य योजनाओं से संबंधित विभिन्न जानकारियां, मछली पकड़ने में उपयोग किए जाने वाले उपकरण एवं तकनीकों, खेती, पशुपालन और पशु स्वास्थ्य प्रबंधन पर प्रकाश डालती है। इस प्रदर्शनी का आयोजन देश की अर्थव्यवस्था और इसके समग्र विकास में मत्स्यपालन, कृषि एवं पशुपालन के महत्व के बारे में आम जनता को शिक्षित करने तथा खेती, मत्स्यपालन और पशुपालन के नए एवंरचनात्मक दृष्टिकोणों के बारे में मछुआरों, किसानों, प्रजनकों और अन्य हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से किया गया था।
इस पशु प्रदर्शनी एवं कृषि मेले का आयोजन 06 अप्रैल 2023 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थितनुमाइश ग्राउंडमें आयोजित किया गया और इसका समापन07 अप्रैल 2023 को होगा। न केवल मुजफ्फरनगर के किसानों ने, बल्कि आसपास के जिलों व अन्य राज्यों के किसानों ने भी सफलतापूर्वक पंजीकरण कराकर इसमें भाग लिया। यह पशु प्रदर्शनी एवं कृषि मेला एक ऐसा कार्यक्रम है जो सरकार की उन दूरगामी नीतियोंव रणनीतियों को प्रदर्शित करता है जो मछुआरों, किसानों, प्रजनकों और अन्य हितधारकों के साथ सीधे बातचीत करकेउन्हें इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों के महत्व के बारे में शिक्षित करते हैं और इन क्षेत्रोंमें नवीनतम रुझानों, प्रौद्योगिकियों एवं नवाचारों के बारे सूचित करते हैं व उनका समर्थन करतेहैं।
इस कार्यक्रम का प्रारंभ माननीय केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री डॉ. संजीव कुमार बालयान के स्वागत भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने अतिथियों एवं किसानों सेइस कार्यक्रम में शामिल होने का प्रयास करने को कहा।
माननीय श्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, माननीय श्री परशोत्तम रूपाला, केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रीतथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के किसानों और अन्य हितधारकों द्वारा स्वागत किया गया।
इस मेले के दौरान गाय, भैंस, घोड़ा, बकरी, भेड़ जैसे जानवरों ने अपने कैटवॉक का प्रदर्शन किया और कार्यक्रम के दौरान कई अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के पशुओं ने भी भाग लिया।कृषि, मत्स्यपालन और डेयरी से जुड़ी मशीनरियोंको प्रदर्शित करने वाले 150 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे। इस कार्यक्रम में कृषि एवं डेयरी उद्यमिता विकास, आईसीएआर, कृषि/पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों ने भी भाग लिया। इस प्रदर्शनी के दौरान स्टार्ट-अप और कृषि-उद्योग एजेंसियों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया और मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी आदि जैसे महत्वपूर्ण पशुधन प्रजातियों से संबंधित विभिन्न जानवरों को भी प्रदर्शितकिया गया। किसान-वैज्ञानिक संवाद, तकनीकी सत्र और विचार-गोष्ठी भी आयोजित किए गए।
इस अवसर पर निम्नलिखित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे i) माननीय श्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, ii) माननीय श्री परशोत्तम रूपाला, केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, iii) माननीय डॉ. संजीव कुमार बालयान, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री, iv) माननीय श्री धर्मपाल सिंह, पशुपालन और डेयरी मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, v) माननीय श्री कपिल देव अग्रवाल, मंत्री व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, vi) माननीय श्री जय प्रकाश दलाल, कृषि और किसान कल्याण, पशुपालन और डेयरी, मत्स्यपालन तथा कानून एवं विधायी कार्य, हरियाणा सरकार, vii) विधायक, पूर्व विधायक, viii) क्षेत्र पंचायत के नेता, जिले के नेता और अन्य अधिकारीगण।
इसके अलावा, माननीय श्री परशोत्तम रूपाला, केन्द्रीय मत्स्यपालन,पशुपालन और डेयरी मंत्री ने इस प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी वास्तव में उल्लेखनीय थी और इसमें हमारे मत्स्यपालन से जुड़े किसानों, मछुआरों और उनके समुदायों की सहायता करने से संबंधित उत्कृष्ट नवीन विचारों और तकनीकों का प्रदर्शन किया गया था। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि यह प्रदर्शनी किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान के लिए विकसित किए जा रहे समाधानों के बारे में अधिक जानने का एक उल्लेखनीय अवसर है। इसके अलावा, उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) का उपयोग मछुआरों और मत्स्यपालन से जुड़े किसानों सहित अन्य हितधारकों द्वारा प्रभावी ढंग से किए जा सकने के बारे में भी चर्चा की।
माननीय श्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने अपने संबोधन में किसानों और उनके समुदायों आदि के आर्थिक एवंसामाजिक कल्याण की दिशा में सुधार की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए सामाजिक आर्थिक विकास के बारे में चर्चा की क्योंकि उनकी आजीविका इस क्षेत्र से निकटता से जुड़ी हुई है। उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास, वित्त तक पहुंच, प्रौद्योगिकी को अपनाने, किसानों की क्षमता निर्माण, किसानों और उनके समुदायों की बाजार तक आसान एवं सुविधाजनक पहुंच जैसे प्रमुख संकेतकों के बारे में उल्लेख किया, जिससे उनका प्रभावी सामाजिक-आर्थिक विकास हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों की आजीविका की स्थिति में सुधार और समुदायों के आर्थिक विकास के लिए सरकार, निजी क्षेत्र के संगठनों, नागरिक समाज समूहों और अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसियों सहित विभिन्न हितधारकों की भागीदारी और सहयोग की जरूरत है।
माननीय श्री कपिल देव अग्रवाल, व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और अन्य प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति और योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
सीआईएफआरआई, एनबीएफजीआरजैसे आईसीएआर संस्थानों ने इस कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शित किए गए मॉडलों के बारे में जानकारी प्रदान की और प्रौद्योगिकी के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए पत्रक वितरित किए। विभिन्न संस्थानों के अधिकारियों ने भी भाग लिया। सहारनपुर के श्री विनोद प्रजापति ने मोती की खेती के लिए बढ़ते सीप को दिखाया और अन्य प्रतिभागियों / संस्थानों ने भी स्टाल लगाए।
तेलंगाना के हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड(श्रीमती ए.वी. माधुरी, वरिष्ठ कार्यकारी तकनीक, श्री नटराज, निगरानी सहायक): आधुनिक तकनीक को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देकर और अप्रयुक्त संभावित संसाधनों का उपयोग करके एक समन्वित, एकीकृत और समग्र तरीके से टिकाऊ और जिम्मेदार मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उत्तर प्रदेश सरकार का मत्स्य विभाग (मत्स्य निदेशक): तकनीकी रूप से संचालित जलीय कृषि के माध्यम से मत्स्य उत्पादन एवं सामुदायिक भागीदारी में वृद्धि के माध्यम से मत्स्यपालन के सतत विकास, गरीबी में कमी लाने, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा और समावेशी आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
केरल का एनआईएफपीएचएटीटी (श्री कमलराज के.): एनआईएफपीएचएटीटी ने उत्पादन के बाद मछली के सबसे बेहतर उपयोग और उत्पादन के बाद कम से कम नुकसान और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले मछली और मछली उत्पादों के वितरण की परिकल्पना की है।
उत्तर प्रदेश का आईसीएआर-एनबीएफजीआर, लखनऊ (श्री अमित बिष्ट सिंह): बौद्धिक संपदा संरक्षण, सतत उपयोग और भावी पीढ़ी के लिए मछली के आनुवंशिक संसाधनों के मूल्यांकन और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही, यहसाझेदारी और अत्याधुनिक तकनीकों के संचालन से जुड़ी रणनीतियों का उपयोग करके मछली के आनुवंशिक संसाधनों के संग्रह, सूचीकरण और प्रलेखन में भी अहम भूमिका निभाता है।
नई दिल्ली का आर. एस पॉलिमर (श्री सिद्धार्थ मेहता): जलीय कृषि क्षेत्र के सतत विकास में तेजी लाने के लिए मछली से जुड़ी खेती पर ध्यान केन्द्रित करता है।
उत्तर प्रदेश का पीवीआर एक्वा. (श्री रजनीश कुमार): मत्स्यपालन, मछली के विपणन, मछली के उत्पादों और मछली के प्रसंस्करण सहित मत्स्यपालन से जुड़ी वाणिज्यिक सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
उत्तर प्रदेश का एक्वा डॉक्टर सॉल्यूशंस (डॉ. बर्मन): वाणिज्यिक तरीके से मछली पकड़ने, मछली हैचरी, बायोफ्लॉक मछली, एक्वापोनिक्स, आरएएस खेती आदि गतिविधियों में शामिल हैं।
नई दिल्ली का एवरेस्ट ब्लोअर्स प्राइवेट लिमिटेड (श्री अमित सेंगर): अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, अनुकूलित डिजाइन, अनुसंधान एवं विकास, कम दबाव कम्प्रेसर का निर्माण करके प्रेशर और वैक्यूम सिस्टम की पूरी श्रृंखला में अभिनव इंजीनियरिंग संबंधी समाधान प्रदान करता है।
नई दिल्ली का एवरेस्ट टर्बो (श्री दीपक टूनवाल): एक्वाकल्चर फार्म, जल एवं अपशिष्ट जल के शोधन संयंत्रों, बहिःस्राव उपचार संयंत्रों और न्यूमैटिक कन्वेयिंग सिस्टम के लिए साइड चैनल ब्लोअर/रीजेनरेटिव ब्लोअर, एल्यूमीनियम डाई कास्ट सेंट्रीफ्यूगल ब्लोअर, हाई स्पीड सेंट्रीफ्यूगल ब्लोअर एवं एयर नाइफ सिस्टम और टर्बो ब्लोअर जैसे अभिनव समाधान प्रदान करता है।
नई दिल्ली का सनफ्लेक्स इंडिया (श्री मोहम्मद अली): मछली पालन टैंक सामग्री, विशेष रूप से बायोफ्लॉक मछली पालन टैंक के निर्माण और आपूर्ति में शामिल है।
तमिलनाडु का कोस्टल एक्वाकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड (श्री सुधाकर): मत्स्यपालन और कृषि उद्योग अनुसंधान को सहायता प्रदान करना और जल परीक्षण उपकरण, मछली खाद्य पदार्थ आदि जैसी सेवाओं/उत्पादों को साबित करना।
महाराष्ट्र का ऑप्टिफाई इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड स्टार्ट अप इंडिया (श्री पीयूष पाटिल): पाउडर और फूस के खाद्य पदार्थ, बायोमास आदि जैसे ड्रायर के लिए खाद्य प्रसंस्करण पर ध्यान केन्द्रित करता है।
उत्तर प्रदेश का केन्द्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (श्री डी.एन. झा): पर्यावरण की रक्षा, आजीविका एवं पोषण सुरक्षा के लिए अंतर्देशीय खुले पानी में टिकाऊ मत्स्यपालन में सहायता प्रदान करते हुए मत्स्यपालन में वृद्धि के लिए ज्ञान-आधारित प्रबंधन में संलग्न है।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगरमें आयोजित पशु प्रदर्शनी एवं कृषि मेला 2023 में मत्स्यपालन से जुड़े किसानों, मछली उद्यमियों, पशु चिकित्सा अधिकारियों, प्रसार कार्यकर्ताओं, कृषि-उद्योग कर्मियों (पशु विज्ञान), कृषि-पेशेवरों, वैज्ञानिकों आदि सहित लगभग 30,000 किसानों ने भाग लिया। साथ ही, एआई पर चर्चा की गई और उसके बारे में प्रचार-प्रसार किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान आयोजित संगोष्ठियों और सम्मेलनों से प्रतिभागियों और नागरिकों को पशु उत्पाद के प्रसंस्करण, मिलावट के लिए जांच विधि, मवेशियों के रखरखाव और स्वास्थ्य प्रबंधन, यूरिया शीरा ब्लॉक बनाने की विधि आदि के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद मिली।
इस पशु प्रदर्शनी और कृषि मेला का दूरगामी असर होगा और मत्स्यपालन से जुड़े सभी किसानों, मछुआरों, मत्स्य वैज्ञानिक और अन्य मत्स्य हितधारकों की दृष्टि से नवाचार एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, व्यापार एवं आर्थिक विकास, शिक्षा एवं जागरूकता, नीति और निर्णय लेने, संरक्षण और जैव विविधता को अपनाने आदि सहित विभिन्न पहलुओं पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। इसमें स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने भी भाग लिया और वे मत्स्यपालन से संबंधित आवश्यक ज्ञान और जानकारी हासिल करके बेहद खुश थे जो मत्स्यपालन से जुड़े किसानों के मछली पकड़ने और खेती से जुड़ीकार्यप्रणाली में दक्षता बढ़ाकर उनका आर्थिक उत्थान सुनिश्चित करके उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
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