स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने डिजिटल हेल्थ पर वैश्विक सम्मेलन के अंतिम दिन समापन भाषण दिया


डिजिटल हेल्थ से जुड़े प्रयासों के लिए एक वैश्विक संस्थागत कार्यक्रम तैयार करते समय डिजिटल हेल्थ के वास्तविक लाभों की प्राप्ति हेतु आंशिक दृष्टिकोण से एक केंद्राभिमुख दृष्टिकोण की ओर बढ़ने की आवश्यकता है: डॉ. भारती प्रवीन पवार

"हेल्थकेयर इकोसिस्टम के भीतर मौन दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप एक ही प्रकार के डिजिटल उपकरण विकसित करने के प्रयासों का दोहराव होता है"

"हमें डिजिटल हेल्थ को व्यापक बनाने की दिशा में एक मिशन मोड दृष्टिकोण के माध्यम से डिजिटल डिवाइड को पाटने पर ध्यान देना चाहिए"

भारत ने अपनी जी20 की अध्यक्षता के तहत डब्ल्यूएचओ के समग्र मार्गदर्शक ढांचे के तहत एक संस्थागत ढांचे के रूप में 'डिजिटल हेल्थ पर वैश्विक पहल' के माध्यम से सभी चल रही डिजिटल हेल्थ पहलों के लिए एक केंद्राभिमुख दृष्टिकोण का प्रस्ताव दिया है: डॉ. भारती प्रवीण पवार

Posted On: 21 MAR 2023 6:01PM by PIB Delhi

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने "डिजिटल हेल्थ पर वैश्विक सम्मेलन - अंतिम नागरिक तक व्यापक स्वास्थ्य कवरेज" के अंतिम दिन अपने संबोधन के दौरान कहा, "डिजिटल हेल्थ से जुड़े प्रयासों के लिए एक वैश्विक संस्थागत ढांचा तैयार करते हुए डिजिटल हेल्थ के वास्तविक लाभों को प्राप्त करने के लिए आंशिक दृष्टिकोण से एक केंद्राभिमुख दृष्टिकोण की ओर बढ़ने की आवश्यकता है।" भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन - दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र द्वारा भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

 

 

इस अवसर पर अपने संबोधन में, डॉ. पवार ने सभी प्रतिभागी देशों और प्रतिनिधियों का इस बात पर चर्चा करने के लिए आभार व्यक्त किया कि कैसे डिजिटल हेल्थ अत्याधुनिक स्तर पर नागरिकों का समर्थन कर सकता है। नीति नियोजन और कार्यक्रम कार्यान्वयन के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, "हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं जहां सभी देश प्रौद्योगिकी के एकीकरण के साथ अपनी स्वास्थ्य सेवा के वितरण में तालमेल कायम कर रहे हैं। इस सम्मेलन के माध्यम से, हमने सदस्य देशों द्वारा की जा रही डिजिटल हेल्थ पहलों के व्यापक स्पेक्ट्रम और स्वास्थ्य सेवा में डिजिटल क्रियाकलापों पर विचारों और नवाचारों के वर्गीकरण का अवलोकन किया है, जो व्यापक हेल्थ कवरेज की उपलब्धि का समर्थन कर सकते हैं। डॉ. पवार ने कहा कि सम्मेलन ने डिजिटल परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों, अवसरों और सफलता के महत्वपूर्ण कारकों के साथ-साथ सामान्य मुद्दों पर देश-विशिष्ट की अंतर्दृष्टि और अनुभवों पर प्रकाश डाला, जो डिजिटल हेल्थ उपकरणों के पैमाने को सीमित कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा, "डेटा मानकों की कमी और उनके प्रभावी कार्यान्वयन की ऐतिहासिक चुनौती पर आधारित कार्यक्रमों के भीतर आंतरिक संचालक को सीमित करती है।"

डिजिटल हेल्थ से संबंधित क्रियाकलापों को अपनाने के पीछे के मुद्दों के बारे में बात करते हुए, डॉ. पवार ने कहा, "हेल्थकेयर इकोसिस्टम के भीतर मौन दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप एक ही प्रकार के डिजिटल उपकरण विकसित करने के प्रयासों का दोहराव होता है।" उन्होंने यह भी कहा, "इससे पता चलता है कि केंद्राभिमुख दृष्टिकोण को अपनाने से कई भौगोलिक क्षेत्रों में एक ही कार्य के लिए कई बार निवेश की जाने वाली राशि की बचत होती है और उपलब्ध सीमित संसाधनों बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित होता है। इसके साथ ही, कौशल विकास और प्रशिक्षित मानव संसाधनों की कमी भी उपकरणों के संचालन और मापनीयता के लिए बाधा उत्पन्न करती है।” उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में विभिन्न चर्चाओं के माध्यम से, इस बात पर प्रकाश डाला गया कि मौजूदा डिजिटल हेल्थ के प्रयासों की रूपरेखा फिर से तैयार करने के लिए एक वैश्विक संस्थागत ढांचे की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, "दुनिया भर में उपकरणों के कार्यान्वयन पर ध्यान जाना चाहिए और वास्तव में हमें डिजिटल हेल्थ को व्यापक बनाने के लिए एक मिशन मोड दृष्टिकोण के माध्यम से डिजिटल डिवाइड को पाटने के उपाय ढूंढने चाहिए।"

प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से व्यापक हेल्थ कवरेज के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए, डॉ. पवार ने कहा, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पहले ही जोर दिया है कि भारत ने एक विशिष्ट एजेंडे के रूप में डिजिटल हेल्थ को प्राथमिकता दी है। डिजिटल पब्लिक गुड्स पूरे देश में प्रौद्योगिकियों के लोकतंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण हो सकता है, विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) में। इसलिए, भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन के समग्र मार्गदर्शक ढांचे के तहत एक संस्थागत ढांचे के रूप में 'ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन डिजिटल हेल्थ' के माध्यम से चल रही डिजिटल हेल्थ से जुड़ी सभी पहलों के लिए एक केंद्राभिमुख दृष्टिकोण का प्रस्ताव दिया है।” उन्होंने यह भी कहा, "यह पहल डिजिटल पब्लिक हेल्थ गुड्स के तौर पर प्रदर्शित आईटी उपकरण उपलब्ध कराएगी, जिसमें दुनिया भर में विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में उनका अनुकूलन और कार्यान्वयन शामिल है।"

आगामी जी20 हेल्थ वर्किंग ग्रुप की बैठक के लिए सभी प्रतिभागियों को आमंत्रित करते हुए, डॉ. पवार ने कहा कि भारत जी-20 एजेंडे का नेतृत्व कर रहा है और भारत की जी20 अध्यक्षता - ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के व्यापक विषय के तहत वैश्विक स्वास्थ्य साझेदारी को मजबूत करने का प्रस्ताव दे रहा है। उन्हें उम्मीद थी कि इस दो-दिवसीय सम्मेलन के माध्यम से बनाई गई गति आगामी जी20 हेल्थ वर्किंग ग्रुप बैठक के दौरान जारी रहेगी।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव श्री लव अग्रवाल ने कहा कि सम्मेलन में 21 से अधिक देशों और 20 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई है, जिसमें दुनिया भर के लगभग सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन ने हमें दिखाया है कि डिजिटल हेल्थ उपचारात्मक, निवारक और उपशामक समाधान पेश कर सकता है। इसमें सेवाओं के अंतिम व्यक्ति दत्त वितरण के अंतर को पाटने की क्षमता है। इस प्रकार, आंतरिक संचालन की दिशा में निवेश, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग जैसी नवीन गतिविधियों को अपनाना, हितधारकों के साथ सहयोग के माध्यम से व्यापक डिजिटल हेल्थ सामग्रियों का सह-निर्माण करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के माध्यम से भागीदारों के साथ एक समग्र डिजिटल हेल्थ की रूपरेखा तैयार करने की दिशा में काम करने और वैश्विक दक्षिण की आवाज बनने के लिए पूर्ण समर्थन को दोहराया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन मुख्यालय के डिजिटल हेल्थ एंड इनोवेशन के निदेशक डॉ. एलन लैब्रिक ने हितधारकों के बीच सुरक्षित नेटवर्क के माध्यम से डिजिटल हेल्थ के ढांचे के लिए एक व्यवस्थित योजना की आवश्यकता पर जोर दिया। यह बताते हुए कि परिवर्तन और आम सहमति कायम करना एक धीमी प्रक्रिया है, उन्होंने अपनी रणनीतियों के साथ भारत के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि विश्व स्तर पर उपयोग किए जाने वाले व्यापक डिजिटल सामग्रियों को स्थानीय जरूरतों के लिए अनुकूलित किया जा सकता है और उन्हें अपनाया जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक-यूएचसी श्री मनोज झलानी, सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन के प्रतिनिधि, विकास भागीदार, स्वास्थ्य क्षेत्र के नीति निर्माता, डिजिटल हेल्थ क्षेत्र के नवप्रवर्तक, शिक्षाविद और अन्य हितधारक भी सम्मेलन में उपस्थित थे।

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(Release ID: 1909307)
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