संस्‍कृति मंत्रालय

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) ने अपने पास मौजूद अनुसंधान सामग्री को डिजिटल बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की


अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म, ओपन डिजिटल लाइब्रेरी एंड आर्काइव्स (ओडीएलए) के माध्यम से डिजिटाइज्ड सामग्री को इंटरनेट पर रखा जाएगा।

Posted On: 20 MAR 2023 7:14PM by PIB Delhi

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) ने अपने पास मौजूद अनुसंधान सामग्री को डिजिटाइज़ करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। इस परियोजना के तहत, 40,000 पुस्तकों, रिपोर्टों, पत्रिकाओं से युक्त (लगभग 70,00,000 पृष्ठ), अभिलेखीय दस्तावेजों के 55,00,000 पृष्ठ, और 30,000 माइक्रोफिल्म्स और 57,000 माइक्रोफिश (लगभग 2.5 करोड़ छवियों को मिलाकर) पूरे पुस्तकालय के इंडिया हाउस संग्रह का डिजिटल रूप में रूपांतरण सुनिश्चित करने का लक्ष्य है।

दुनिया के किसी भी हिस्से से सभी डिजीटल सामग्रियों को सुलभ बनाने के लिए, उन्हें एक अत्याधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म, ओपन डिजिटल लाइब्रेरी एंड आर्काइव्स (ओडीएलए) के माध्यम से इंटरनेट पर डालने का निर्णय किया गया है, जो आधुनिक और समकालीन भारत पर शोधकर्ताओं को अपने शोध के लिए प्रासंगिक दस्तावेजों की खोज करने, उनका पूर्वावलोकन करने और सेवा शुल्क का भुगतान करने के बाद उन्हें डाउनलोड करने की अनुमति देगा। यह विशेष रूप से अभिलेखीय स्रोतों के साथ-साथ समाचार पत्रों और जरनल पर आधारित अकादमिक अनुसंधान और आधुनिक और समकालीन भारत के बारे में ज्ञान के प्रसार की सुविधा प्रदान करेगा, एनएमएमएल के पास सामाचार पत्रों और जरनल का देश में सबसे बड़ा संग्रह है। ओडीएलए को एनएमएमएल के सहयोग से टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस द्वारा विकसित किए जाने की संभावना है। अगले छह महीने में इसके चालू होने की संभावना है।

डिजिटलीकरण परियोजना को तीन आउटसोर्स एजेंसियों की मदद से कार्यान्वित किया जा रहा है, जो इंडिया हाउस कलेक्शन, अभिलेखीय कागजात, और माइक्रोफिल्म्स और माइक्रोफिश के डिजिटलीकरण पर काम कर रहे हैं। रिकॉर्ड की सुरक्षा और स्कैन की गई छवियों के प्रमाणीकरण को सुनिश्चित करने के लिए, एनएमएमएल कर्मचारी आउटसोर्स एजेंसियों के सहयोग से परियोजना पर काम कर रहे हैं। इससे कर्मचारियों को डिजिटलीकरण के लिए आवश्यक कौशल हासिल करने में भी मदद मिलेगी, ताकि आगे चलकर एनएमएमएल में ही काम हो सके। परियोजना की लागत लगभग 7 करोड़ रुपये है, और पूरा होने की समय-सीमा लगभग 12 महीने है।

अभिलेखीय दस्तावेजों के लगभग 17,00,000 पृष्ठ, 2,50,000 फोटोग्राफ, दुर्लभ पुस्तकें, एनएमएमएल प्रकाशन, लगभग 3,50,000 समाचार पत्र पृष्ठ और 6000 घंटे के मौखिक इतिहास की डिजिटाइज़ की गई रिकॉर्डिंग इंट्रानेट पर लाइब्रेरी में उपलब्ध हैं। उपयोगकर्ता कम्‍प्‍यूटर पर उसे पढ़ सकते हैं और भुगतान के आधार पर डाउनलोड कर सकते हैं।

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