महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
प्रधानमंत्री ने "महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण" विषय पर बजट-उपरांत वेबिनार को संबोधित किया
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि नारी शक्ति भारत की विकास यात्रा में सबसे आगे रही है; सरकार महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को भारत की प्रगति और शक्ति का केंद्र मानती है
"भारत, विशेष रूप से इस वर्ष भारत की जी-20 अध्यक्षता के संदर्भ में, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने की बात को वैश्विक मंच तक ले गया है"
प्रधानमंत्री ने इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया कि सरकार की विभिन्न योजनाओं ने पिछले कुछ वर्षों में यह सुनिश्चित किया है कि महिलाएं आज केवल विकास की निष्क्रिय लाभार्थी नहीं हैं, बल्कि नेतृत्व प्रदान करने वाली के रूप में उभर रहीं हैं
इस बात पर प्रकाश डाला कि मार्च, 2014 से 7 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को संगठित किया गया है और महिला एसएचजी द्वारा लगभग 6.25 लाख करोड़ रुपये के बैंक ऋण प्राप्त किये गए हैं
पीएम मुद्रा योजना और पीएम आवास योजना जैसी योजनाओं ने देश की महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण और निर्णय लेने का आधार प्रदान किया है: प्रधानमंत्री
वेबिनार के तीन उप-सत्रों के विषयों- 'एसएचजी का बड़े व्यावसायिक उद्यमों में विस्तार'; 'प्रौद्योगिकी और वित्त का लाभ उठाना' और 'बाजार और व्यापार विस्तार', पर गहन विचार-विमर्श और चर्चाएँ हुईं
Posted On:
10 MAR 2023 11:05PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण" विषय पर बजट-उपरान्त वेबिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट के दौरान घोषित पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विचारों और सुझावों को आमंत्रित करने के क्रम में सरकार द्वारा आयोजित वेबिनार-श्रृंखला के तहत यह वेबिनार आयोजित किया गया था।
प्रधानमंत्री ने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित किया कि सरकार की विभिन्न योजनाओं ने पिछले कुछ वर्षों में यह सुनिश्चित किया है कि महिलाएं आज केवल विकास की निष्क्रिय लाभार्थी नहीं हैं, बल्कि नेतृत्व प्रदान करने वाले के रूप में उभर रही हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज, उच्च शिक्षा में एसटीईएम विषयों (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) के लिए नामांकित छात्रों में से करीब 43 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो यूएसए, यूके और जर्मनी जैसी कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कहीं अधिक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम मुद्रा योजना, जिसमें लगभग 70% ऋण महिलाओं के स्वामित्व वाले और संचालित उद्यमों को दिए जाते हैं और प्रधानमंत्री आवास योजना, जिसने महिलाओं को घर या संपत्ति रखने में सक्षम बनाया है, जैसी योजनाओं ने देश की महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण और निर्णय लेने का आधार प्रदान किया है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस वर्ष के बजट का विजन "अमृत काल" में विकास की आधारशिला रखना और पिछले कुछ वर्षों की विकास गाथा को आगे ले जाना है। इस दिशा में यह परिकल्पना की गई है कि स्व-सहायता समूहों को अपने ताकत से यूनिकॉर्न बनाने के लिए सशक्त किया जाए। ये महिलाएं न केवल छोटे उद्यमियों के रूप में, बल्कि सक्षम संसाधन युक्त व्यक्तियों के रूप में भी योगदान दे रही हैं। प्रधानमंत्री ने बैंक सखी, कृषि सखी और पशु सखी कार्यक्रमों का उल्लेख किया, जो गांवों में विकास के नए आयामों का सृजन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मार्च 2014 से, 7 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को संगठित किया गया है और महिला एसएचजी द्वारा लगभग 6.25 लाख करोड़ रुपये के बैंक ऋण प्राप्त किये गए हैं।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के महिला दिवस पर लेख को उद्धृत करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया। लेख में कहा गया है: “हम में से प्रत्येक की जिम्मेदारी, प्रगति को गति देने की है। आज, मैं आप में से प्रत्येक से अपने परिवार, पड़ोस या कार्यस्थल में एक बदलाव के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने का आग्रह करना चाहती हूं - कोई भी बदलाव, जो किसी लड़की के चेहरे पर मुस्कान लाए, कोई भी बदलाव, जो उसके जीवन में आगे बढ़ने की संभावनाओं को बेहतर करे। जैसा कि मैंने पहले कहा, यह सीधे ह्रदय से निकला एक अनुरोध है।”
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जूबिन इरानी ने प्रधानमंत्री को उनके उत्साहजनक और प्रेरक शब्दों के लिए धन्यवाद दिया। उद्घाटन सत्र में केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह; केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला; केंद्रीय महिला और बाल विकास और आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई; केन्द्रीय ग्रामीण विकास तथा उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति; केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड; केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी; केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल; केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा; केन्द्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल; केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश और रेल तथा वस्त्र राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने भी भाग लिया।
प्रधानमंत्री के विशेष संबोधन के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) के सचिव श्री इंदेवर पांडे ने एक प्रस्तुति दी, जिन्होंने बजट प्रावधानों का संक्षिप्त विवरण दिया और बजट-उपरांत वेबिनार के वांछित परिणामों के लिए अपेक्षाएं निर्धारित कीं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) महिलाओं का सबसे बड़ा वैश्विक कार्यक्रम है, जिसमें मजबूत सामुदायिक संस्थानों के निर्माण, वित्तीय समावेश और आजीविका वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया गया है। प्रस्तुति में देश के विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एसएचजी के सर्वोत्तम तौर-तरीकों पर भी प्रकाश डाला गया, जैसे उत्तर प्रदेश का एक जिला एक उत्पाद, महाराष्ट्र का एमएवीआईएम - तेजश्री वित्त योजना और अभियान ‘परिवर्तन’ तथा केरल का कुदुम्बश्री आदि।
श्री इंदेवर पांडेय ने इस बात पर जोर दिया कि हमारा विजन, एसएचजी को अगले स्तर तक ले जाने का है। वेबिनार का उद्देश्य बड़ी संख्या में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को उद्यमशीलता के अगले स्तर तक ले जाने के लिए रणनीति और रूपरेखा विकसित करना है। इसके लिए मात्रात्मक लक्ष्यों के साथ एक कार्य योजना तैयार करने, हितधारकों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने, जमीनी स्तर पर काम करने वालों के अनुभव को शामिल करने और प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करने की जरूरत है।
उद्घाटन सत्र के बाद तीन उप-सत्र आयोजित किये गए। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री साध्वी निरंजन ज्योति ने 'एसएचजी का बड़े व्यावसायिक उद्यमों में विस्तार' विषय पर पहले उप-सत्र की अध्यक्षता की। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जूबिन इरानी और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने 'प्रौद्योगिकी और वित्त का लाभ उठाना' विषय पर दूसरे उप-सत्र की सह-अध्यक्षता की। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने 'बाजार और व्यवसाय विस्तार' विषय पर तीसरे उप-सत्र की अध्यक्षता की।
कुल मिलाकर तीन उप-सत्रों में 63 वक्ताओं और करीब 569 हितधारकों और अन्य लोगों ने गहन विचार-विमर्श और चर्चाएँ कीं। वेबिनार में कुल 632 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम-संचालकों और पैनल विशेषज्ञों में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों, निजी कंपनियों, सहकारी संघों, महिला स्वयं सहायता समूहों के संघों, नागरिक समाज संगठनों, बैंकों, परामर्श संस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों आदि के विशेषज्ञ-प्रतिनिधि शामिल थे, जो ग्रामीण आजीविका, उद्यमशीलता, उभरती प्रौद्योगिकियां और वित्त आदि को बढ़ावा देने के कार्य के साथ निकटता से जुड़े हुए हैं।
कार्यक्रम-संचालकों ने तीन उप-सत्रों में आयोजित चर्चाओं का सारांश प्रस्तुत किया और इसी के साथ सत्र का समापन हुआ। कार्यक्रम-संचालकों ने अपनी प्रस्तुतियों में, वेबिनार के दौरान हितधारकों द्वारा पेश की गयी सिफारिशों/सुझावों पर प्रकाश डाला, जो बजट घोषणाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कार्य बिंदुओं और समय-सीमा का आधार बनेंगे। यह देश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को अगले स्तर तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जूबिन इरानी ने समापन सत्र को संबोधित किया। मंत्री ने तीन उप-सत्रों में दिए गए आकलन और सुझावों - आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, उत्पादक उद्यमों (पीई) के लिए वस्तु कारोबार, क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखलाओं पर जोर, आदि की सराहना की। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने सत्र के समापन पर धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
प्रतिभागियों और हितधारकों के अलावा, वेबिनार के उद्घाटन सत्र में लगभग 40 लाख प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ भाग लिया, जिनमें केंद्रीय/राज्य/जिला/ब्लॉक स्तर के अधिकारी, आंगनवाड़ी/आशा कार्यकर्ता, महिला एसएचजी/संघों के सदस्य, सार्वजनिक/ निजी क्षेत्र के बैंक, नागरिक समाज संगठन और बड़े पैमाने पर आम लोग शामिल थे।
प्रधानमंत्री के संबोधन को इस लिंक पर देखा जा सकता है:
कार्यक्रम को देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
https://webcast.gov.in/mwcd
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