ग्रामीण विकास मंत्रालय

भूमि संवाद IV: भू-आधार (यूएलपीआईएन) के साथ भारत को डिजिटल और भौगोलिक सन्दर्भ युक्त बनाने पर राष्ट्रीय सम्मेलन

Posted On: 10 MAR 2023 5:41PM by PIB Delhi

भूमि संसाधन विभाग 17 मार्च 2023 को नई दिल्ली में विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) या भू-आधार के कार्यान्वयन पर राष्ट्रीय सम्मेलन - भूमि संवाद IV - का आयोजन कर रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। राष्ट्रीय सम्मेलन का विषय है - "भू-आधार (यूएलपीआईएन) के साथ भारत को डिजिटल और भू-सन्दर्भ युक्त बनाना।सम्मेलन में विभिन्न सत्रों के विषय होंगे - "भूमि रिकॉर्ड डेटा का लोकतंत्रीकरण और मातृभूमि"; “कारोबार में आसानी (ईओडीबी) तथा जीवन यापन में आसानीमें भू-आधार का अनुप्रयोग; और "सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीके - राष्ट्रीय और वैश्विक (भौगोलिक संदर्भ / सर्वेक्षण / पुनर्सर्वेक्षण / भू-आधार का उपयोग और आगे बढ़ने का रास्ता)। यह सम्मेलन भूमि-संवाद श्रृंखला के तहत देश में भूमि प्रशासन और शासन के संवाद और विचार-विमर्श, के क्रम में आयोजित किया जा रहा है। यह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, मंत्रालयों और विभागों, अन्य हितधारकों जैसे भू-स्थानिक समुदाय, स्टार्टअप, शिक्षाविदों आदि के साथ इस तरह का चौथा सम्मेलन है।

सम्मेलन विभिन्न हितधारक समूहों के अग्रणी व्यक्तियों और प्रतिभागियों के एक विविध समूह को एक साथ लाएगा, जिनमें केंद्र के साथ-साथ राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकारें, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय निकाय, व्यापार समुदाय और नागरिक समाज शामिल हैं। यह ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा, नवाचारों को प्रदर्शित करेगा, सफल केस स्टडी को साझा करेगा, समाधानों की पहचान करेगा, भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करेगा और विभिन्न विषयों पर एक-दूसरे से सीखने तथा विभिन्न क्षेत्रों में भू-आधार या विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) के संभावित उपयोग को जानने का अवसर प्रदान करेगा। भू-आधार या यूएलपीआईएन, एक 14-अंकीय अल्फा-न्यूमेरिक संख्या है, जो प्रत्येक भूमि पार्सल के अक्षांश देशांतर के आधार पर पैदा की जाती है। नागरिकों के साथ-साथ सभी हितधारकों के लिए एकीकृत भूमि सेवाएं प्रदान करने के सन्दर्भ में; यह संख्या भूमि या संपत्ति के किसी भी पार्सल पर जानकारी की सच्चाई की एकल व आधिकारिक स्रोत होगी।

सम्मेलन में देश भर के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग 300 प्रतिभागी विचार-विमर्श करेंगे।

 

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