मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने पीएमएमएसवाई के अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के तनमर्ग में मिनी एक्वेरियम सेंटर का दौरा किया


उन्होंने प्रधानमन्त्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के लाभार्थियों के बीच मछली पकड़ने के उपकरण वितरित किए

Posted On: 03 MAR 2023 7:10PM by PIB Delhi

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केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का दौरा किया। अपने दौरे के दूसरे दिन उन्होंने तनमर्ग में मछलीघर–सह-जागरूकता केंद्र के संचालन के उद्देश्य से लघु मछलीघर केंद्र का दौरा किया और मछली पालक समुदाय के साथ बातचीत की।

इसके बाद केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री महोदय ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत प्रायोजित कार्प और ट्राउट (सीएआरपी एंड टीआरओयूटी) इकाइयों के लाभार्थियों के बीच मछली पकड़ने के उपकरण वितरित किए। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) और नीली क्रांति की अन्य बहुआयामी गतिविधियों के बारे में विस्तार से  जानकारी  देते हुए  मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता (अंतर्देशीय, समुद्री और शीत जल में मत्स्य पालन  के लिए ) और इससे जुड़ी गतिविधियों, बुनियादी ढांचे के विकास, विपणन, निर्यात, और संस्थागत व्यवस्था इत्यादि पर प्रमुख रूप से जोर दिया ।

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श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने भारत में शीत जल मत्स्य पालन विषय पर मत्स्य कृषकों को जानकारी दी और कहा कि भारत सरकार ने शीत जल मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सितम्बर 1987 से ही राष्ट्रीय शीत जल मत्स्य अनुसंधान केन्द्र, उत्तराखण्ड की स्थापना की हुई है। उन्होंने आय के स्त्रोतों में वृद्धि, राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदान, ठंडे पानी की मछलियों का महत्व उनकी अद्वितीय जैव विविधता, बहुमूल्य जर्मीप्लाज्म और पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण की गुणवत्ता के रखरखाव जैसे विषयों पर भी प्रकाश डाला ।

प्रधानमन्त्री मत्स्य सम्पदा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड के लाभार्थियों, मछली किसानों और मछुआरों ने भी माननीय केंद्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला के साथ बातचीत की । परस्पर बातचीत के इस सत्र ने मंत्री महोदय को किसानों के  सामने आने वाली चुनौतियों को समझने में मदद की और उन्होंने लाभार्थियों, मछली किसानों और मछुआरों को आश्वासन दिया कि हिमालयी और ठंडे पानी वाले मत्स्य क्षेत्र में विकास में सुधार के लिए इस विषय पर काम किया जाएगा ।

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