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नेशनल ट्रस्ट ने 3 मार्च, 2023 को दिल्ली में डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में ‘‘ बौद्धिक और विकास संबंधी विकलांगता वाले व्यक्तियों की प्रतिभा और कार्य क्षेत्र ‘‘ पर एक राष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन किया


इस प्रदर्शनी का उद्घाटन नेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव द्वारा किया गया था

विभिन्न राज्यों के उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए नेशनल ट्रस्ट के पंजीकृत संगठनों ( आरओ ) द्वारा 19 स्टॉल लगाए गए थे

स्व समर्थन प्रशिक्षण कार्यक्रम का विस्तार किए जाने की आवश्यकता :  नेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव

Posted On: 03 MAR 2023 5:49PM by PIB Delhi

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव और नेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष ने राष्ट्रीय प्रदर्शनी के सभी सहभागियों का स्वागत किया और कहा कि इस प्रदर्शनी का उद्वेश्य दिव्यांगजनों की विभिन्न प्रतिभाओं और कौशलों को प्रदर्शित करना है। उन्होंने एनजीओ केंद्रों में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन का भी सुझाव दिया जहां बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों को अपने कौशलों को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। उन्होंने जानकारी दी कि हालांकि 21 प्रकार की विकलांगताएं होती हैं लेकिन नेशनल ट्रस्ट चार प्रकार की विकलांगताओं से निपट रहा है जिनके नाम हैं - टिज्म, सेरेबल पाल्सी, मानसिक विकलांगता और बहु विकलांगता। उन्होंने यह भी कहा कि स्व पक्षधरता प्रशिक्षण कार्यक्रम का विस्तार किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जाने का सुझाव दिया जिससे कि अधिक से अधिक दिव्यांगजनों को स्व समर्थक बनाया जा सके। नेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव ने दिव्यांगजनों द्वारा किए गए निष्पादन तथा स्टॉ में प्रदर्शित उत्पादों की भी सराहना की।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्रीमती शांति औलक ने कहा कि हम इन व्यक्तियों को सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाए क्योंकि हमने इन बच्चों की क्षमताओं को कम करके आंका। उन्होंने कहा कि इन बच्चों के साथ काम करते हुए हमने सीखने की ललक, जीवन के प्रति उत्साह और जिम्मेदारी लेने की भावना सीखी। उन्होंने कहा कि दिमाग की रूपरेखा सीखने के लिए बनाई गई है। अवसर मिलने पर उनमें बढ़ने की क्षमता है।

श्री ऋषि भुट्टन ने उपस्थित जनसमूह के साथ अपनी जीवन यात्रा को साझा किया कि किस प्रकार सेरेब्रल पाल्सी वाले व्यक्ति होने के नाते उन्होंने चुनौतियों पर काबू पाया।

सुश्री तान्या ने अपने जीवन का अनुभव साझा किया कि किस प्रकार वह एक विशेष शिक्षाविशारद बनीं। वह स्व समर्थन की भी एक सदस्या हैं।

एकता एवं विविधता को प्रदर्शित करते हुए दिव्यांगजनों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक प्रदर्शन के अतिरिक्त, विभिन्न स्टॉलों पर इन दिव्यांगजनों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की प्रस्तुति भी थी। इन उत्पादों को नेशनल ट्रस्ट के राज्यों अर्थात असम, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के पंजीकृत संगठनों द्वारा प्रदर्शित किया गया था। उत्तर से दक्षिण एवं पूर्व से पश्चिम तक इन दिव्यांगजनों द्वारा तैयार किए गए ये सुंदर उत्पाद बहुत ही अधिक मनमोहक थे।

9 राज्यों अर्थात असम, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, केरल के बच्चों द्वारा मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शन को दर्शकों से खूब वाहवाही मिली। ऐसी जीवंत प्रस्तुतियों का समय समय पर आयोजन किया जाना चाहिए।

टिज्म, सेरेबल पाल्सी, मानसिक विकलांगता और बहु विकलांगता वाले व्यक्तियों के कल्याण के लिए नेशनल ट्रस्ट संसद के अधिनियम, 1999 द्वारा गठित एक सांविधिक निकाय है।

प्रदर्शनी के दौरान, बौद्धिक और विकास संबंधी विकलांगता वाले व्यक्तियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम ( नृत्य, कला, गायन आदि ) के रूप में अपनी प्रतिभाओं और कौशलों का प्रदर्शन किया तथा उनके द्वारा विकसित विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित किया। नेशनल ट्रस्ट के पंजीकृत संगठनों ( आरओ ) द्वारा 19 स्टॉ लगाए गए थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिव्यांगजनों द्वारा योग प्रदर्शन, दिव्यांगजनों द्वारा बिहु नृत्य और देशभक्ति नृत्य शामिल थे तथा प्रदर्शनी के दौरान 10 आरओ द्वारा दूसरे प्रदर्शन किए जाएगे।  

दिल्ली की मुस्कान पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. शांति औलकदिव्यांगजनों के साथ काम करने के अनुभव साझा करने परचर्चा करेंगी। इसके अतिरिक्त, दो कामकाजी दिव्यांगजन प्रदर्शनी के दौरान अपने अनुभव साझा करेंगे।

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