जनजातीय कार्य मंत्रालय
केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने 2 मार्च को ‘‘पीवीटीजी क्षेत्रों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों के प्रक्षेत्र दौरों पर चर्चा’’ की अध्यक्षता की
यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि सरकार की स्कीम का कार्यान्वयन पीवीटीजी समुदायों की स्वदेशी जीवनशैली तथा संस्कृति को ध्यान में रखते हुए किया जाए : श्री अर्जुन मुंडा
Posted On:
03 MAR 2023 4:25PM by PIB Delhi
श्री अर्जुन मुंडा ने कल राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान मिशन में ‘‘पीवीटीजी क्षेत्रों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों के प्रक्षेत्र दौरों पर चर्चा’’ की अध्यक्षता करते हुए कहा, ‘‘ विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की आवश्यकताओं को बहुत अधिक से उपेक्षित किया जाता रहा है। प्रधानमंत्री के इस समुदाय के उत्थान के संकल्प के कारण, सरकार परियोजनाओं का नेतृत्व कर रही है और उनके विकास तथा कल्याण के लिए ठोस प्रयास कर रही है। इन दौरों से प्राप्त इनपुट पीएम- पीवीटीजी विकास मिशन स्कीम के कार्यान्वयन की योजना बनाने में अत्यधिक आवश्यक होगी।’’ श्री अर्जुन मुंडा ने सभी अधिकारियों की प्रस्तुतियों की समीक्षा की, उनके मार्गदर्शन तथा निर्देशों के जरिये संबंधित समुदायों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें दिशानिर्देश दिया।
इस अवसर पर श्री अर्जुन मुंडा ने यह भी कहा कि आज के विचार विमर्शों ने इन पीवीटीजी क्षेत्रों में अवसंरचना तथा विकास में अंतरालों को स्पष्ट किया है और इनपुट पीएम- पीवीटीजी विकास मिशन स्कीम के कार्यान्वयन की योजना बनाने के दौरान इसी पर मंत्रालय का फोकस होगा। श्री मुंडा ने कहा कि हमें हमारे कार्यके माध्यम से अनिवार्य रूप से प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के विजन को गति देनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से संबंधित पीवीटीजी का ‘पालक अधिकारी’ होने का भी आग्रह किया कि उन्हें भारत को प्रत्यक्ष रूप से जानने के अनूठे अनुभव को प्राप्त करने के लिए यह दायित्व सौंपा गया था।
जनजातीय मामले मंत्रालय के सचिव श्री अनिल कुमार झा ने पीवीटीजी की जमीनी सच्चाई को समझने के लिए इस तरह के और निरंतर प्रक्षेत्र दौरे करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उनके अपने विकास के लिए वास्तविक हितधारक -पीवीटीजी के साथ परामर्श से स्थानीय समाधानों की तथा वास्तविक और विशिष्ट चुनौतियों और अंतरालों से निपटने की आवश्यकता है।’’
पीवीटीजी समुदायों के संरक्षण तथा विकास से संबंधित मुद्दों पर विशेष ध्यान देने के लिए, केंद्रीय जनजातीय मंत्री ने पीवीटीजी समुदायों की स्थिति से अवगत होने तथा संबंधित राज्य सरकार/यूटी प्रशासन अधिकारियों के परामर्श से परिप्रेक्ष्य योजना के लिए जमीनी स्तर के आकलन के लिए पीवीटीजी वासों में प्रक्षेत्र दौरों का आयोजन करने के लिए अधिकारियों को प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया था।
इसी के अनुरूप, मंत्रालय, एनईएसटीएस, ट्राइफेड तथा एनएसटीएफडीसी के अधिकारियों को दौरा करने तथा उनकी सामाजिक- आर्थिक सांस्कृतिक स्थिति पर रिपोर्ट करने के लिए एक विशिष्टि पीवीटीजी समुदाय सौंपा गया था।
50 से अधिक अधिकारियों ने दौरे को पूरा किया है जिनमें से सात ने श्री मुंडा के समक्ष अपने अनुभव तथा प्रमुख निष्कर्ष प्रस्तुत किए।
- अधिकारियों ने व्यापक रूप से निम्नलिखित मुद्वों पर ध्यान केंद्रित किया :
- व्यवसाय/आजीविका के साधन
- पीने का पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल जैसी मूलभूत सेवाओं तक पहुंच
- आवास, सड़क संपर्क, खेती योग्य भूमि जैसी मूलभूत बुनियादी ढांचा सुविधाओं की उपलब्धता
- समुदाय की संस्कृति तथा परंपराएं
- कुछ अनुशंसाओं के साथ समुदाय की विशिष्ट आवश्यकताएं तथा चुनौतियां।
पीवीटीजी समुदाय के समावेशी विकास और समग्र कल्याण के लक्ष्य की दिशा में अनुभवों, सुझावों और विचारों के आदान प्रदान में सक्षम बनाते हुए, यह विचार विमर्श सभी के लिए आंखें खोलने वाली चर्चा साबित हुई।
भारत सरकार ने 1 फरवरी, 2023 को आम बजट 2023-24 में विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीजीटीवी) के कल्याण के लिए एक मिशन ‘‘प्रधानमंत्री पीवीटीजी मिशन’’ की घोषणा की थी। समूह के सामाजिक- आर्थिक विकास के लिए अगले तीन वर्षों के लिए 15,000 करोड़ रुपये का एक फंड आवंटित किया गया है।
प्रधानमंत्री पीवीटीजी मिशन ‘अंतिम मील तक पहुंचना - किसी भी नागरिक को वंचित नहीं रहने देना’ के एक हिस्से के रूप में लांच किया जाएगा क्योंकि भारत के 18 राज्यों और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में 75 पीजीटीवी समूह फैले हुए हैं जिन्हें इस स्कीम से लाभ प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन की शुरुआत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, पीने के स्वच्छ पानी तथा स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण की बेहतर सुविधा, सड़क और दूरसंचार संपर्क और टिकाऊ आजीविका अवसरों जैसी मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण करने के लिए की गई है।
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